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भारत तय समय में एनडीसी दाखिल नहीं कर पाएगा

पेरिस समझौता क्रियान्वयन और अनुपालन समिति ने बीते साल की बैठक के बाद देशों से अनुरोध किया था कि वे 10 फरवरी तक 2035 के अपने एनडीसी दाखिल करें।

Last Updated- February 09, 2025 | 10:20 PM IST
Editorial: 2024 the hottest year ever, concrete steps needed to deal with climate crisis 2024 अब तक का सबसे गर्म साल, जलवायु संकट से निपटने के लिए ठोस कदम की जरूरत

(पूजा दास)

पेरिस समझौते के तहत जलवायु कार्ययोजना के तीसरे दौर को पेश करने की समयसीमा 10 फरवरी से भारत चूकता दिख रहा है। इस मामले के जानकार सूत्रों के मुताबिक भारत के लक्ष्य में उल्लेखनीय वृद्धि करने की भी संभावना नहीं है।

ये जलवायु कार्ययोजनाएं राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (एनडीसी) के रूप में जानी जाती हैं। ये उन जलवायु कार्यों का विवरण देती हैं जिन्हें देश पेरिस समझौते के अनुसार हर पांच साल में पूरा करने का इरादा रखते हैं। एनडीसी का आगामी दौर 2030 से 2035 की अवधि के लिए है।

पेरिस समझौता क्रियान्वयन और अनुपालन समिति ने बीते साल की बैठक के बाद देशों से अनुरोध किया था कि वे 10 फरवरी तक 2035 के अपने एनडीसी दाखिल करें। यह बैठक ब्राजील के बेलेम में होने वाली अगली सालाना वैश्विक जलवायु परिवर्तन बैठक से करीब नौ महीने पहले हुई।

अभी तक ब्रिटेन, ब्राजील, अमेरिका, स्विट्जरलैंड, न्यूजीलैंड, यूएई और उरुग्वे – वैश्विक उत्सर्जन में 16 फीसदी हिस्सेदारी- ने अपनी कार्ययोजना पेश की है, जबकि कुल सदस्य 198 हैं।

हालांकि यूएन की 10 फरवरी की समयसीमा निर्धारित है लेकिन एनडीसी की प्रस्तुतियों में देरी स्वाभाविक है। बीता एनडीसी दौर फरवरी, 2020 में हुआ और उस साल के अंत में केवल 48 देशों ने प्रस्तुतियां दी थीं। इनमें से ज्यादातर देश वर्ष 2021 के अंत के कॉप26 के लक्ष्यों को हासिल करने की ओर अग्रसर थे।

इस बार भारत अपनी 2035 की कार्ययोजनाओं को लेकर सावधानीपूर्वक रुख अपना रहा है। बाकू कॉप के विकासशील देशों को जलवायु के लिए धन मुहैया कराने में विफल रहने के बाद यह स्पष्ट हो गया है। हालांकि प्रस्तुतियां देर से देने पर कोई कानूनी दंड नहीं है। सूत्रों के मुताबिक कॉप30 से पहले इस साल की दूसरी छमाही में प्रस्तुतियां पेश किए जाने की उम्मीद है।

इस बारे में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के सचिव और प्रवक्ता को सवाल भेजे गए थे लेकिन खबर लिखे जाने तक जवाब नहीं मिला।

First Published - February 9, 2025 | 10:20 PM IST

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