श्रीलंका में सरकार विरोधी प्रदर्शन रविवार को भी जारी हैं और राष्ट्रपति गोटाभाया राजपक्षे तथा प्रधानमंत्री रॉनिल विक्रमसिंघे के आवासों पर प्रदर्शनकारियों का कब्जा है। देश में उथल-पुथल के बीच राष्ट्रपति फिलहाल कहां हैं, इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। श्रीलंका एक अभूतपूर्व आर्थिक उथल-पुथल का सामना कर रहा है। 2.2 करोड़ लोगों की आबादी वाला देश सात दशकों में सबसे खराब दौर से गुजर रहा है। श्रीलंका में विदेशी मुद्रा की कमी है, जिससे देश ईंधन और अन्य आवश्यक वस्तुओं के जरूरी आयात के लिए भुगतान कर पाने में असमर्थ हो गया है। इन हालात के बीच जनता सड़कों पर है।
श्रीलंका की संसद के अध्यक्ष महिंदा यापा अभयवर्धने ने शनिवार रात को बताया कि राष्ट्रपति गोटाभाया राजपक्षे 13 जुलाई को इस्तीफा देंगे। अभयवर्धने ने शनिवार शाम को हुई सर्वदलीय नेताओं की बैठक के बाद राजपक्षे के इस्तीफे के लिए पत्र लिखा था, जिसके बाद राष्ट्रपति राजपक्षे ने इस फैसले के बारे में संसद अध्यक्ष को सूचित किया। अभयवर्धने ने बैठक में लिए गए निर्णयों पर राजपक्षे को पत्र लिखा। प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे के निजी आवास को कल प्रदर्शनकारियों ने आग के हवाले कर दिया था। अभयवर्धने ने राजपक्षे और प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के तत्काल इस्तीफे की मांग की। स्थायी प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति नहीं होने की स्थिति में संसद अध्यक्ष कार्यवाहक राष्ट्रपति बनेंगे।
इस बीच अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने रविवार को कहा कि वह श्रीलंका के हालात पर नजर बनाए हुए है। आईएमएफ ने उम्मीद जतायी की राजनीतिक गतिरोध जल्द समाप्त कर लिया जाएगा ताकि आईएमएफ समर्थित योजना पर बातचीत दोबारा शुरू हो सके। श्रीलंकाई सेना प्रमुख जनरल शैवेंद्र सिल्वा ने देश में शांति बनाए रखने के लिए लोगों से समर्थन मांगते हुए रविवार को कहा कि मौजूदा राजनीतिक संकट का शांतिपूर्ण तरीके से समाधान का अवसर अब उपलब्ध है। ‘कोलंबो गजट न्यूज’ पोर्टल ने बताया कि सिल्वा ने श्रीलंका के सभी लोगों से देश में शांति बनाए रखने के लिए सशस्त्र बलों और पुलिस का समर्थन करने का अनुरोध किया। यह बयान शनिवार को गाले फेस और फोर्ट तथा प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे के निजी आवास के पास हुई हिंसा के बाद जारी किया गया। कोलंबो के एक अस्पताल ने बताया कि 102 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिसमें 11 मीडियाकर्मी शामिल हैं। पुलिस के विशेष कार्य बल पर प्रधानमंत्री के निजी आवास में हुए प्रदर्शन के दौरान दो टेलीविजन पत्रकारों के साथ बुरी तरह मारपीट करने के आरोप हैं।
सर्वदलीय सरकार पर सहमति
श्रीलंका के मुख्य विपक्षी दल राष्ट्रपति गोटाभाया राजपक्षे के संभावित इस्तीफे के बाद सर्वदलीय अंतरिम सरकार बनाने पर रविवार को सहमत हो गए। श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाभाया राजपक्षे ने शनिवार को घोषणा की थी कि वह 13 जुलाई को इस्तीफा दे देंगे। श्रीलंका में राष्ट्रपति राजपक्षे के इस्तीफे की मांग करते हुए शनिवार को प्रदर्शनकारियों के मध्य कोलंबो के कड़ी सुरक्षा वाले फोर्ट इलाके में राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास में घुसने के बाद प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे और राजपक्षे ने इस्तीफा देने की पेशकश की थी। राजपक्षे के संभावित इस्तीफे के बाद मौजूदा आर्थिक संकट में देश को आगे बढ़ाने के तरीकों की तलाश के लिए विपक्षी दलों ने बैठक की।
