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Hinduja family: हिंदूजा परिवार पर नौकरों के शोषण का आरोप, नौकर की सैलरी से ज्यादा खर्चा कुत्ते पर किया

हिंदूजा परिवार के वकीलों ने इन दावों को खारिज कर दिया। उन्होंने नौकरों की गवाही का हवाला दिया, जिन्होंने कहा कि उनके साथ सम्मान से पेश आया गया

Last Updated- June 18, 2024 | 8:03 PM IST
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ब्रिटेन के सबसे अमीर हिंदूजा परिवार पर उनके नौकरों को अवैध रूप से लाने और उनका शोषण करने का आरोप है। स्विट्जरलैंड की अदालत में उन्हें जेल की सजा सुनाए जाने की मांग की गई है। अभियोजक यवेस बर्टोसा ने अदालत में बताया कि, “उन्होंने एक कुत्ते पर अपने एक नौकर से ज्यादा खर्च किया।” उन्होंने यह भी दावा किया कि एक महिला को सिर्फ सात स्विस फ्रैंक (655 रुपये) हफ्ते के सातों दिन और दिन में 18 घंटे तक काम करने के लिए दिए जाते थे।

अभियोजक ने यह भी कहा कि नौकरों के कॉन्ट्रैक्ट में काम के घंटों या छुट्टी के दिनों का जिक्र नहीं था, क्योंकि उन्हें जरूरत के हिसाब से उपलब्ध रहना पड़ता था। अभियोजक ने यह भी तर्क दिया कि नौकरों के पासपोर्ट जब्त कर लिए गए थे और उनके पास खर्च करने के लिए स्विस फ्रैंक नहीं थे क्योंकि उनका वेतन भारत में दिया जाता था।

उन्होंने कहा कि नौकर अपने नियोक्ता की अनुमति के बिना घर नहीं छोड़ सकते थे और उनकी स्वतंत्रता बहुत कम थी या बिल्कुल नहीं थी। अभियोजक ने अजय हिंदूजा और उनकी पत्नी नम्रता को जेल की सजा सुनाए जाने की मांग की और परिवार से 1 मिलियन स्विस फ्रैंक (करीब 9 करोड़ 43 लाख रुपये) अदालती खर्चों के लिए और कर्मचारियों के लिए मुआवजा राशि के रूप में 3.5 मिलियन फ्रैंक (करीब 33 करोड़) देने की मांग की।

हिंदूजा परिवार ने आरोपों पर क्या कहा:

हिंदूजा परिवार के वकीलों ने इन दावों को खारिज कर दिया। उन्होंने नौकरों की गवाही का हवाला दिया, जिन्होंने कहा कि उनके साथ सम्मान से पेश आया गया। हिंदूजा परिवार ने अभियोजक पर यह आरोप भी लगाया कि वो वेतन को लेकर गलत तस्वीर पेश कर रहे हैं। उनके वकील का कहना है कि वेतन कर्मचारियों की पूरी कमाई नहीं बताता क्योंकि उन्हें रहने और खाने की सुविधा भी दी जाती थी।

18 घंटे काम करने के दावे को भी हिंदूजा परिवार के वकीलों ने अतिशयोक्ति बताया। उन्होंने कहा, “जब वो बच्चों के साथ फिल्म देखते हैं, तो क्या इसे काम माना जा सकता है? मुझे नहीं लगता।” वकीलों ने आगे कहा कि “अमीरों को लूटकर गरीबों को अमीर बनाना” आकर्षक लगता है, लेकिन “इस मामले में दिया गया फैसला न्यायिक होना चाहिए।”

First Published - June 18, 2024 | 7:47 PM IST

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