भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) 2024 तक व्यापक मुक्त व्यापार सौदे को अंतिम रूप देने को लेकर आशान्वित हैं। भारत में ईयू के राजदूत उगो अस्तूतो ने आज यह जानकारी दी।
भारत और ईयू दोनों जगह 2024 में अगला आम चुनाव होने वाला है। इसी को मद्देनजर रखते हुए सौदे की समयसीमा तय की गई है। अस्तूतो ने संवाददाताओं को बताया कि व्यापार समझौता चुनावों से पहले पूरा हो जाने की उ मीद है।
इस संबंध में चर्चा विश्व व्यापार संगठन की 12वी मंत्रीस्तरीय बैठक के बाद जून में आरंभ हो सकती है। व्यापार समझौते की रूपरेखा तय करने के लिए इसी महीने वाणिज्य सचिव बीवीआर सुब्रमण्यन की अगुआई में अधिकारियों का एक दल ब्रसेल्स पहुंचा था। ईयू के सांसद भी व्यापार वार्ता को आगे बढ़ाने के लिए भारत आए थे।
भारत और ईयू पिछले वर्ष मई में संतुलित और व्यापक मुक्त व्यापार और निवेश समझौतों पर चर्चा की शुरुआत करने पर सहमत हुए थे। भारत और ईयू के बीच औपचारिक चर्चा विभिन्न मुद्दों पर मतभेद होने के कारण आठ वर्ष पहले थम गई थी। इसकी वजह थी कि यह समूह वाहन और वाइन पर आयात शुल्क में कटौती करने पर अधिक जोर दे रहा था। इस चर्चा की शुरुआत 2007 में हुई थी।
हालांकि, कोविड-19 संबंधी चुनौतियों के साथ साथ ईयू की तरफ से मुक्त व्यापार समझौतों में पर्यावरण और श्रम जैसे मुद्दों को शामिल करने पर जोर दिए जाने के कारण चर्चा में प्रगति नहीं हो पाई थी। पता चला है कि व्यापार सौदे में इन मुद्दों को शामिल करने को लेकर भारत और ईयू एक ही स्थिति में हैं।
ईयू भारत का तीसरा सबसे प्रमुख व्यापार साझेदार और एक प्रमुख निवेशक है। इसी ह ते भारत और ईयू व्यापार एवं प्रौद्योगिकी परिषद की स्थापना करने पर सहमत हुए। यह परिषद व्यापार, विश्वसनीय तकनीकी और सुरक्षा के संबंधों में आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए एक रणनीतिक तंत्र है। इस कदम से इन दोनों पक्षों के बीच रणनीतिक संबंध गहरे होने के आसार हैं।
ईयू के अलावा, भारत फिलहाल ब्रिटेन, कनाडा के साथ एक व्यापार सौदे पर बातचीत कर रहा है और इजराइल तथा खाड़ी सहयोग परिषद के साथ इसी तरह के समझौते पर नजर बनाए हुए है। भारत पहले ही इस साल संयुक्त अरब अमीरात और ऑस्ट्रेलिया के साथ व्यापार समझौता कर चुका है।