आर्थिक सुस्ती का सामना कर रही ग्लोबल इकोनॉमी की इस साल की ग्रोथ में भारत और चीन मिलकर करीब आधा योगदान देंगे जिससे एशिया ‘असाधारण प्रदर्शन’ करने वाला महाद्वीप बनकर उभरेगा। चीन के एक शोध संस्थान ने यह अनुमान जताया है।
चीन सरकार के अग्रणी शोध संस्थान ‘बाओ फोरम फॉर एशिया’ (बीएफए) ने मंगलवार को जारी रिपोर्ट में कहा कि वर्ष 2023 में एशियाई अर्थव्यवस्थाएं दुनिया के समग्र आर्थिक पुनरुद्धार की रफ्तार को बनाए रखे हुए हैं। इस तरह वैश्विक आर्थिक सुस्ती के दौर में एशिया का प्रदर्शन असाधारण साबित हो रहा है।
हैनान प्रांत के बाओ में आयोजित चार-दिन के सम्मेलन के पहले दिन ‘एशियाई आर्थिक परिदृश्य एवं एकीकरण में प्रगति’ शीर्षक वाली यह रिपोर्ट जारी की गई। इसके मुताबिक, वर्ष 2023 में एशिया की वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर वर्ष 2022 के 4.2 प्रतिशत से बढ़कर 4.5 प्रतिशत हो जाने का अनुमान है।
रिपोर्ट में अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा गया है कि भारत और चीन इस साल वैश्विक आर्थिक वृद्धि में मिलकर आधा योगदान देने वाले हैं। इस तरह एशियाई अर्थव्यवस्थाएं वर्ष 2023 में समग्र आर्थिक वृद्धि को तेज करने में प्रमुख इंजन बनी हुई हैं।
आईएमएफ का अनुमान है कि इस साल भारत की वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत रहेगी जबकि चीन की वृद्धि दर 5.2 प्रतिशत रह सकती है।