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बोरिस जॉनसन ने इस्तीफे की घोषणा की

Last Updated- December 11, 2022 | 5:45 PM IST

ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कंजर्वेटिव पार्टी का नेता पद छोड़ने की गुरुवार को घोषणा कर दी।  इस घोषणा के बाद पार्टी के नए नेता का चुनाव किया जाएगा जो देश के नए प्रधानमंत्री बनेंगे। जॉनसन (58) ने कहा कि जब तक पार्टी का नया नेता चुनने की प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती, वह 10 डाउनिंग स्ट्रीट के प्रभारी बने रहेंगे। कंजर्वेटिव पार्टी का सम्मेलन अक्टूबर में होना है और उस समय तक नए नेता के चुनाव की प्रक्रिया पूरी होगी। जॉनसन ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री के सरकारी आवास 10 डाउनिंग स्ट्रीट के बाहर इस्तीफे की घोषणा करते हुए कहा, ‘मैं आपको बताना चाहता हूं कि दुनिया के सर्वश्रेष्ठ पद को छोड़ कर मैं कितना उदास हूं।’ उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी पार्टी के सदस्यों ने अन्य नेताओं का अनुसरण करते हुए व्यवहार किया। उन्होंने कहा, ‘यह स्पष्ट रूप से संसदीय कंजर्वेटिव पार्टी की इच्छा है कि पार्टी का एक नया नेता हो और इसलिए एक नया प्रधानमंत्री होगा।’ जॉनसन ने कहा कि वह पार्टी सांसदों के इस विचार से सहमत हैं कि नए नेता को चुनने की प्रक्रिया अभी शुरू होनी चाहिए और अगले सप्ताह इसके लिए समय सारिणी की घोषणा की जाएगी।
उन्होंने कहा, ‘… मैंने काम करने के लिए आज एक कैबिनेट नियुक्त किया है क्योंकि अगले नेता के कार्यभार संभालने तक मैं काम करता रहूंगा।’ निवर्तमान प्रधानमंत्री ने दोहराया कि उन्हें 2019 के आम चुनाव में ‘अविश्वसनीय जनादेश’ मिला था और यही कारण है कि पिछले कुछ दिनों में उन्होंने उस जनादेश का सम्मान करने के लिए व्यक्तिगत रूप से इतनी मेहनत की। उन्होंने कहा, ‘मैंने महसूस किया कि यह मेरा काम, मेरा कर्तव्य, मेरा दायित्व है कि 2019 में हमने जो वादा किया था, उसे पूरा करते रहें।’ पिछले कुछ दिनों के नाटकीय घटनाक्रम का जिक्र करते हुए जॉनसन ने कहा कि उन्होंने अपने सहयोगियों को मनाने की कोशिश की थी कि इस तरह के ‘विशाल जनादेश’ के साथ सरकारों को बदलना ‘सनक’ होगा। उन्होंने कहा, ‘मुझे खेद है कि मैं उन तर्कों में सफल नहीं रहा…।’
अगले प्रधानमंत्री की दौड़ में इराकी मूल के मंत्री नादिम जहावी (55) को सबसे आगे माना जा रहा है। उन्होंने एक आलोचनात्मक पत्र लिख कर जॉनसन के प्राधिकार पर सवाल उठाया और उनसे पद छोड़ने की मांग की। मंत्री ने कहा कि बोरिस जॉनसन के लिए पद छोड़ने का समय आ गया है। उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री, आप अपने दिल में जानते हैं कि क्या करना उचित है, और अब आप पद छोड़ दें।’    

जॉनसन भारत के साथ ब्रिटेन के करीबी संबंधों के मुखर समर्थक रहे

ब्रिटिश प्रधानमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल को भारत-ब्रिटेन संबंधों को ‘व्यापक रणनीतिक साझेदारी’ के रास्ते पर आगे बढ़ाने के लिए याद किया जाएगा। जॉनसन भारत के साथ ब्रिटेन के करीबी संबंधों के मुखर समर्थक रहे और उनका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ घनिष्ठ संबंध था और वह अक्सर उन्हें ‘खास दोस्त’ बताया करते थे। दोनों प्रधानमंत्रियों ने द्विपक्षीय संबंधों को प्रगाढ़ बनाने के लिए काम किया और उन्होंने पिछले साल मई में ‘2030 ब्रिटेन-भारत रोडमैप’ के हिस्से के तहत ‘उन्नत व्यापार भागीदारी’ की। इसका मकसद द्विपक्षीय व्यापार को करीब 24 अरब ब्रिटिश पाउंड को 2030 तक दोगुना करना है। इसके साथ ही मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) संबंधी वार्ता की भी शुरुआत हुई और अप्रैल में जॉनसन की भारत यात्रा के दौरान इस साल दीवाली तक मसौदा समझौते की समय सीमा को लेकर सहमति बनी। एफटीए के संदर्भ में जॉनसन ने कहा था, ‘इससे दशक के अंत तक हमारा व्यापार और निवेश दोगुना हो सकता है, उपभोक्ताओं के लिए कीमतें कम हो सकती हैं और पूरे ब्रिटेन में वेतन में तीन अरब पाउंड तक की वृद्धि हो सकती है।’जॉनसन ने अपनी भारत यात्रा के दौरान कहा था कि भारत एशिया में एक अविश्वसनीय बढ़ती शक्ति है और दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। उन्होंने कहा कि भारत 2050 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है और भारत हिंद-प्रशांत में भी हमारा सबसे बड़ा भागीदार है।

First Published - July 8, 2022 | 12:05 AM IST

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