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Anti-CAA protests: देशभर में CAA लागू होने के बाद बवाल शुरू, इन 4 राज्यों ने केंद्र के कानून को लागू करने से किया इनकार

CAA के तहत, तीन पड़ोसी देशों – अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश – से से 31 दिसंबर, 2014 से पहले भारत आने वाले गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारत की नागरिकता दी जाएगी।

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बीएस वेब टीम   
Last Updated- March 12, 2024 | 4:22 PM IST

केंद्र सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए), 2019 (Citizenship Amendment Act) को देशभर में लागू कर दिया है। साथ ही इससे जुड़े नियम भी अधिसूचित कर दिए गए हैं।

CAA के तहत, तीन पड़ोसी देशों – अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश – से से 31 दिसंबर, 2014 से पहले भारत आने वाले गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारत की नागरिकता दी जाएगी। इन समुदायों में हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई शामिल हैं।

देश में बवाल शुरू

नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए), 2019 (Citizenship Amendment Act) के लागू होते ही देश के कई राज्यों में विरोध-प्रदर्शन भी शुरू हो गया है।

CAA के खिलाफ विरोध को देखते हुए सरकार ने कई राज्यों में अलर्ट जारी कर दिया है। इसके अलावा, सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर देशभर की सुरक्षा एजेंसियां और पुलिस की साइबर विंग भी अलर्ट मोड पर हैं।

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किन राज्यों में हो रहा है विरोध-प्रदर्शन?

CAA के विरोध में जो राज्य प्रदर्शन कर रहे हैं, उन्में असम, पश्चिम बंगाल, केरल, उत्तर प्रदेश, दिल्ली समेत कई अन्य राज्य भी शामिल हैं।

दिल्ली में कड़ी सुरक्षा

नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के लागू होने के कुछ घंटों बाद ही सोमवार को जामिया मिलिया इस्लामिया में विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गया था, जिसके बाद से परिसर में भारी दिल्ली पुलिस और RAF तैनात है।

इसके अलावा, भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (NSUI) ने भी CAA लागू होने का विरोध किया। जामिया के कार्यवाहक कुलपति इकबाल हुसैन ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ”हमने परिसर में किसी भी तरह के आंदोलन को रोकने के लिए सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। परिसर के पास विद्यार्थियों या बाहरी लोगों को सीएए के खिलाफ किसी भी तरह का विरोध-प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी जाएगी।”

असम में भी बिगड़े हालात

CAA-2019 लागू होने के बाद असम में विपक्ष दल ने केंद्र सरकार के खिलाफ निशाना साधा। साथ ही पूरे राज्य में विरोध-प्रदर्शन शुरू किया। इसके अलावा, 16 दल वाले संयुक्त विपक्षी मंच, असम (UOFA) ने मंगलवार को राज्यव्यापी हड़ताल की घोषणा की।

वहीं, ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (एएएसयू) और 30 स्वदेशी संगठनों ने सोमवार को गुवाहाटी, बारपेटा, लखीमपुर, नलबाड़ी, डिब्रूगढ़ और तेजपुर सहित राज्य के विभिन्न हिस्सों में विवादास्पद नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) की प्रतियां जलाईं।

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बंगाल और केरल में भी हंगामा

CAA के खिलाफ पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी जोर-शोर से प्रदर्शन करती दिख रही हैं। उन्होंने मोदी सरकार को चेतावनी दी कि अगर नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के तहत किसी की नागरिकता छीनी जाती है तो वह चुप नहीं रहेंगी। ममता बनर्जी ने साफ कहा है कि उनके राज्य में सीएए को लागू नहीं होने दिया जाएगा।

इसके अलावा, केरल में भी CAA के खिलाफ विपक्ष ने हंगामा मचा रखा हौ। केरल के सीएम पिनाराई विजयन ने कहा कि हमारी सरकार सीएए को लागू नहीं होने देगी।

किन राज्यों में नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 (CAA) के तहत छूट का प्रावधान है-

1. असम, मेघालय, मिजोरम और त्रिपुरा के आदिवासी क्षेत्र:

संविधान की छठी अनुसूची में शामिल क्षेत्रों को CAA से छूट दी गई है।
इन क्षेत्रों में कार्बी आंगलोंग (असम में), गारो हिल्स (मेघालय में), चकमा जिला (मिजोरम में), और त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र जिला शामिल हैं।

2. इनर लाइन परमिट (ILP) के तहत आने वाले क्षेत्र:

बंगाल ईस्टर्न फ्रंटियर रेगुलेशन, 1873 के तहत ILP के तहत आने वाले क्षेत्रों को भी CAA से छूट दी गई है।

इन क्षेत्रों को छूट देने का कारण:

इन क्षेत्रों में आदिवासी समुदायों का बड़ा हिस्सा रहता है, जिनकी अपनी भाषा, संस्कृति और परंपराएं हैं।

CAA को इन समुदायों के अधिकारों और पहचान को खतरे में डालने के रूप में देखा जाता है।

ILP क्षेत्रों में बाहरी लोगों के प्रवेश को नियंत्रित करने के लिए पहले से ही कानून मौजूद हैं।

शुरू हुआ नागरिकता आवेदन के लिए ऑनलाइन पोर्टल

CAA लागू होने के बाद गृह मंत्रालय ने बताया कि आवेदन पूरी तरह से ऑनलाइन मोड में होगा जिसके लिए एक वेब पोर्टल उपलब्ध कराया गया है।

गृह मंत्रालय ने कहा सीएए-2019 के तहत नागरिकता का आवेदन करने वालों के लिए सरकार पोर्टल के अलावा मोबाइल ऐप ‘सीएए-2019’ भी शुरू करेगी।

सरकार ने आवेदन करने के लिए जिन डॉक्यूमेंट्स की जरूरत होगी उसकी भी लिस्ट जारी की है।

डॉक्यूमेंट्स की लिस्ट देखने के लिए, यहां क्लिक करें

CAA नियम लागू होने के बाद किन्हें मिलेगी भारत की नागरिकता?

सरकार ने आज नागरिकता (संशोधन) अधिनियम,2019 लागू करने की घोषणा कर दी है। ऐसे में बगैर किसी डॉक्यूमेंट्स के तीन मुस्लिम बहुल देशों- पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश से आए हिंदू, ईसाई, सिख, पारसी, बौद्ध और जैन धर्म के लोगों को नागरिकता मिलेगी। नागरिकता देने का अधिकार केंद्र सरकार के हाथ में होगा। यह नागरिकता 31 दिसंबर,2014 तक इन देशों से भारत आए गैर-मुस्लिम विस्थापितों को दी जाएगी।

First Published : March 12, 2024 | 4:22 PM IST