डिजीटल कैमरा के क्षेत्र में कैनन और निकॉन जैसी जापानी कंपनियों की तूती बोलती है। लेकिन इस वर्चस्व को चुनौती देने के लिए अब एक दक्षिण कोरियाई कंपनी सैमसंग टेकविन ने कमर कस ली है।
डिजीटल कैमरे का बाजार इस समय खासा चमकदार है। खासतौर पर उच्च तकनीक वाले कैमरे लोकप्रिय हो रहे है।
इसके पीछे वजह यह है कि एक ओर तो कीमतें कम हो रही हैं दूसरी ओर डिजीकैम के जरिये कंप्यूटर पर काफी बड़ी संख्या में तस्वीरें संजोयी जा सकती हैं।
इसके अलावा उन्हें वेबसाइट पर डाला जा सकता है और कांट-छांट भी की जा सकती है। अगर कैमरे के बाजार पर नजर डाली जाए तो जापानी कंपनियों कैनन इंक, सोनी कॉर्प और ओलिंपस कार्प ने बाजार के 70 प्रतिशत हिस्से पर कब्जा कर रखा है।
एक शोध संस्था आईडीसी के मुताबिक यह हिस्सा 2007 में 15 फीसदी बढ़ा है और इस साल 11 फीसदी और बढ़ने की उम्मीद है। ऐसे में सैमसंग टेकविन का बाजार में उतरना जापानी कंपनियों के लिए खतरे की घंटी जैसा है।
टेक्नो सिस्टम्स रिसर्च के विश्लेषक अकीको सातो कहते है कि यूं तो जापानी कंपनियां किसी विदेशी कंपनी की ओर ज्यादा ध्यान नहीं देती हैं लेकिन सैमसंग टेकविन एक ऐसी कंपनी है जिसकी ओर वे जरूर ध्यान देते हैं।
सैमसंग टेकविन जिसने 2006 में बाजार में अपने हिस्से में करीब दोगुनी बढ़ोत्तरी करते हुए 7.8 फीसदी हिस् से पर कब्जा जमाया में सैमसंग इलेक्ट्रानिक्स करीब एक चौथाई की भागीदार है।