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अदाणी धोखाधड़ी मामले की जांच में भारत की मदद चाहता है अमेरिकी नियामक

पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि उन्होंने वॉशिंगटन यात्रा के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के साथ अदाणी मामले पर चर्चा नहीं की।

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एजेंसियां   
Last Updated- February 19, 2025 | 10:53 PM IST

अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग ने अदाणी समूह के संस्थापक गौतम अदाणी और उनके भतीजे के खिलाफ कथित प्रतिभूति धोखाधड़ी और 26.5 करोड़ डॉलर की रिश्वत योजना की जांच में भारतीय अधिकारियों से मदद मांगी है। मंगलवार को अदालत में दाखिल एक विवरण में यह जानकारी दी गई है।

इस विवरण में कहा गया है कि एसईसी ने हेग सेवा संधि के तहत सहायता मांगी है। अदाणी समूह और भारत के कानून मंत्रालय ने इस बारे में रॉयटर्स के सवाल का कोई जवाब नहीं दिया।

पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि उन्होंने वॉशिंगटन यात्रा के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के साथ अदाणी मामले पर चर्चा नहीं की। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में इसे एक निजी मामला बताया था, जिस पर कभी नेताओं के बीच चर्चा नहीं होती।
भारत में विपक्ष कांग्रेस पार्टी ने अदाणी की गिरफ्तारी की मांग की है और मोदी पर उन्हें बचाने या अतीत में सौदों में उनका पक्ष लेने का आरोप लगाया है। मोदी की पार्टी और अदाणी ने आरोपों से इनकार किया है।

पिछले वर्ष ब्रूकलिन में संघीय अभियोजकों ने एक अभियोग पत्र जारी किया था जिसमें अदाणी पर भारतीय अधिकारियों को रिश्वत देकर उन्हें अदाणी समूह की सहायक कंपनी अदाणी ग्रीन एनर्जी द्वारा उत्पादित बिजली खरीदने के लिए तैयार करने का आरोप लगाया गया था।
इसके बाद उन्होंने कंपनी की भ्रष्टाचार विरोधी नीति के बारे में आश्वस्त करने वाली जानकारी देकर अमेरिकी निवेशकों को गुमराह किया। अदाणी समूह ने इन आरोपों को निराधार बताया है और हरसंभव कानूनी उपाय अपनाने की प्रतिज्ञा की है। जनवरी में अदाणी ग्रीन ने कहा था कि उसने अमेरिकी अभियोग की समीक्षा के लिए स्वतंत्र कानूनी फर्मों को नियुक्त किया है।

First Published : February 19, 2025 | 10:53 PM IST