सत्तारूढ़ श्रीलंका पोदुजाना पेरामुना पार्टी (एसएलपीपी) के अलग हुए समूह के नेता विमल वीरावांसा ने कहा, ‘हम सभी दलों की भागीदारी के साथ सैद्धांतिक रूप से एक अंतरिम सरकार बनाए जाने पर सहमत हुए हैं।’ उन्होंने कहा, ‘यह ऐसी सरकार होगी जहां सभी दलों का प्रतिनिधित्व होगा।’ एसएलपीपी से अलग हुए समूह के एक अन्य नेता वासुदेव नानायकारा ने कहा कि उन्हें 13 जुलाई को राजपक्षे के इस्तीफे का इंतजार करने की जरूरत नहीं है। राष्ट्रपति राजपक्षे ने शनिवार को संसद अध्यक्ष महिंदा यापा अभयवर्धने को सूचित किया था कि देश के विपक्षी दलों द्वारा उनके इस्तीफे की मांग के बाद वह बुधवार को इस्तीफा दे देंगे। प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने भी इस्तीफे की पेशकश की है। मुख्य विपक्षी पार्टी समागी जन बालवेगया (एसजेबी) ने कहा कि उन्होंने व्यापक आंतरिक चर्चा की। एसजेबी के महासचिव रंजीथ मद्दुमा बंडारा ने कहा, ‘हमारा लक्ष्य सीमित अवधि के लिए सभी पार्टियों की अंतरिम सरकार बनाना है और फिर संसदीय चुनाव कराना है।’ राजपक्षे के इस्तीफा देने के बाद सत्ता परिवर्तन के लिए सदन की बैठक बुलाने पर चर्चा करने के लिए संसद में प्रतिनिधित्व करने वाले राजनीतिक दलों के नेताओं की सोमवार दोपहर को बैठक होनी है। विक्रमसिंघे ने शनिवार को कहा था कि वह इस्तीफा देने के इच्छुक हैं ताकि देश में सर्वदलीय सरकार गठित करने के लिए रास्ता बन सके।
भारत श्रीलंका के लोगों के साथ
कोलंबो में तेजी से हो रहे घटनाक्रम पर अपनी पहली प्रतिक्रिया में भारत ने रविवार को कहा कि वह श्रीलंका के लोगों के साथ खड़ा है क्योंकि वे लोकतांत्रिक तरीकों, मूल्यों और संवैधानिक मार्ग के जरिये समृद्धि और प्रगति के लिए अपनी आकांक्षाओं को साकार करना चाहते हैं। विदेश मंत्रालय (एमईए) के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत श्रीलंका के घटनाक्रम पर करीबी नजर रखे हुए है और वह उन कई चुनौतियों से अवगत है, जिनका देश और उसके लोग सामना कर रहे हैं। श्रीलंका में राष्ट्रपति राजपक्षे के इस्तीफे की मांग करते हुए शनिवार को प्रदर्शनकारियों ने मध्य कोलंबो के कड़ी सुरक्षा वाले फोर्ट इलाके में राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास में धावा बोल दिया था। इसके बाद राजपक्षे ने घोषणा की थी कि वह इस्तीफा दे देंगे। बागची ने कहा, ‘भारत श्रीलंका का सबसे करीबी पड़ोसी है और दोनों देशों के बीच मजबूत संबंध हैं। हम उन कई चुनौतियों से अवगत हैं जिनका श्रीलंका और उसके लोग सामना कर रहे हैं, और हम श्रीलंका के लोगों के साथ खड़े हैं क्योंकि उन्होंने इस कठिन दौर से उबरने की कोशिश की है।’ उन्होंने कहा, ‘भारत श्रीलंका के लोगों के साथ खड़ा है क्योंकि वे लोकतांत्रिक तरीकों, मूल्यों और संवैधानिक मार्ग के माध्यम से समृद्धि और प्रगति की आकांक्षाओं को साकार करना चाहते हैं।’ श्रीलंका की स्थिति पर मीडिया के सवालों के जवाब में उन्होंने श्रीलंका को उसके गंभीर आर्थिक संकट से निपटने में मदद करने के लिए भारत की वित्तीय सहायता का भी उल्लेख किया। बागची ने कहा, ‘श्रीलंका हमारी ‘पड़ोस पहले’ की नीति में केंद्रीय स्थान पर है, इसलिए भारत ने उसे आर्थिक संकट से निपटने के लिए इस वर्ष 3.8 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक की सहायता दी।’ गंभीर आर्थिक संकट से ग्रस्त श्रीलंका पिछले कुछ महीनों से भोजन, ईंधन और दवाओं की भारी कमी से जूझ रहा है। राष्ट्रपति राजपक्षे ने स्थिति से निपटने के लिए मई में रानिल विक्रमसिंघे को प्रधानमंत्री नियुक्त किया था।
अमेरिका का स्थिरता के लिए आग्रह
अमेरिका ने रविवार को श्रीलंका के राजनीतिक समुदाय से आगे आने और लोगों के असंतोष को दूर करने के लिए दीर्घकालिक आर्थिक और राजनीतिक समाधान के वास्ते जल्द काम करने का आग्रह किया।
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने रविवार को कहा कि अमेरिका ‘श्रीलंका की संसद से किसी एक राजनीतिक दल की नहीं बल्कि राष्ट्र की बेहतरी की प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ने का आह्वान करता है।’
