भारत दूसरे देशों को ‘आधार’, यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई), डिजिलॉकर की तरह तकनीक आधारित प्रणाली विकसित करने के लिए डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर (डीपीआई) का एक वैश्विक भंडारगृह (रिपॉजिटरी) तैयार करेगा और इसे समर्थन भी देगा। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
इस रिपॉजिटरी में कई ऐसे ऐप्लिकेशन होंगे जिनका कई देश इस्तेमाल कर पाएंगे या अपनी आवश्यकतानुसार इनमें बदलाव या संशोधन कर अपने यहां आजमाएंगे। जी-20 डिजिटल अर्थव्यवस्था पर आयोजित मंत्रियों की बैठक में हुई चर्चा पर चंद्रशेखर ने जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आठ देशों ने आधार एवं डिजिलॉकर जैसी प्रणाली तैयार करने में मदद के लिए भारत के साथ समझौते के मसौदे पर हस्ताक्षर किए हैं। ये देश ऐसी प्रणाली का इस्तेमाल अपने देशों में सार्वजनिक हित के लिए करना चाहते हैं।
जिन देशों ने डीपीआई के लिए भारत के साथ समझौते किए हैं उनमें लैटिन अमेरिका के एंटीगुआ, बारबुडा और त्रिनिदाद ऐंड टोबैगो, अफ्रीका का सियरा लियोन, दक्षिण अमेरिका का सूरीनाम, पूर्वी यूरोप का अर्मेनिया और एशिया में पापुआ न्यू गिनी और मॉरीशस शामिल हैं।
भारत अपने यहां डिजिटल प्लेटफॉर्म में इस्तेमाल हुई तकनीक, इनसे संबंधित हुनर और भारतीय स्टार्टअप कंपनियों एवं नवाचार तंत्र के साथ साझेदारी करने की पेशकश इन देशों को करेगा। भारत ने डिजिटल क्षेत्र में व्यापक सहयोग के लिए सऊदी अरब और मिस्र के साथ भी समझौते किए हैं। मंत्री ने कहा कि इस बात पर सभी की एक राय थी कि दुनिया में आर्थिक रूप से कमजोर एवं विकासशील देशों में डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक संगठन बनाकर सामूहिक प्रयास किया जाना चाहिए।
चंद्रशेखर ने कहा, ‘मंत्रियों की बैठक में डीपीआई एवं उन देशों की मदद के लिए धन जुटाने पर भी चर्चा हुई जो डिजिटलीकरण में पीछे रह गए हैं।‘ हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि धन जुटाने के लिए क्या उपाय किए जाएंगे और यह कहां से आएगा। मंत्री ने कहा कि डीपीआई को समर्थन और इसके इस्तेमाल को बढ़ावा देने में बहुपक्षी संगठनों, सरकारों और गैर-सरकारी संगठनों ने दिलचस्पी दिखाई है।
पहले आईं खबरों के अनुसार जी-20 डिजिटल अर्थव्यवस्था कार्यकारी समूह (डीईडब्ल्यू) तीन प्रमुख खंडों डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्टर, साइबर सिक्योरिटी और डिजिटल कौशल विकास पर विशेष ध्यान केंद्रित करेगी। चंद्रशेखर ने कहा कि कार्यकारी समूह डीपीआई के घटकों पर सहमत हो गए हैं।
उन्होंने कहा, ‘यह पहली बार हुआ है जब डीपीआई की परिभाषा, इसके ढांचे और सिद्धांतों पर दुनिया में सहमति बनी है। इस विषय पर पूरे उत्साह के साथ चर्चा हुई और जी-20 समूह के संदर्भ में भी यह विषय जोर-शोर से उठाया जा रहा है। प्रगति एवं विकास में तकनीक का बखूबी इस्तेमाल कर भारत दुनिया की नजरों में एक मिसाल बन गया है।‘