मध्य प्रदेश स्टार्टअप्स, खासकर महिला उद्यमियों द्वारा चलाए जा रहे स्टार्टअप्स के क्षेत्र में अपनी अलग छाप छोड़ रहा है। प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रम (MSME) विभाग के मुताबिक मध्य प्रदेश में 2,600 से अधिक पंजीकृत स्टार्टअप्स हैं जिनमें 1,140 से अधिक महिलाओं द्वारा संचालित हैं।
प्रदेश के MSME विभाग के सचिव पी. नरहरि ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘नैस्कॉम की फरवरी 2023 की रिपोर्ट के अनुसार देश की कुल उद्यमिता में महिलाओं की हिस्सेदारी 18 फीसदी है जबकि मध्य प्रदेश में तस्वीर काफी अलग है। यहां पंजीकृत कुल स्टार्टअप्स में 45 फीसदी से अधिक महिलाओं के हैं।’
उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में स्टार्टअप्स को जो वित्तीय सहायता पहुंचायी जा रही है उसका 59 फीसदी हिस्सा महिलाओं के नेतृत्व वाले स्टार्टअप्स को जाता है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही में कहा था कि नवाचार पर काम करते हुए प्रदेश की महिलाओं ने कई ऐसे स्टार्टअप्स शुरू किए हैं जो मुनाफा कमा रहे हैं। उन्होंने कहा था, ‘हर महीने 100 से 150 नए स्टार्टअप्स का पंजीयन हो रहा है इनमें से 45 फीसदी महिलाओं द्वारा शुरू किए जा रहे हैं। राज्य की महिलाएं खाद्य, कृषि, तकनीक, नवीकरणीय ऊर्जा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में चल रहे स्टार्टअप्स में काफी अहम भूमिका निभा रही हैं।’
मध्य प्रदेश की स्टार्टअप नीति ने भी महिलाओं को उद्यमिता की ओर प्रेरित किया है और उन्हें इसे वैकल्पिक व्यवसाय के रूप में अपनाने अवसर दिया है। कुल निवेश के 18 फीसदी के बराबर वित्तीय मदद भी ऐसा ही एक कदम है जिसकी अधिकतम सीमा 72 लाख रुपये तय की गई है। इसके अलावा स्टार्टअप नीति के तहत पेटेंट सहायता, रोजगार निर्माण, प्रशिक्षण व्यय की वापसी, लीज और रेंटल सहायता जैसी सुविधाएं भी महिला उद्यमियों को दी जा रही हैं।