facebookmetapixel
Luxury Cars से Luxury Homes तक, Mercedes और BMW की भारत में नई तैयारीFiscal Deficit: राजकोषीय घाटा नवंबर में बजट अनुमान का 62.3% तक पहुंचाAbakkus MF की दमदार एंट्री: पहली फ्लेक्सी कैप स्कीम के NFO से जुटाए ₹2,468 करोड़; जानें कहां लगेगा पैसाYear Ender: युद्ध की आहट, ट्रंप टैरिफ, पड़ोसियों से तनाव और चीन-रूस संग संतुलन; भारत की कूटनीति की 2025 में हुई कठिन परीक्षाYear Ender 2025: टैरिफ, पूंजी निकासी और व्यापार घाटे के दबाव में 5% टूटा रुपया, एशिया की सबसे कमजोर मुद्रा बनाStock Market 2025: बाजार ने बढ़त के साथ 2025 को किया अलविदा, निफ्टी 10.5% उछला; सेंसेक्स ने भी रिकॉर्ड बनायानिर्यातकों के लिए सरकार की बड़ी पहल: बाजार पहुंच बढ़ाने को ₹4,531 करोड़ की नई योजना शुरूVodafone Idea को कैबिनेट से मिली बड़ी राहत: ₹87,695 करोड़ के AGR बकाये पर लगी रोकYear Ender: SIP और खुदरा निवेशकों की ताकत से MF इंडस्ट्री ने 2025 में जोड़े रिकॉर्ड ₹14 लाख करोड़मुंबई में 14 साल में सबसे अधिक संपत्ति रजिस्ट्रेशन, 2025 में 1.5 लाख से ज्यादा यूनिट्स दर्ज

CCAI ने किया अमेरिका- भारत के बीच डिजिटल व्यापार में ‘बाधाओं’ का जिक्र

CCAI ने 2021 में भारत द्वारा की गई भू-स्थानिक दिशानिर्देशों की घोषणाओं पर भी आपत्ति जताई है

Last Updated- June 18, 2023 | 10:20 PM IST
Contribution of digital economy in the country's GDP will be 20% by 2026: Chandrashekhar

गूगल, उबर, मेटा, एमेजॉन जैसी सदस्यों वाली कंप्यूटर ऐंड कम्युनिकेशंस एसोसिएशंस इंडस्ट्री एसोसिएशन (CCAI) ने अमेरिका और भारत के बीच डिजिटल व्यापार में ’20 नीतिगत बाधाओं’ का जिक्र किया है। वाशिंगटन में मुख्यालय वाली CCAI ने मध्यस्थता नियमों के तहत अतिरिक्त शर्तें लागू करने वाले सूचना-प्रौद्योगिकी अधिनियम के संशोधन, कॉन्टेंट मॉडरेशन ऐक्ट, इक्वलाइजेशन लेवी और प्रस्तावित दूरसंचार विधेयक को इन बाधाओं में शामिल किया है।

एसोसिएशन ने ‘की थ्रेट्स टु डिजिटल ट्रेड, 2023’ शीर्षक वाली अपनी टिप्पणी में कहा है कि दूरसंचार विधेयक के मसौदे में दूरसंचार सेवाओं की परिभाषा डिजिटल सुरक्षा एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए खतरा है। यह रिपोर्ट CCAI के सदस्यों के लिए तैयार की गई थी।

संस्था ने कहा कि इंटरनेट से चलने वाली कई तरह की सेवाओं को इसके दायरे में लेने के लिए दूरसंचार सेवाओं की परिभाषा बदल दी गई है। पिछले दूरसंचार कानून की दूरसंचार एवं ब्रॉडबैंड सेवाओं से ये काफी अलग हैं।

CCAI मानती है कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ जैसी अपनी पहल के कारण भारत ने अमेरिका की डिजिटल कंपनियों के खिलाफ अपना संरक्षणवादी रुख और भी कड़ा कर लिया है। संस्था ने कहा कि इस तरह के कदमों से अमेरिकी कंपनियों के साथ भारत में भेदभाव नहीं होना चाहिए। उसका अनुमान है कि भारत में ऑनलाइन सेवाओं की वृद्धि की अपार संभावनाएं होने के बाद भी 2020 तक इस देश के साथ डिजिटल सेवाओं के व्यापार में अमेरिका को 27 अरब डॉलर का घाटा हुआ।

CCAI ने यह बात तब कही है, जब भारत और अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार कृत्रिम मेधा (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस), दूरसंचार, रक्षा आदि क्षेत्रों में डिजिटल तकनीकों में बड़े स्तर पर सहयोग करने के लिए क्रिटिकल ऐंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजीज डायलॉग्स को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 20 जून से शुरू हो रही अपनी अमेरिका यात्रा में राष्ट्रपति जो बाइडन के अलावा शीर्ष तकनीकी कंपनियों के मुख्य कार्याधिकारियों (CEOs) के साथ भी मुलाकात करेंगे। माना जा रहा है कि तकनीकी सहयोग मोदी और बाइडन के बीच बातचीत में अहम विषय रहेगा।

CCAI ने ‘यूरोपियन डिजिटल मार्केट्स ऐक्ट’ (DMA) की तर्ज पर ‘डिजिटल प्रतिस्पर्द्धा अधिनियम’ लागू करने के भारत की संसदीय समिति के सुझाव पर भी चिंता जताई है। उसे लगता है कि प्रस्तावित अधिनियम अमेरिकी कंपनियों को ध्यान में रखकर लाया जा रहा है।

CCAI ने 2021 में भारत द्वारा की गई भू-स्थानिक दिशानिर्देशों की घोषणाओं पर भी आपत्ति जताई है। इसका कहना है कि ये दिशानिर्देश अमेरिकी कंपनियों और विदेशी कंपनियों को भारत के साथ नई तकनीक में सहयोग करने से रोक रहे हैं।

First Published - June 18, 2023 | 10:20 PM IST

संबंधित पोस्ट