चीन के साथ जारी सीमा विवाद पर भारत ने आज बेहद तल्ख टिप्पणी करते हुए चीन पर मई की शुरुआत से ही वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सैनिकों एवं सैन्य साजोसामान की बड़े पैमाने पर तैनाती करने का आरोप लगाया। विदेश मंत्रालय ने कहा कि चीन के ऐसा करने से उसे भी जवाबी कदम उठाने पड़े हैं जिससे सीमावर्ती इलाकों में तनाव बढ़ा है। भारत ने चीन को चेतावनी देते हुए कहा है कि मौजूदा स्थिति बने रहने से दोनों देशों के रिश्तों के विकास का माहौल खराब ही होगा। भारत ने पड़ोसी देश पर सीमा पर तनाव से निपटने के लिए हुए समझौतों एवं मानदंडों का लगातार उल्लंघन करने का भी आरोप लगाया है।
भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा कि चीन ने एलएसी के इर्दगिर्द बड़े पैमाने पर सैन्यबलों एवं सैन्य साजोसामान की तैनाती की है और दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुए हालिया संघर्ष की मूल वजह यही है। भारत ने कहा कि चीन के इन कदमों की ही वजह से इस क्षेत्र में तनाव बढ़ा है और 15 जून को हुई हिंसक झड़प में जवानों के शहीद होने का भी असली कारण यही है।
इस झड़प में भारत के एक कर्नल समेत 20 जवान शहीद हो गए जबकि 76 अन्य घायल हुए हैं। दूसरी तरफ चीन ने भी इस संघर्ष में अपने जवानों के हताहत होने की बात स्वीकार की है लेकिन उनकी संख्या नहीं बताई है।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि चीन की सेना ने मई की शुरुआत में लद्दाख के गलवान घाटी क्षेत्र में भारतीय जवानों के गश्त करने की परंपरागत व्यवस्था में खलल डाला है। दोनों देशों के बीच सीमा पर तनाव कम करने के लिए हुए समझौतों एवं प्रोटोकॉल के हिसाब से ग्रुप कमांडरों ने तनाव कम करने की कोशिश की लेकिन चीन ने मध्य मई में पश्चिमी सीमा क्षेत्र में भी कई जगहों पर यथास्थिति बदलने की कोशिशें कीं।
उसके बाद दोनों तरफ के वरिष्ठ कमांडरों की 6 जून को बैठक हुई जिसमें एलएसी पर तनाव कम करने एवं सैनिकों को हटाने की प्रक्रिया शुरू करने पर सहमति बनी थी। दोनों ही पक्ष एलएसी का सम्मान करने के लिए सहमत हुए और कहा कि यथास्थिति बदलने की कोशिश नहीं की जाएगी। भारत ने कहा है कि चीनी पक्ष गलवान घाटी इलाके में इस करार से पीछे हट गया और एलएसी के उस पार ढांचे खड़े करने लगा।
गत 15 जून को जब भारतीय सैनिकों ने एलएसी का मुकाम बदलने की कोशिश को नाकाम कर दिया तो चीनी सैनिक हिंसा पर उतारू हो गए। विदेश मंत्रालय के प्रवक्त ने कहा, ‘उसके बाद से उस इलाके में दोनों ही तरफ से भारी संख्या में सैन्यबलों की तैनाती है। वैसे सैनिक एवं कूटनीतिक स्तर पर संपर्क जारी हैं।’
