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जून में भारत ने रूस से खरीदा सबसे सस्ता कच्चे तेल, करीब 42 प्रतिशत सस्ता

भारत आम तौर पर माल ढुलाई, बीमा और अन्य लागतों समेत डिलीवरी के आधार पर रूस की कंपनियों से कच्चा तेल खरीदता है।

Last Updated- August 07, 2023 | 8:09 PM IST
India, Russia suspend negotiations to settle trade in rupees

रूस और यूक्रेन (Russia-Ukraine war) के बीच शुरू हुए युद्ध के बाद से भारत को जून महीने में रुसी कंपनियों के से अबतक का सबसे सस्ता कच्चे तेल मिला है। जून में भारतीय तटों पर रूसी कच्चे तेल की लैंडिंग की औसत लागत एक साल से अधिक समय पहले यूक्रेन पर मास्को के आक्रमण के बाद से सबसे कम देखी गई।

एक साल पहले 100.48 डॉलर प्रति बैरल थी कीमत

भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार, माल ढुलाई लागत समेत प्रत्येक बैरल की कीमत 68.17 डॉलर थी, जो मई में 70.17 डॉलर और एक साल पहले 100.48 डॉलर प्रति बैरल से कम है।

हालांकि, यह पश्चिमी देशों द्वारा रूस पर लगाई गई 60 प्रति डॉलर की सीमा से ज्यादा है, लेकिन इस सीमा में शिपिंग शामिल नहीं है। युद्ध के बाद से भारत, चीन के साथ रूस से कच्चे तेल खरीदने वाले दुनिया के शीर्ष उपभोक्ताओं में से एक बन गया है।

भारत आम तौर पर माल ढुलाई, बीमा और अन्य लागतों समेत डिलीवरी के आधार पर रूस की कंपनियों से कच्चा तेल खरीदता है। इसमें कच्चे तेल के परिवहन के साथ सभी लॉजिस्टिक और जोखिमों को संभालने की जिम्मेदारी विक्रेता यानी तेल बेचने वाली कंपनी की होती है, भले ही शिपमेंट का भाव सीमा के नीचे या ऊपर हो।

तेल जरूरतों को पूरा करने के लिए भारत आयात पर निर्भर

सरकार के आंकड़ों के अनुसार, जून में इराक से कच्चे तेल का आयात औसतन 67.10 डॉलर प्रति बैरल था, जबकि सऊदी अरब से आयात इससे कहीं अधिक 81.78 डॉलर प्रति बैरल था। बता दें कि भारत अपनी 88 प्रतिशत तेल मांग की जरूरतों को पूरा करने के लिए आयात पर निर्भर है।

इससे पहले तेल मंत्री हरदीप सिंह पूरी ने शुक्रवार को कहा कि रूस से मिलने वाले कच्चे तेल की कीमतों में कमी आई है। दूसरी तरफ, रूस और सऊदी अरब द्वारा बाजार को आगे बढ़ाने के लिए आपूर्ति पर अंकुश लगाने का वादा करने के बाद हाल के हफ्तों में क्रूड आयल की वैश्विक बेंचमार्क कीमतें चढ़ गई हैं।

First Published - August 7, 2023 | 8:09 PM IST

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