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शेख हसीना, उनके परिवार की विशेष सुरक्षा खत्म करने के लिए कानून में संशोधन करेगी बांग्लादेश की सरकार

वर्तमान में हसीना पर बांग्लादेश में 75 से अधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें से लगभग आधे मामलों में उन पर हत्या के आरोप लगाए गए हैं।

Last Updated- August 30, 2024 | 2:54 PM IST
Bangladesh asked for Hasina back, interim government sent diplomatic message to India बांग्लादेश ने हसीना को वापस मांगा, अंतरिम सरकार ने भारत को भेजा राजनयिक संदेश

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने देश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनके करीबी रिश्तेदारों को दी गई विशेष सुरक्षा गुरुवार को वापस ले ली। अंतरिम सरकार ने कुछ दिन पहले ही उनके राजनयिक पासपोर्ट भी रद्द कर दिए थे।

बांग्लादेश की सरकारी समाचार एजेंसी की गई खबर में बताया गया कि मुख्य सलाहकार प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली सलाहकार परिषद ने पूर्व प्रधानमंत्री हसीना और उनके करीबी रिश्तेदारों को दी गई विशेष सुरक्षा को हटाने के लिए विशेष सुरक्षा बल अधिनियम 2021 में संशोधन करने का फैसला किया है।

प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दिए जाने के बाद हसीना (76) पांच अगस्त को भारत आ गई थीं, जिसके बाद बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने संसद को भंग कर दिया था। वर्तमान में हसीना पर बांग्लादेश में 75 से अधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें से लगभग आधे मामलों में उन पर हत्या के आरोप लगाए गए हैं।

मुख्य सलाहकार कार्यालय (सीएओ) ने सलाहकार परिषद की बैठक के बाद एक बयान में कहा, ”छात्र और जनता के व्यापक प्रदर्शन के बाद आठ अगस्त 2024 को एक अंतरिम सरकार का गठन किया गया है, जिसमें मुख्य सलाहकार और अन्य सलाहकार शामिल हैं।”

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बयान में कहा गया कि विशेष सुरक्षा बल अधिनियम 2021 पिछली सरकार के निर्णय के बाद लागू किया गया था। इसके बाद 15 मई 2015 को इस कानून के तहत हसीना और उनके करीबी रिश्तेदारों को विशेष सुरक्षा और लाभ प्रदान करने के लिए एक राजपत्र जारी किया गया।

सीएओ द्वारा जारी किए गए बयान में कहा गया, “यह कानून केवल एक परिवार के सदस्यों को विशेष राजकीय लाभ प्रदान करने के लिए बनाया गया था जो साफ तौर से भेदभावपूर्ण है।” उसने कहा कि अंतरिम सरकार सभी प्रकार के भेदभाव को समाप्त करने के लिए दृढ़तापूर्वक प्रतिबद्ध है। उसने कहा कि बदले हुए हालत के कारण “मौजूदा कानून के अनुरूप ‘बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान के परिवार’ से संबंधित प्रावधानों को प्रशासनिक प्रबंधन के तहत लागू करना संभव नहीं है।”

First Published - August 30, 2024 | 2:54 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

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