facebookmetapixel
गिरते बाजार में भी 7% चढ़ा सीफूड कंपनी का शेयर, इंडिया-यूएस ट्रेड डील की आहत से स्टॉक ने पकड़ी रफ्तारवर्क प्लेस को नया आकार दे रहे हैं कॉरपोरेट, एआई का भी खूब कर रहे हैं उपयोगEmami Stock: 76% तक गिर गई टैल्क सेल्स… फिर भी ‘BUY’ कह रहे हैं एक्सपर्ट्स! जानें क्योंDelhi Red Fort Blast: साजिश की पूरी पोल खोली जाएगी, दिल्ली धमाके पर PM Modi का बयान26% तक रिटर्न का मौका! भारत-अमेरिका डील पक्की हुई तो इन 5 शेयरों में होगी जबरदस्त कमाई!Delhi AQI Today: दिल्ली में हवा हुई जहरीली! GRAP स्टेज III लागू, जानिए क्या-क्या हुआ बैनDelhi Red Fort Blast: लाल किले के पास विस्फोट में अब तक 12 की मौत, Amit Shah ने बुलाई हाई-लेवल मीटिंगVodafone Idea Share: ₹14 तक जाएगा शेयर! ब्रोकरेज ने कहा – सुप्रीम कोर्ट का फैसला बदल सकता है गेमसस्टेनेबल इंडिया की ओर Adani Group का कदम, बनाएगा भारत का सबसे बड़ा बैटरी स्टोरेज सिस्टमGold and Silver Price Today: सोना-चांदी की कीमतों में उछाल! सोने का भाव 125000 रुपये के पार; जानें आज के ताजा रेट

अमेरिका की आईटी व स्टील लॉबी चाहती है भारत के खिलाफ कार्रवाई

Last Updated- December 12, 2022 | 5:11 AM IST

भारत अगर इक्वलाइजेशन लेवी या गूगल टैक्स वापस नहीं लेता है तो ऐसी स्थिति में अमेरिका की शीर्ष टेक लॉबी ‘इंटरनेट एसोसिएशन’ ने भारत के खिलाफ कर लगाए जाने का समर्थन किया है।  एसोसिएशन ने गूगल टैक्स को ‘एकतरफा और विभेदकारी’ करार दिया है।
साथ ही यह भी अनुरोध किया है कि डिजिटल सेवाओं पर कर लगाए जाने को लेकर अमेरिका एक आधुनिक, साफ सुथरी और वैश्विक आम राय बनाने में मदद करे, जिससे भारत जैसे देश एकतरफा कदम न उठाएं।
अमेरिका में स्टील मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ने भी भारत के खिलाफ जवाबी कर लगाए जाने का मजबूती से समर्थन किया है, जिससे भारत के स्टील उत्पादकों के अनुचित व्यापार व्यवहार से निपटा जा सके। संगठन ने स्टील सेक्टर से जुड़े 200 से ज्यादा अतिरिक्त शुल्क लाइन पर जवाबी शुल्क के प्रस्ताव में शामिल किया है।
बहरहाल भारत और अमेरिका के आभूषण कारोबारियों व संगठनों ने शुल्क लगाने के अमेरिका के प्रस्ताव का कड़ा विरोध किया है। उनका तर्क है कि इसकी वजह से कारोबार चीन की ओर चला जाएगा और इसका व्यापक असर छोटे व मझोले उद्यमों व कलाकारों पर पड़ेगा।
जवाबी शुल्क प्रस्ताव को लेकर यूएस ट्रेड रिप्रजेंटेटिव (यूएसटीआर) को दी गई अपनी प्रतिक्रिया में एसोसिएशन ने उम्मीद जताई है कि  केंद्र सरकार यह विभेदकारी कर वापस लेगी। इस संगठन में लिंक्डइन, नेटफ्लिक्स, माइक्रोसॉफ्ट और गूगल सहित 40 से ज्यादा विश्व की शीर्ष कंपनियां शामिल हैं।
बाइडेन प्रशासन ने धमकी दी है कि भारत के कुछ चुनिंदा उत्पादों पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त जवाबी शुल्क लगाया जा सकता है, जिसमें झींगा, बासमती चावल और सोना के अलावा अन्य उत्पाद शामिल हैं। अप्रैल, 2020 में ई-कॉमर्स ऑपरेटरों पर 2 प्रतिशत इक्वलाइजेशन लेवी लगाया गया था। यह 2 करोड़ रुपये से ज्यादा कारोबार करने वाली गैर प्रवासी डिजिटल इकाइयों पर लागू है।
इसके खिलाफ जवाबी शुल्क के प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया मांगी गई है। यूएसटीआर के प्रस्ताव पर अपनी प्रतिक्रिया में एसोसिएशन ने कहा है, ‘भारत के डिजिटल उद्योग का यह लक्ष्य है कि कोई अतिरिक्त शुल्क लगाए जाने के पहले वह विभेदकारी कर खत्म कर दे। इस तरह से प्रस्तावित शुल्क नहीं लग पाएगा।’ इस मसले पर 30 अप्रैल तक प्रतिक्रिया ली गई है और 10 मई को सुनवाई होनी है।
जेम्स ऐंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (जीजेईपीसी) ने अपनी प्रतिक्रिया में प्रस्तावित शुल्क पर आपत्ति करते हुए कहा है कि इसकी वजह से भारत और अमेरिका के कारोबार को बहुत नुकसान होगा। जिन 40 उत्पादों पर जवाबी शुल्क का प्रस्ताव किया गया है, उनमें करीब 17 रत्न एवं आभूषण क्षेत्र के हैं।
एसोसिएशन ने कहा है, ‘हमारा सेक्टर पहले ही जनरलाइज्ड सोर्स आफ प्रेफरेंस (जीएसपी) लाभ हटाए जाने की वजह से प्रभावित हुआ है। अब हम आगे की कार्रवाई को लेकर चिंतित हैं।’ 

First Published - May 4, 2021 | 11:53 PM IST

संबंधित पोस्ट