वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने दो दिवसीय ब्रिटेन यात्रा में अपने समकक्ष जोनाथन रेनॉल्ड्स से मुलाकात की। इससे दोनों देशों के बीच दीर्घकालिक लंबित मुद्दों को सुलझा कर मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) आगे बढ़ाया जा सकेगा। इसके अलावा शुल्क घटाने, बाजार में पहुंच बढ़ाने और एफटीए के जरिये व्यापार मानदंडों को सरल बनाने, अमेरिका के देश-वार जवाबी शुल्क लगाए जाने की योजना पर भी ध्यान केंद्रित किया जाना है। अमेरिका ने देश-वार जवाबी शुल्क लगाने को 9 जुलाई तक के लिए टाल दिया है।
यह बैठक उस समय हो रही है जब अमेरिका के व्यापार संरक्षणवादी नीतियां अपनाए जाने से वैश्विक व्यापार नीतियों में व्यापक बदलाव आ रहा है। गोयल ने एक्स पर सोमवार को बताया, ‘द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को मजबूत करने पर चर्चा के मकसद से दो दिवसीय यात्रा पर ब्रिटेन आया। मेरे पहले कार्यक्रम में ब्रिटेन के व्यापार व कारोबार मंत्री जोनाथन रेनॉल्ड्स के साथ सार्थक बातचीत हुई। इससे भारत-ब्रिटेन के बीच आर्थिक संबंधों को मजबूत करने की हमारी प्रतिबद्धता को बल मिला।’
सरकारी अधिकारियों ने बताया कि भारत और ब्रिटेन के बीच व्यापार वार्ताएं निष्कर्ष के करीब पहुंच रही हैं। गोयल से पूर्व वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी इस माह की शुरुआत में लंदन गई थीं और द्विपक्षीय व्यापार समझौता (बीआईटी) वार्ताओं को बढ़ावा मिला था। हालांकि दोनों पक्ष निवेश समझौते के लंबित मुद्दों में मुख्य रूप से विवादों का समाधान करने में विफल रहे। इसके अलावा केंद्रीय बजट 2025-26 में भारत के वर्तमान मॉडल बीआईटी को नया रूप देने और और निरंतर विदेशी निवेश को प्रोत्साहित करने की दिशा में कुछ प्रगति हुई और इसे ‘अधिक निवेशक अनुकूल’ बनाने के घोषणा की गई।
बीआईटी के अलावा एफटीए से जुड़े कुछ लंबित मुद्दे भी हैं। इन लंबित मुद्दों में भारत का सामाजिक सुरक्षा समझौते को शामिल करना और ब्रिटेन का वित्तीय सेवाओं में अधिक पहुंच देना शामिल हैं। भारत ने ब्रिटेन के 2027 तक कार्बन सीमा समायोजन तंत्र को पेश किए जाने पर चिंताएं जताई हैं। ब्रिटेन व्हीस्की और वाहनों पर कम शुल्क के लिए मोलभाव कर रहा है।
भारत और ब्रिटेन ने करीब एक साल के बाद फरवरी में औपचारिक रूप से तीन स्तरीय बातचीत शुरू की हैं – मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए), द्विपक्षीय निवेश संधि (बीआईटी) और दोहरा अंशदान सम्मेलन या सामाजिक सुरक्षा समझौता। मुक्त व्यापार समझौते की घोषणा के बाद गोयल और उनके ब्रिटिश समकक्ष ने दूसरी बार बैठक की है। भारत-यूके एफटीए वार्ताओं की शुरुआत जनवरी 2022 में हुई और इस समझौते को नौ महीनों में पूरा करने का महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य तय किया गया था। हालांकि ब्रिटेन में राजनीतिक अस्थिरता, विभिन्न लंबित मुद्दे और अप्रैल से जुलाई के बीच दोनों देशों में आम चुनाव होने के कारण इस समझौते तक पहुंचना और लंबित हो गया।