ईरान का कहना है कि उसे पूरा भरोसा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत सफल होने के बाद प्रस्तावित शांति पाइपलाइन का निर्माण कार्य शुरु हो जाएगा। इस परियोजना के तहत ईरान से प्राकृतिक गैस पाकिस्तान के रास्ते भारत पहुंचनी है।
बिजनेस स्टैंडर्ड के साथ बातचीत में ईरान के विदेश मंत्री मनूचेहर मोट्टाकी ने कहा कि वह भारत और पाकिस्तान के बीच हो रही वार्ता के निष्कर्ष तक पहुंचने का इंतजार कर रहे हैं।
एक बार यह सफल हो जाए तो इस परियोजना को अमली जामा पहनाना आसान हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि अभी अफगानिस्तान में हो रही गतिविधियों से परियोजना पर कोई असर नहीं पड़ेगा और इस मामले में वह कई भारतीय मित्रों से संपर्क बनाए हुए हैं।
वैसे बुश प्रशासन इस परियोजना को हथियार खरीद-फरोख्त से जोड़कर इसे थोड़ा टेढ़ा मेढ़ा बनाने की कोशिश कर रही है। लेकिन पाकिस्तान इस मामले को अनसुनी कर रहा है।
मोट्टाकी ने बताया कि उनका देश भारत और अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के बीच हुए करारों का भी समर्थन करती थी।
ईरान ने इस बात पर कडा विरोध जताया है कि अमेरिका और इजरायल अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा और परमाणु हथियारों को बढावा न देने के मुद्दे पर सबसे बडा खतरा है। उन्होंने कहा कि परमाणु मुद्दे पर लगाए गए नये प्रतिबंध से ईरान की अर्थव्यवस्था पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
