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रूस से आयातित तेल के दामों में आ सकती है कमी

Last Updated- December 11, 2022 | 4:00 PM IST

अमेरिका ने कहा है कि वह विकसित देशों के समूह जी-7 की घोषणा के अनुरूप रूस के तेल आयात पर एक मूल्य सीमा लागू कराने के लिए संकल्पबद्ध है। अमेरिका ने कहा कि यह रूसी तेल के दाम की सीमा तय करने का ‘प्रभावशाली तरीका’ यूक्रेन में रूस के ‘गैरकानूनी युद्ध’ के लिए धन जुटाने के मुख्य स्रोत पर तगड़ी चोट करेगा। 
इसके अलावा इस कदम से अमेरिका को तेजी से बढ़ती वैश्विक मुद्रास्फीति से लड़ने में मदद मिलने की भी उम्मीद है। जी7 समूह के सदस्य देशों ने शुक्रवार को रूस के तेल आयात पर मूल्य सीमा लागू करने के लिए तत्काल कदम उठाने का संकल्प जताया। 

रूस अपने कच्चे तेल की बिक्री से मिलने वाले धन का इस्तेमाल यूक्रेन के खिलाफ जारी सैन्य कार्रवाई में कर रहा है। इस वित्तीय स्रोत को कमजोर करने के लिए जी7 रूसी तेल की एक सीमा तय करना चाहता है। जी7 ने एक बयान में कहा, ‘हम रूस से तेल खरीद की मंशा रखने वाले सभी देशों से यह अनुरोध करते हैं कि वे निर्धारित मूल्य सीमा से कम दाम पर ही रूस से तेल की खरीद करें।’
जी7 समूह में ब्रिटेन, अमेरिका, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली और जापान हैं। यह दुनिया की सात सबसे बड़ी एवं अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं का संगठन है जिसका वैश्विक व्यापार और अंतरराष्ट्रीय वित्तपोषण व्यवस्था पर प्रभुत्व है। 

अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरेन जीन-पियरे ने शुक्रवार को यहां नियमित प्रेस ब्रीफिंग में कहा, ‘रूसी तेल आयात पर मूल्य सीमा तय करना एक प्रभावशाली तरीका है। यह वैश्विक ऊर्जा कीमतों को इस तरह से कम करने के हमारे एजेंडा का हिस्सा है जो अमेरिका में और दुनियाभर में उपभोक्ताओं को लाभान्वित करेगा।’
 अमेरिका समेत तमाम पश्चिमी देश यूक्रेन पर रूस के हमले के खिलाफ सख्त रवैया अपनाए हुए हैं। उन्होंने रूस पर कई आर्थिक प्रतिबंध भी लगाए हैं। लेकिन इन पाबंदियों से बेअसर रूस यूक्रेन के खिलाफ युद्ध जारी रखे हुए है।

First Published - September 3, 2022 | 2:41 PM IST

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