इजराइल के दक्षिण में अभूतपूर्व युद्ध जैसे हालात को देखते हुए शनिवार को भारतीय दूतावास ने सभी भारतीय नागरिकों को “सतर्क रहने” और “सुरक्षा नियमों का पालन” करने की सलाह दी है।
इजराइल पर आतंकवादी संगठन हमास के हमले में कम से कम 22 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि सैंकड़ों लोग घायल हुए हैं।
प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू ने “युद्ध” की घोषणा करते हुए कहा है कि उनका देश दुश्मन से “अभूतपूर्व कीमत” वसूल करेगा। दूतावास ने अपने परामर्श में कहा, “इजराइल में वर्तमान स्थिति को देखते हुए, इजराइल में मौजूद सभी भारतीय नागरिकों से अनुरोध किया जाता है कि वे सतर्क रहें और स्थानीय अधिकारियों की सलाह के अनुसार सुरक्षा नियमों का पालन करें। कृपया सावधानी बरतें, अनावश्यक आवाजाही से बचें और सुरक्षित स्थलों के करीब रहें।”
परामर्श अंग्रेजी, हिंदी, मराठी, तमिल, तेलुगु, मलयाली और कन्नड़ भाषाओं में जारी किया गया है।
दूतावास की वेबसाइट पर दिए गए विवरण के अनुसार, इजराइल में लगभग 18,000 भारतीय नागरिक हैं, जिनमें मुख्य रूप से इजराइली बुजुर्गों, हीरा व्यापारियों, आईटी पेशेवरों और छात्रों की देखभाल करने के लिए नियुक्त लोग शामिल हैं। इजराइल में भारतीय मूल के लगभग 85,000 यहूदी भी हैं जो पचास और साठ के दशक में भारत से इजराइल गए थे।
भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हमास उग्रवादियों के हमले के मद्देनजर शनिवार को इजराइल के प्रति एकजुटता व्यक्त की। मोदी ने इजराइल पर हुए हमास के हमले को ‘आतंकवादी हमला’ करार देते हुए इसकी निंदा की।
इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने स्थिति को लेकर कहा कि उनका देश युद्धरत है। ऐसे में उन्होंने कहा, ‘इजराइल में आतंकवादी हमलों की खबर से स्तब्ध हूं। हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं निर्दोष पीड़ित परिवारों के साथ हैं। इस कठिन घड़ी में हम इजराइल के साथ एकजुटता से खड़े हैं।’
(Input-PTI)