राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष पद से शरद पवार के इस्तीफे से उठा राजनीतिक भूचाल अब महा विकास आघाडी (MVA) गठबंधन को हिलाने लगा है। गठबंधन में शामिल कांग्रेस, शिवसेना (UBT) और NCP के नेता दावा कर रहे हैं कि पवार के इस्तीफे से गठबंधन पर कोई असर नहीं पड़ेगा। वहीं नेताओं के विरोधाभासी बयान गठबंधन में सबकुछ ठीक न होने की तरफ इशारा कर रहे हैं।
शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने गुरुवार को विश्वास व्यक्त किया कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार के पार्टी प्रमुख के रूप में पद छोड़ने के फैसले से MVA गठबंधन को नुकसान नहीं होगा। वह ऐसा कुछ नहीं करेंगे जिससे विपक्ष की एकता को ठेस पहुंचे।
हालांकि उन्होंने पवार के राकांपा प्रमुख का पद छोड़ने के फैसले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। इसके पहले महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि पवार ने ऐसा फैसला क्यों लिया है, यह उनका और उनकी पार्टी का आंतरिक मामला है। उनके इस्तीफे से MVA में कोई फर्क नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि NCP के नए अध्यक्ष पार्टी को MVA में बनाए रखेंगे।
शिवसेना और कांग्रेस के नेताओं के बयान बता रहे हैं कि गठबंधन में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। दरअसल शिवसेना (UBT) के नेता संजय राउत ने NCP के भावी राष्ट्रीय अध्यक्ष और उसकी भूमिका पर टिप्पणी करते हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी को लेकर टिप्पणी की।
राउत ने कहा कि जिस तरह कांग्रेस में खरगे अध्यक्ष हैं और राहुल गांधी सारे फैसले करते हैं, उसी तरह शरद पवार के बाद NCP में भी होगा ।
राउत की इस टिप्पणी पर नाना पटोले ने कहा कि शिवसेना नेता कांग्रेस के प्रवक्ता नहीं हैं। खरगे, वरिष्ठ नेता हैं और उनके अनुभव का दायरा बहुत बड़ा है। गांधी परिवार का इतिहास, त्याग और समर्पण से भरा रहा है। उस परिवार ने PM पद तक का त्याग कर दिया। पटोले ने कहा कि राउत के बयान के हिसाब से हो तो हम यह भी कह सकते हैं कि शिवसेना UBT के सारे फैसले उद्धव न लेकर संजय राउत ले रहे हैं ।
MVA की महत्वाकांक्षी वज्रमुठ रैलियों पर भी शरद पवार के इस्तीफे का असर पड़ा रहा है। MVA ने पुणे, नासिक, कोल्हापुर और अमरावती में अपनी आगामी वज्रमूठ रैलियों को स्थगित कर दिया। MVA ने विपक्षी एकता को दिखाने के लिए राज्य में कुल सात वज्रमूठ रैलियों की योजना बनाई थी जिनमें से पहली तीन रैलियां छत्रपति संभाजीनगर, नागपुर और मुंबई में आयोजित की गई थी। अगली चार रैलियां स्थगित कर दी गई। हालांकि MVA नेता इसकी वजह बढ़ते तापमान को बता रहे हैं।
तमाम अटकलों के बीच आज शरद पवार ने अपने समर्थकों से कहा कि मैं आपकी भावनाओं का सम्मान करता हूं। मुझे अपनी योजनाओं के बारे में आप सभी से चर्चा करनी चाहिए थी और आपको भरोसे में लेना चाहिए था। लेकिन मैं जानता हूं कि आपने मुझे फैसला लेने की अनुमति नहीं दी होती। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के बाहर के कुछ पार्टी सहयोगी इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए शुक्रवार को उनसे मिलेंगे। मैं एक या दो दिन में अंतिम फैसला लूंगा।
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वाई बी चव्हाण सेंटर के बाहर डेरा डाले उनके समर्थकों ने जहां पवार के प्रति अपनी भावनाओं का मजबूती से इजहार किया वहीं पवार उन्हें शांत करने की कोशिश करते दिखे। वहां एकत्रित पार्टी कार्यकर्ताओं ने पवार से किसी व्यक्ति को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त करने का आग्रह किया, जबकि उन्हें स्वयं इस पद पर बने रहना चाहिए।
उनमें से कुछ ने कहा कि पवार को कम से कम 2024 तक पार्टी का नेतृत्व करना चाहिए क्योंकि लोकसभा और विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, जबकि अन्य ने कहा कि अगर उन्होंने अपने फैसले पर पुनर्विचार नहीं किया, तो वे भूख हड़ताल करेंगे।
शरद पवार ने मंगलवार को मुंबई में अपनी आत्मकथा लोक माझे सांगाति के विमोचन कार्यक्रम में राकांपा प्रमुख का पद छोड़ने की घोषणा कर सभी को चौंका दिया था। शिवसेना (UBT), राकांपा और कांग्रेस MVA में साझेदार हैं। इस गठबंधन के नेतृत्व वाली सरकार ने नवंबर, 2019 से जून 2022 तक महाराष्ट्र में शासन किया था।