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शांति के लिए PM मोदी ने की राष्ट्रपति पुतिन से बात, यूक्रेन की यात्रा के अनुभव भी साझा किए; जो बाइडन ने की तारीफ

विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों नेताओं ने बांग्लादेश की स्थिति पर भी चिंता जाहिर की। वहां कानून-व्यवस्था कायम करने और हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित किए जाने पर जोर दिया।

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अर्चिस मोहन   
Last Updated- August 27, 2024 | 11:10 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन से फोन पर बात की और उनसे यूक्रेन के साथ संघर्ष के शीघ्र, स्थायी और शांतिपूर्ण समाधान के लिए भारत की दृढ़ प्रतिबद्धता दोहराई। प्रधानमंत्री ने यूक्रेन की अपनी हालिया यात्रा के अनुभव भी पुतिन के साथ साझा किए। रूसी समाचार एजेंसी तास के अनुसार मोदी ने बातचीत के दौरान इस बात की भी पुष्टि कर दी कि वह 22 से 24 अक्टूबर तक कजान में आयोजित होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने को तैयार हैं। समूह के विस्तार के बाद यह ब्रिक्स का पहला सम्मेलन है।

रूस ब्रिक्स का वर्तमान अध्यक्ष है और अपने दक्षिण-पश्चिमी शहर कजान में शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा। ब्रिक्स में पहले ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका इसके संस्थापक सदस्य थे। एक जनवरी को इसका विस्तार किया गया तथा मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात भी इस समूह का हिस्सा बन गए। अब इस समूह की सदस्य संख्या 10 हो गई है।

विदेश मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा कि मोदी और पुतिन ने रूस-यूक्रेन संघर्ष पर अपने विचारों का आदान-प्रदान किया और प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी हालिया यूक्रेन यात्रा के अनुभव भी रूसी राष्ट्रपति के साथ साझा किए।

उन्होंने संघर्ष को टालने एवं मसले का शांतिपूर्ण समाधान हासिल करने के लिए परस्पर बातचीत और कूटनीति के साथ-साथ सभी हितधारकों के बीच ईमानदार, व्यावहारिक साझेदारी के महत्त्व को रेखांकित किया। सरकारी समाचार एजेंसी तास ने क्रेमलिन की प्रेस सेवा के हवाले से बताया कि टेलीफोन पर हुई बातचीत के दौरान दोनों नेताओं ने जुलाई में प्रधानमंत्री की मास्को यात्रा के दौरान हुए व्यापार समझौतों के क्रियान्वयन पर भी चर्चा की।

दोनों पक्षों ने ब्रिक्स के सहयोग पर संतोष प्रकट किया और प्रधानमंत्री मोदी ने रूस की अध्यक्षता में अक्टूबर में कजान में होने वाले समूह के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए तैयार होने की पुष्टि की। पुतिन और मोदी ने अनेक स्तरों पर द्विपक्षीय संवाद जारी रखने पर सहमति जताई।

बीते 23 अगस्त को प्रधानमंत्री मोदी लगभग 9 घंटे की यूक्रेन की राजधानी कीव की यात्रा पर गए थे। वर्ष 1991 में आजादी के बाद किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली यूक्रेन की यात्रा थी। यहां मोदी ने राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से मुलाकात की और उन्हें भारत आने का न्योता दिया।

इस मौके पर यूक्रेन के राष्ट्रपति ने कहा कि महान देश की यात्रा करके उन्हें खुशी होगी। मोदी की कीव यात्रा पुतिन के साथ शिखर बातचीत के छह हफ्तों बाद हुई है, जिसकी पश्चिमी देशों ने खासी आलोचना की थी। उस समय प्रधानमंत्री मोदी और रूसी राष्ट्रपति पुतिन के गले मिलने को यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने बहुत ही निराशाजनक बताया था।

बीते शुक्रवार को कीव में प्रधानमंत्री मोदी ने जेलेंस्की को गले लगाया और कहा कि क्षेत्र में शांति स्थापित करने के लिए वह व्यक्तिगत रूप से अपनी भूमिका निभाने को तैयार हैं। मोदी ने इससे पहले सोमवार को अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन को अपनी यूक्रेन यात्रा के बारे में जानकारी दी थी तथा बातचीत और कूटनीति के जरिए क्षेत्र में जल्द शांति बहाल करने के लिए भारत का पूरा समर्थन जताया था।

विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों नेताओं ने बांग्लादेश की स्थिति पर भी चिंता जाहिर की। वहां जल्द से जल्द कानून-व्यवस्था कायम करने और अल्पसंख्यकों विशेषकर हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित किए जाने पर जोर दिया।

एक्स पर बाइडन के पोस्ट के अनुसार अमेरिकी राष्ट्रपति ने यूक्रेन को मानवीय समर्थन और शांति का संदेश देने के लिए मोदी की तारीफ की और दोनों नेताओं ने हिंद प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा और शांति के लिए अपना योगदान देने की प्रतिबद्धता जताई।

(साथ में एजेंसियां)

First Published : August 27, 2024 | 10:25 PM IST