अमेरिका के वरिष्ठ अधिकारियों का एक समूह 5 से 8 सितंबर के बीच अमेरिका भारत के बीच अंतर सत्रीय बैठक और हिंद-प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा के मसले को लेकर एक बैठक करेगा। यह जानकारी विदेश मंत्रालय ने दी। इस समूह का नेतृत्व दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के सहायक विदेश मंत्री डोनाल्ड लू करेंगे।
भारत- अमेरिका के रिश्ते को मजबूत बनाना
मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि इसका उद्देश्य अमेरिका-भारत व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत बनाना है। मंत्रालय ने कहा कि लू पूर्वी एशियाई और प्रशांत मामलों के ब्यूरो के लिए उप सहायक विदेश मंत्री कैमिली डावसन के साथ क्वाड के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में शामिल होंगे। इसके साथ साथ अमेरिका-भारत 2+2 अंतर सत्रीय बैठक के में हिंद-प्रशांत सुरक्षा मामलों के रक्षा सहायक मंत्री एली रैटनर भी समुद्री सुरक्षा वार्ता में शामिल होंगे।
अमेरिका-भारत व्यापार और सुरक्षा पर चर्चा
विदेश मंत्रालय ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल भारत के अधिकारियों के साथ अमेरिका और भारत स्वतंत्र एवं खुले और सुरक्षित व्यापार तथा हिंद-प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा तथा मानवाधिकारों के सम्मान पर चर्चा करेगी। इसके साथ साथ लू महिला उद्यमियों के साथ अमेरिका-भारत महिला आर्थिक सशक्तिकरण गठबंधन के तहत एक कार्यक्रम में भी शामिल होंगे। इस आयोजन का उद्देश्य कार्यबल में महिलाओं की सार्थक भागीदारी के माध्यम से आर्थिक सुरक्षा बढ़ाना है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह वरिष्ठ व्यावसायिक अधिकारियों के साथ एक गोलमेज चर्चा में भी शामिल होंगे।
चीनी की बढ़ती दादागिरी और दक्षिण एशिया की सुरक्षा
चीनी की लगातार बढ़ती दादागिरी और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में लगातार उसका बढ़ता वर्चस्व के कारण यह वार्ता काफी अहम मानी जा रही है। बीते कुछ दिनों से चीन लगातार ताइवान को धमका रहा है। चीन कभी ताइवान के हवाई क्षेत्र में अपने लड़ाकू विमान उड़ा रहा है तो कभी उसके समुद्री क्षेत्र में अपने जंगी जहाज लेकर घुस जा रहा है। भारत तथा अमेरिका दोनो के लिए ताइवान की सुरक्षा काफी अहम है, ऐसे में यह वार्ता काफी अहम मानी जा रही है।
इनपुट- भाषा