लोक सभा अध्यक्ष कौन बनेगा, यह बुधवार को मतदान के जरिए ही तय हो पाएगा। स्वतंत्र भारत के इतिहास में यह तीसरा अवसर होगा जब लोक सभा के सदस्य अध्यक्ष के लिए वोट डालेंगे। उन्हें सत्ताधारी राजग के ओम बिरला और विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की तरफ से उतरे के. सुरेश में से किसी एक को चुनना है। लोक सभा अध्यक्ष के लिए इससे पहले 1952 और 1976 में मतदान हुआ था।
लोक सभा अध्यक्ष के लिए 1952 में तो मतदान बहुत ही सौहार्दपूर्ण माहौल में हुआ, लेकिन 1976 में आपातकाल के कारण हालात बदल गए थे।
पहली लोक सभा में अध्यक्ष पद के लिए 15 मई 1952 को हुए चुनाव में कांग्रेस के गणेश वासुदेव मावलंकर को 394 मत मिले थे, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी पीजेंट ऐंड वर्कर्स पार्टी ऑफ इंडिया के नेता शंकर शांताराम मोरे के पक्ष में केवल 55 वोट ही पड़े।
वर्ष 1967 में टी. विश्वनाथन ने कांग्रेस के नीलम संजीव रेड्डी के खिलाफ चुनाव लड़ा था। सदन ने रेड्डी को चुना, जिनके पक्ष में 278 वोट आए जबकि 207 मत उनके विरोध में पड़े थे।
वर्ष 1976 में आपातकाल का दौर था। पांचवीं लोक सभा का कार्यकाल एक साल के लिए बढ़ा दिया गया था। दिसंबर 1975 में गुरदयाल सिंह ढिल्लों ने लोक सभा अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्हें उसी दिन केंद्रीय कैबिनेट में शामिल कर जहाजरानी एवं पोत परिवहन मंत्रालय का प्रभार सौंप दिया गया।
कांग्रेस ने अध्यक्ष पद के लिए बलिराम भगत को मैदान में उतारा और विपक्ष ने जनसंघ के जगन्नाथ राव जोशी को उम्मीदवार बनाया। इस चुनाव में बलिराम भगत 344 मत हासिल कर लोक सभा अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठे। उनके प्रतिद्वंद्वी को केवल 58 वोट मिले थे।
वर्ष 1998 में तत्कालीन कांग्रेस नेता शरद पवार ने पीए संगमा को लोक सभा अध्यक्ष बनाने के लिए प्रस्ताव दिया, लेकिन खारिज हो गया। इसके बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने तेदेपा के जीएमसी बालयोगी का प्रस्ताव रखा, जिसे स्वीकार कर लिया गया।
अगर बिरला चुनाव जीत जाते हैं, तो दो लोक सभा की अध्यक्षता करने वाले वह पांचवें सांसद होंगे। उनसे पहले जीएमसी बालयोगी, बलराम जाखड़, गुरदयाल सिंह ढिल्लों, नीलम संजीव रेड्डी और एम ए अयंगर दो बार लोक सभा अध्यक्ष का पद संभाल चुके हैं।
जीएमसी बालयोगी
(12वीं लोक सभा, 24 मार्च 1998 से 19 अक्टूबर 1999 तथा तीसरी लोक सभा में 22 अक्टूबर 1999 से 3 मार्च 2002 तक)
बलराम जाखड़
(7वीं लोक सभा, 22 जनवरी 1980 से 15 जनवरी 1985 तथा 8वीं लोक सभा, 16 जनवरी 1985 से 18 दिसंबर 1989 तक)
गुरदयाल सिंह ढिल्लों
(चौथी लोक सभा, 8 अगस्त 1969 से 17 मार्च 1971 तथा 5वीं लोक सभा, 22 मार्च 1971 से 1 दिसंबर 1975 तक)
नीलम संजीव रेड्डी
(चौथी लोक सभा 17 मार्च 1967 से 19 जुलाई 1969 तथा छठी लोक सभा 26 मार्च 1977 से 13 जुलाई 1977 तक)
एमए अय्यंगार
पहली लोक सभा (8 मार्च 1956 से 10 मई 1957 तथा दूसरी लोक सभा के लिए 11 मई 1957 से 16 अप्रैल 1962 तक)
स्रोत : लोक सभा वेबसाइट