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Electoral Bond: कहां-कहां से आया चुनावी चंदा, SBI ने चुनाव आयोग को सौंपा पूरा लेखा-जोखा!

Electoral Bond: CJI डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने EC को 15 मार्च को शाम 5 बजे तक SBI द्वारा शेयर किए गए डिटेल को अपनी वेबसाइट पर पब्लिश करने का निर्देश दिया है।

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अंशु   
Last Updated- March 12, 2024 | 11:31 PM IST

Electoral Bond: सुप्रीम कोर्ट से फटकार खाने के बाद आज स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने कथित तौर पर चुनाव आयोग को अप्रैल 2019 से राजनीतिक दलों द्वारा भुनाए गए चुनावी बॉन्ड की जानकारी सौंप दी है। दरअसल शीर्ष अदालत ने SBI को आज यानी मंगलवार (12 मार्च) तक चुनावी चंदे की सभी डिटेल चुनाव आयोग को शेयर करने का आदेश दिया था। SBI ने 2018 में योजना की शुरुआत के बाद से 30 किश्तों में 16,518 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड जारी किए हैं। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने 15 फरवरी को एक ऐतिहासिक फैसले में केंद्र की चुनावी बॉन्ड योजना को “असंवैधानिक” कहते हुए रद्द कर दिया था।

SBI ने तैयार की चुनावी चंदे की फाइल

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, SBI ने शाम 5:30 बजे तक चुनावी बॉन्ड से जुड़ा पूरा लेखा-जोखा चुनाव आयोग को भेज दिया है। राजनीतिक फंडिंग में पारदर्शिता बढ़ाने के उद्देश्य से राजनीतिक दलों को दिए जाने वाले नकद चंदे के विकल्प के रूप में चुनावी बॉन्ड पेश किए गए थे। चुनावी बॉन्ड की पहली बिक्री मार्च 2018 में हुई थी। चुनावी बॉन्ड को विशेष रूप से एक पात्र राजनीतिक दल द्वारा एक अधिकृत बैंक खाते के माध्यम से भुनाया जाना था, और भारतीय स्टेट बैंक (SBI) इन बॉन्डों को जारी करने के लिए एकमात्र अधिकृत बैंक है। सोमवार यानी 11 मार्च को मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने चुनाव आयोग को 15 मार्च को शाम 5 बजे तक बैंक द्वारा शेयर किए गए डिटेल को अपनी ऑफिशियल वेबसाइट पर पब्लिश करने का निर्देश दिया है।

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सुप्रीम कोर्ट ने SBI को लगाई थी फटकार

सोमवार यानी 11 मार्च को समय सीमा बढ़ाने की SBI की याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने बैंक को फटकार लगाई थी। पीठ ने SBI की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे की दलीलों पर ध्यान दिया कि विवरण एकत्र करने और मिलान के लिए अधिक समय की आवश्यकता है क्योंकि जानकारी इसकी शाखाओं में दो अलग-अलग कक्षों में रखी गई थी।

पीठ ने आगे कहा कि अगर मिलान प्रक्रिया को खत्म करना है तो SBI तीन सप्ताह के भीतर इस प्रक्रिया को पूरा कर सकता है। पीठ ने कहा कि उसने SBI को चंदा देने वालों और चंदा प्राप्त करने वालों के विवरण का अन्य जानकारी से मिलान करने का निर्देश नहीं दिया है। शीर्ष अदालत ने कहा, SBI को सिर्फ सीलबंद लिफाफा खोलना है, विवरण एकत्र करना है और चुनाव आयोग को जानकारी देनी है।

First Published : March 12, 2024 | 7:14 PM IST