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अमिताभ कांत जी-20 के लिए भारत के नए शेरपा

Last Updated- December 11, 2022 | 5:45 PM IST

सरकार की नीतिगत विचार संस्था नीति आयोग के पूर्व मुख्य कार्याधिकारी अमिताभ कांत जी-20 समूह के लिए भारत के शेरपा बन गए हैं। उनकी नियुक्ति की घोषणा केंद्र सरकार ने आज की। कांत वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल की जगह लेंगे।
भारत 1 दिसंबर, 2022 से 30 नवंबर, 2023 तक जी-20 की अध्यक्षता करेगा और उससे पहले यह नियुक्ति की गई है। भारत के कार्यकाल की परिणति 2023 में देश में पहले जी-20 सम्मेलन के रूप में होगी। जी-20 विश्व की सबसे बड़ी औद्योगिक अर्थव्यवस्थाओं और उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग का अहम मंच है। यह वैश्विक आर्थिक प्रशासन में अहम भूमिका निभाता है।
कांत पिछले महीने ही नीति आयोग से सेवानिवृत्त हुए हैं। वह जी-20 सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निजी प्रतिनिधि होंगे। शेरपा के रूप में कांत सम्मेलन से पहले बैठकों के लिए उत्तरदायी होंगे। वह विभिन्न नीतिगत मुद्दों पर साझेदार देशों के साथ बातचीत करेंगे।
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण और कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल को पिछले साल सितंबर में शेरपा नियुक्त किया
गया था।
इस बारे में जानकारी रखने वाले लोगों ने कहा कि इस साल दिसंबर से जी-20 की अध्यक्षता भारत को मिल जाएगी। ऐसे में ऐसे किसी पूर्णकालिक शेरपा की जरूरत थी, जो देश के विभिन्न हिस्सों में होने वाली विभिन्न बैठकों को पर्याप्त समय दे सके। गोयल के पास पहले ही राज्य सभा के नेता जैसी अन्य जिम्मेदारियां हैं, जो उन्हें शेरपा नियुक्त होने के बाद दी गई थीं।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस साल फरवरी में एक जी-20 सचिवालय और उसके रिपोर्टिंग ढांचे की स्थापना को मंजूरी दी थी, जो भारत की जी-20 अध्यक्षता को संभालने के लिए आवश्यक समग्र नीतिगत फैसलों एवं व्यवस्थाओं को अमली जामा पहनाने के लिए जिम्मेदार होंगे। सचिवालय में विदेश मंत्रालय, ​वित्त मंत्रालय, प्रासंगिक संबंधित विभागों के अधिकारी एवं कर्मचारी और इस क्षेत्र का ज्ञान रखने वाले विशेषज्ञ नियुक्त किए जाएंगे। यह सचिवालय फरवरी 2024 तक चालू रहेगा।
सचिवालय को प्रधानमंत्री की अगुआई वाली एक शीर्ष समिति निर्देशित करेगी। समिति में वित्त मंत्री, गृह मंत्री, विदेश मंत्री और जी-20 के शेरपा शामिल होंगे। स​मिति भारत की जी-20 अध्यक्षता के लिए दिशानिर्देश मुहैया कराएगी। इसके अलावा जी-20 की सभी तैयारियों का जायजा लेने और शीर्ष समिति को रिपोर्ट देने के लिए एक समन्वय समिति स्थापित की जाएगी। जी-20 सचिवालय बहुपक्षीय मंचों में वैश्विक मुद्दों पर भारत के नेतृत्व के लिए ज्ञान एवं विशेषज्ञता समेत दीर्घकालिक क्षमता निर्माण को संभव बनाएगा।
सरकार एक अत्याधुनिक सम्मेलन एवं प्रदर्शनी केंद्र के रूप में प्रगति मैदान को दोबारा विकसित कर रही है। अगले साल जी-20 सम्मेलन वहीं होगा।
जी-20 देश विश्व के 80 फीसदी सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी), 75 फीसदी अंतरराष्ट्रीय व्यापार और 60 फीसदी आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं। भारत 1999 में जी-20 की स्थापना के समय से ही इसका सदस्य है। भारत 1 दिसंबर, 2021 से नवंबर, 2024 तक जी-20 तिकड़ी (पूववर्ती, मौजूदा और आगामी जी-20 अध्यक्ष) का हिस्सा है।

First Published - July 8, 2022 | 12:00 AM IST

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