कनाडा के संसदीय चुनावों के नतीजों में बहुत खराब प्रदर्शन के चलते कनाडा की न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (एनडीपी) के नेता जगमीत सिंह ने पार्टी प्रमुख पद से इस्तीफा देने की घोषणा की है। जगमीत सिंह के नेतृत्व में एनडीपी केवल सात सीटों तक सिमट गई — जो हाउस ऑफ कॉमन्स (Canada House of Commons) में आधिकारिक पार्टी का दर्जा पाने के लिए जरूरी 12 सीटों से काफी कम है।
इतना ही नहीं 46 वर्षीय सिंह, जो नए परिसीमन के बाद बने निर्वाचन क्षेत्र बर्नाबी सेंट्रल से अपनी सीट हार गए, ने पुष्टि की कि जैसे ही एक अंतरिम नेता नियुक्त किया जाएगा, वे पद छोड़ देंगे। सिंह, जो किसी प्रमुख संघीय पार्टी का नेतृत्व करने वाले पहले जातीय अल्पसंख्यक राजनेता बने थे, अपना तीसरा संघीय चुनाव लड़ रहे थे। उन्हें 2019 में पहली बार संसद में चुना गया था और 2017 से एनडीपी के नेता रहे।
अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने सत्ता संतुलन की भूमिका निभाई, जहां उनकी पार्टी ने पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की अल्पसंख्यक लिबरल सरकार को चार सालों तक समर्थन दिया। यह चुनाव उनके लिए बेहद कठिन साबित हुआ। एनडीपी को केवल दो प्रतिशत राष्ट्रीय वोट मिले और पार्टी पिछली बार की 24 सीटों से घटकर सिर्फ सात सीटों पर सिमट गई — 343 सीटों में से।
सिंह बर्नाबी सेंट्रल में तीसरे स्थान पर रहे, जो पहले बर्नाबी साउथ था और 2019 से उनकी सीट थी। एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में उन्होंने लिखा, “मैं निराश हूं कि हम ज्यादा सीटें नहीं जीत सके। लेकिन मैं अपनी आंदोलन से निराश नहीं हूं। मुझे अपनी पार्टी से उम्मीद है। मुझे पता है कि हम हमेशा डर पर आशा को चुनेंगे।”
उन्होंने आगे कहा, “लेकिन हम तभी हारते हैं जब हम उन पर यकीन कर लेते हैं जो कहते हैं कि हम कभी एक बेहतर कनाडा का सपना नहीं देख सकते।”
कौन है भारत मूल के कनाडाई विवादास्पद नेता जगमीत सिंह?
जगमीत सिंह भारतीय मूल के कनाडाई नागरिक है। पंजाब के बरनाला में उनका जन्म हुआ था। उनका परिवार 1970 में पंजाब से कनाडा चला गया था। जगमीत सिंह कनाडा के अल्पसंख्यक समुदाय, सिक्ख समाज से आते हैं, जिसकी कनाडा के चुनावी परिदृश्य में खासी दखल रहती है। कनाडा की कई सीटों पर सिक्ख समुदाय के मतदाता निर्णायक भूमिका में होते हैं। पिछले चुनाव में जगमीत सिंह की पार्टी को 24 सीटें मिलीं थी, जिसके चलते वे जस्टिन ट्रूडो सरकार में किंग मेकर की भूमिका में थे।
जगमीत सिंह पर बार-बार खालिस्तानी समूहों के समर्थन का आरोप लगता रहा है। आरोप है कि जगमीत सिंह की ट्रूडो सरकार में किंगमेकर की भूमिका के चलते ही खालिस्तानी समूह लगातार भारत और मोदी सरकार के खिलाफ अभियान छेड़े हुए थे, और भारत की नरेंद्र मोदी सरकार के बार-बार कहने के बावजूद ट्रूडो सरकार इन खालिस्तानी समूहों पर रोक नहीं लगा रही थी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कनाडा के संघीय चुनाव में लिबरल पार्टी की जीत पर इसके नेता मार्क कार्नी को मंगलवार को बधाई दी और कहा कि वह दोनों देशों के लोगों के लिए व्यापक अवसर सृजित होने की उम्मीद कर रहे हैं। कार्नी की लिबरल पार्टी ने कनाडा के चुनावों में ऐतिहासिक जीत दर्ज की है।
मोदी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘कनाडा के प्रधानमंत्री के रूप में चुने जाने पर आपको बधाई मार्क जे. कार्नी।’’ ‘‘भारत और कनाडा साझा लोकतांत्रिक मूल्य, कानून के शासन के प्रति मजबूत प्रतिबद्धता और दोनों देशों के लोगों के बीच जीवंत संबंध रखते हैं।’’
पीएम मोदी ने कहा, ‘‘मैं दोनों देशों की साझेदारी को मजबूत करने और हमारे लोगों के लिए अधिक से अधिक अवसरों को खोलने के लिए आपके साथ काम करने को उत्सुक हूं।’’ कनाडा में प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की सरकार के दौरान दोनों देशों के बीच संबंधों में काफी तनाव आ गया था।
(एजेंसी इनपुट के साथ)
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