प्रवक्ता ने कहा, ‘हम इस सरकार या किसी भी नयी, संवैधानिक रूप से चुनी गई सरकार से उन समाधानों की पहचान करने और उन्हें लागू करने के लिए शीघ्रता से काम करने का आग्रह करते हैं जो दीर्घकालिक आर्थिक स्थिरता प्राप्त करेंगे और बिजली, भोजन और ईंधन की कमी सहित बिगड़ती आर्थिक स्थितियों पर श्रीलंकाई लोगों के असंतोष को दूर करेंगे।’
सेना प्रमुख ने देश में शांति बनाए रखने के लिए सहयोग मांगा
श्रीलंकाई सेना प्रमुख जनरल शैवेंद्र सिल्वा ने देश में शांति बनाए रखने के लिए लोगों से समर्थन मांगते हुए रविवार को कहा कि मौजूदा राजनीतिक संकट का शांतिपूर्ण तरीके से समाधान का अवसर अब उपलब्ध है। यह बयान ऐसे समय में आया है जब श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाभाया राजपक्षे ने कुछ घंटे पहले ही 13 जुलाई को पद छोड़ने की सहमति जतायी। श्रीलंका में आर्थिक संकट को लेकर राष्ट्रपति गोटाभाया राजपक्षे के इस्तीफे की मांग को लेकर बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी शनिवार को मध्य कोलंबो के कड़ी सुरक्षा वाले फोर्ट इलाके में राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास में घुस गए थे। प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के इस्तीफे की पेशकश किये जाने के बाद भी प्रदर्शनकारियों ने उनके निजी आवास में आग लगा दी।
राष्ट्रपति आवास में 1.78 करोड़ रुपये मिलने का दावा
श्रीलंका में राष्ट्रपति गोटाभाया राजपक्षे के आधिकारिक आवास पर धावा बोलने वाले सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति के घर के अंदर से 1.78 करोड़ रुपये बरामद करने का दावा किया है। सोशल मीडिया पर आए एक वीडियो में प्रदर्शनकारी बरामद मुद्रा नोट की गिनती करते हुए दिखाई देते हैं। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि उन्हें रविवार को राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास में 1,78,50,000 श्रीलंकाई रुपये मिले। प्रदर्शनकारियों ने बरामद रकम पुलिस को सौंप दी। सरकार विरोधी सैकड़ों प्रदर्शनकारी अवरोधकों को तोड़ने के बाद शनिवार को मध्य कोलंबो के उच्च सुरक्षा वाले क्षेत्र में स्थित राजपक्षे के आवास में घुस गए थे।
गैस का सुचारु वितरण सुनिश्चित करने का आदेश
श्रीलंका में प्रदर्शनकारियों द्वारा राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास पर कब्जा किये जाने के बाद संकट में घिरे राष्ट्रपति गोटाभाया राजपक्षे ने अधिकारियों को आदेश दिया है कि ईंधन की कमी से जूझ रहे देश को 3,700 मीट्रिक टन एलपी गैस मिलने के बाद रसोई गैस का सुचारू वितरण सुनिश्चित किया जाए। उनके कार्यालय ने रविवार को यह जानकारी दी।
श्रीलंका में राष्ट्रपति राजपक्षे के इस्तीफे की मांग करते हुए शनिवार को प्रदर्शनकारी मध्य कोलंबो के कड़ी सुरक्षा वाले फोर्ट इलाके में राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास में घुस गये थे। प्रदर्शनकारियों के उनके कार्यालय और आवास में घुसने की आशंका के मद्देनजर राष्ट्रपति वहां से निकल गये थे और वह किस स्थान पर हैं, इस बारे में अभी पता नहीं चल सका है। हाल के महीनों में लोग देशभर में सड़कों को अवरुद्ध कर रहे हैं ताकि सरकार पर गैस की कमी के मुद्दे को हल करने का दबाव बनाया जा सके। श्रीलंकाई मीडिया की खबर के अनुसार, राष्ट्रपति राजपक्षे ने अधिकारियों को गैस का वितरण करने का निर्देश दिया है, क्योंकि आज केरावलपिटिया में पहला जहाज पहुंचेगा। खबर के अनुसार, 3,740 मीट्रिक टन गैस से लदा दूसरा जहाज 11 जुलाई को पहुंचेगा, जबकि तीसरा जहाज 3,200 मीट्रिक टन गैस लेकर 15 जुलाई को आएगा। पुलिस ने बताया कि बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के प्रशासनिक भवनों पर कब्जा जमाये हुए हैं। पुलिस ने बताया कि रविवार को सुरक्षा व्यवस्था को बड़े स्तर पर बाधित करने की कोई खबर नहीं है। शनिवार को जब प्रदर्शनकारियों ने इमारत पर धावा बोला था, तो उस समय राष्ट्रपति राजपक्षे राष्ट्रपति भवन में मौजूद नहीं थे।