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भारत-अमेरिका ने किया तकनीक, ऊर्जा परिवर्तन और रक्षा में साझेदारी का ऐलान

भारत और अमेरिका ने 'दुनिया में सबसे घनिष्ठ साझेदार बनने' के लिए अहम वैश्विक साझेदारी का ऐलान किया

Last Updated- June 23, 2023 | 9:27 PM IST
India-US announce partnerships across tech, energy transition & defence
Reuters

भारत और अमेरिका ने ‘दुनिया में सबसे घनिष्ठ साझेदार बनने’ के लिए अहम वैश्विक साझेदारी का ऐलान किया है। इसमें तकनीक साझा करने और साथ मिलकर उत्पादन करने के इरादे से द्विपक्षीय तकनीकी साझेदारी का विस्तार करना, अक्षय ऊर्जा के लिए रकम मुहैया कराने का अनूठा प्लेटफॉर्म तैयार करना और अंतरिक्ष के क्षेत्र में औद्योगिक गठजोड़ करना शामिल है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच तय समय से काफी देर तक चली द्विपक्षीय बैठक के बाद दोनों देशों ने आज तड़के संयुक्त बयान जारी किया। बयान में जोर देकर कहा गया है कि दोनों राष्ट्रों के बीच साझेदारी में मानवीय उद्यम का कोई भी पहलू अछूता नहीं छोड़ा गया है।

बयान में कहा गया कि समुद्र से लेकर सितारों तक फैली यह साझेदारी अब तकनीक की अहम भूमिका के जरिये और भी गहरी हो जाएगी। दोनों देशों ने साथ में विकास और साथ में उत्पादन सुनिश्चित करते हुए तकनीक की अधिक व्यापक साझेदारी की भारत की मांग पर सहमति जताई।

बयान में कहा गया, ‘राष्ट्रपति बाइडन ने अमेरिका से भारत को HPC तकनीक तथा सोर्स कोड के निर्यात में आने वाली बाधाएं कम करने के लिए अमेरिकी संसद के साथ मिलकर काम करने का अपनी सरकार का संकल्प भी दोहराया।’ बयान में आर्टिफिशल इंटेलिजेंस, एडवांस्ड वायरलेस और क्वांटम प्रौद्योगिकियों पर नई व्यवस्था लागू करने की भी घोषणा की।

बयान के अनुसार दोनों नोताओं ने भारत की अंतरिक्ष नीति – 2023 का स्वागत किया और अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था की समूची मूल्य श्रृंखला में भारतीय तथा अमेरिकी निजी क्षेत्रों के बीच वाणिज्यिक सहयोग बढ़ाने की अपील की। उन्होंने निर्यात पर मौजूदा बंदिशों पर बात करने और तकनीक का हस्तांतरण आसान बनाने का भी आह्वान किया।

दोनों देशों ने हरित ऊर्जा के लिए अरबों डॉलर का निवेश मंच बनाने की घोषणा की, जिसका मकसद स्वच्छ ऊर्जा के अधिक से अधिक उपयोग के लिए जरूरी पूंजी मुहैया कराना और जोखिम कम करना है। हरित हाइड्रोजन, तटीय तथा अपतटीय पवन ऊर्जा तथा अन्य नई तकनीकों पर भी सहयोग बढ़ाने के लिए एक और मंच की घोषणा की गई।

मोदी की इस यात्रा में आपूर्ति श्रृंखला (सप्लाई चेन) सुरक्षित करना अहम मसला रहा है और दोनों देशों ने जरूरी उत्पादों तथा तकनीक का भरोसेमंद प्रवाह सुनिश्चत करने के लिए साझेदारियां तथा संकल्प दोहराए।

संयुक्त बयान में ओपन रेडियो एक्सेस नेटवर्क (ओ-रन) और 5G तथा 6G तकनीकों में शोध तथा विकास पर केंद्रित उन्नत संचार के लिए दो संयुक्त कार्य बल गठित करने की बात भी कही। दोनों देशों में दोनों बाजारों के ऑपरेटरों तथा वेंडरों के साथ मिलकर ओ-रन का परीक्षण करने और उसे शुरू करने के लिए यूएस इंटरनैशनल डेवलपमेंट फाइनैंस कॉरपोरेशन वित्तीय मदद करेगा।

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बयान में पिछले साल जून में अमेरिका, यूरोपीय संघ और जी-7 के अन्य सदस्यों द्वारा गठित वैश्विक खनिज सुरक्षा साझेदारी में भारत के भी शामिल होने का ऐलान किया गया। इस साझेदारी का लक्ष्य लीथियम और कोबाल्ट जैसे महत्त्वपूर्ण खनिजों के खनन तथा दुनिया भर में उनकी आपूर्ति में चीन के दबदबे को कम करना है।

बयान में रक्षा खरीद तथा औषधि के क्षेत्र में आपूर्ति श्रृंखला सुरक्षित करने के लिए ज्यादा गहरे गठबंधन के मौकों का भी जिक्र किया गया। बयान में कहा गया, ‘भारत तथा अमेरिका के रक्षा मंत्रालय आपूर्ति सुरक्षित करने पर बातचीत करेंगे और पारस्परिक रक्षा खरीद समझौते पर भी चर्चा आरंभ होगी।’

रक्षा के क्षेत्र में दोनों देश विमानों तथा नौकाओं के लिए भारत में ही लॉजिस्टिक्स, मरम्मत तथा रखरखाव का ढांचा तैयार करने के लिए साथ काम करने पर रजामंद हैं। संयुक्त बयान में इंडो-यूएस डिफेंस एक्सीलरेशन इकोसिस्टम (India-U.S Defense Acceleration Ecosystem- INDUS-X) शुरू करने की भी घोषणा की गई। इंडस एक्स विश्वविद्यालयों, स्टार्ट-अप, उद्योग और संस्थाओं का नेटवर्क है, जिसका उद्देश्य साथ मिलकर रक्षा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नवोन्मेष करना है।

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विमानन क्षेत्र के बारे में अहम घोषणा करते हुए बयान में कहा गया कि बोइंग भारत में पायलटों को प्रशिक्षण देने के लिए बुनियादी ढांचे और कार्यक्रमों पर 10 करोड़ डॉलर खर्च करेगी। इससे अगले 20 साल में 31,000 नए पायलटों की भारत की जरूरत पूरी करने में मदद मिलेगी। नेताओं ने भारत में विमानों के रखरखाव आदि के लिए सी-17 की आफ्टरमार्केट सपोर्ट सुविधा तथा पुर्जों के लिए नया लॉजिस्टिक्स सेंटर भारत में पूरे होने की बोइंग की घोषणा का भी स्वागत किया।

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भारत के नागरिकों के लिए अगले साल तक 1-बी और एल श्रेणियों के अस्थायी कार्य वीजा का नवीकरण भारत में ही करने देने के अमेरिकी फैसले का जिक्र करते हुए बयान में कहा गया कि दोनें पक्ष नए वाणिज्य दूतावास भी खोलेंगे। अमेरिका ये दूतावास बेंगलूरु और अहमदाबाद में खोलेगा। भारत के वाणिज्य दूतावास सिएटल और दो अन्य अमेरिकी शहरों में खुलेंगे।

बयान में कहा गया, ‘नेताओं ने अधिकारियों को यात्रा सुगम बनाने के लिए और भी तरीके तलाशने का निर्देश दिया।’

First Published - June 23, 2023 | 9:27 PM IST

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