भारत और रूस बुनियादी ढांचा क्षेत्र में बड़ी भागीदारी करने वाले हैं, जिसके लिए रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के संक्षिप्त दौरे के समय कई करार पर हस्ताक्षर किए गए। इन समझौतों में कच्चे तेल की आपूर्ति का सौदा, मैनपावर ट्रेनिंग, तेल रिफाइनरी के लिए तकनीक का हस्तांतरण और मैटलर्जिकल टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में शोध शामिल है।
अधिकारियों के मुताबिक, ये करार मुख्य रूप से इस पर केंद्रित हैं कि भारतीय कंपनियां क्षमता निर्माण में रूस की तकनीक का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित हों।
भारत की एनटीपीसी और रूस की इंटर राव-एक्सपोर्ट के बीच बिजली क्षेत्र में सहयोग के लिए एमओयू बिजली के सीमापार व्यापार के लिए हुआ है। एनटीपीसी के बिजनेस डेवलपमेंट विंग के अधिकारियों ने पुतिन के प्रतिनिधिमंडल मेंं शामिल समकक्ष रूसी अधिकारियों से मुलाकात की है।
विदेश मंत्रालय के मुताबिक, एमओयू में बिजली क्षेत्र में निर्यात की खातिर संयुक्त रूप से क्षमता निर्माण संबंधी सेवाएं मुहैया कराने की बात है। रोसनेफ्ट और इंडियन ऑयल के बीच कच्चे तेल की आपूर्ति करार का इस दौरे में नवीनीकरण किया गया। इस पर फरवरी 2020 में हस्ताक्षर किए गए थे और भारत इस सौदे के तहत रूस से सालाना 20 लाख टन कच्चा तेल खरीदने पर सहमत हुआ है। कच्चे तेल की आपूर्ति साल 2022 के आखिर में नोवोरोसिस्क बंदरगाह से होगी।
