facebookmetapixel
AI कंपनियों में निवेश की होड़: प्रोसस ने भारत में बढ़ाया अपना इन्वेस्टमेंट, अरिविहान और कोडकर्मा भी शामिलBalaji Wafers की 10% हिस्सेदारी खरीदने की होड़, कई दिग्गज PE फर्में दौड़ मेंडेरी सेक्टर पर अमेरिकी रुख में नरमी का संकेत, प्रीमियम चीज पर जोरदेश का स्मार्टफोन निर्यात ₹1 लाख करोड़ के पार, PLI स्कीम से भारत बना ग्लोबल मोबाइल हबसरकार का बड़ा कदम: डेटा सेंटर डेवलपर्स को 20 साल तक टैक्स छूट का प्रस्तावनिवेशकों के लिए अलर्ट: चांदी बेच मुनाफा कमाएं, साथ ही अपना पोर्टफोलियो भी दुरुस्त बनाएंPM मोदी बोले- ऊर्जा जरूरतों के लिए विदेशी निर्भरता घटानी होगी, आत्मनिर्भरता पर देना होगा जोरEditorial: E20 लक्ष्य समय से पहले हासिल, पर उठे सवाल; फूड बनाम फ्यूल की बहस तेजअमित शाह बोले- हिंदी को विज्ञान-न्यायपालिका की भाषा बनाना समय की जरूरत, बच्चों से मातृभाषा में बात करेंडिजिटल दौर में बदलती हिंदी: हिंग्लिश और जेनजी स्टाइल से बदल रही भाषा की परंपरा

दफ्तर में बुलाया तो इस्तीफा थमाया, बढ़ रही महिला कर्मचारियों की नौकरी छोड़ने की दर

30-40 आयु वर्ग की महिलाओं में सबसे अधिक नौकरी छोड़ने की दर देखी गई

Last Updated- June 28, 2023 | 11:40 PM IST
Lek Ladki Yojana: Lek Ladki Yojana to make girls millionaires implemented in Maharashtra
BS

महामारी के कारण घर से काम करने के बाद अब दफ्तर खुलने से विशेष रूप से तकनीकी कंपनियों में नौकरी छोड़ने की दर में काफी वृद्धि हो रही है। महिलाओं में यह सिलसिला कुछ ज्यादा दिख रहा है।

भारत की सबसे बड़ी IT कंपनी TCS ने 7 जून को जारी अपनी ताजा वार्षिक रिपोर्ट में बताया कि महिला कर्मचारियों के नौकरी छोड़ने की दर पुरुषों के नौकरी छोड़ने की दर से अधिक हो गई है। TCS के मुख्य मानव संसाधन अधिकारी (SHRO) मिलिंद लक्कड़ ने कहा कि पहले TCS के कर्मचारियों की संख्या में 35 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी रखने वाली महिला कर्मचारियों में नौकरी छोड़ने की दर पुरुषों की तुलना में कम या समान रहा करती थी।

इस घटनाक्रम को ‘असामान्य’ बताते हुए उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि महामारी के दौरान घर से काम करने से कुछ महिलाओं के लिए घरेलू व्यवस्था में बड़ा बदलाव आया है जिससे सब कुछ सामान्य होने के बाद भी वे दफ्तर नहीं लौट पाती हैं।’

हालांकि ऐसी स्थिति का सामना केवल TCS को ही नहीं करना पड़ रहा है। बेंगलूरु की एक IT प्रकाशन कंपनी ने पाया है कि वर्ष 2023 में नौकरी छोड़ने वाले उसके दो कर्मचारियों में से एक या अधिक महिलाएं थीं। घर से काम करने का विकल्प खत्म होना वास्तव में नौकरी छोड़ने का एक प्रमुख कारण बताया गया था।

नाम न छापने की शर्त पर एक अधिकारी ने बताया, ‘हाल के एक-दो वर्षों में मां बनने वाली औरतों और नई शादीशुदा महिलाओं ने अपने सामने घर की जिम्मेदारियों में बढ़ोतरी होने की वजह से काम करने में असमर्थ होने का हवाला दिया।’

इन्फोसिस की पिछले चार साल की वार्षिक रिपोर्ट से पता चलता है कि वर्ष 2019-20 और 2021-22 के बीच महिला कर्मचारियों का प्रतिशत साल-दर-साल बढ़ा है। यह 2019-20 के 37.8 प्रतिशत से बढ़कर 2020-21 में 38.6 प्रतिशत और 2021-22 में 39.6 प्रतिशत रहा। लेकिन 2022-23 में यह थोड़ा कम होकर 39.4 प्रतिशत रह गया।

नोएडा की रोबोटिक्स कंपनी एडवर्ब के सह-संस्थापक सतीश शुक्ला ने कहा कि कोविड-19 के दौरान घर से काम करने की सुविधा ने लोगों को अपने गृहनगर से स्थानांतरित होने से बचने में मदद की लेकिन महिलाओं को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा क्योंकि उनके सामने घर की जिम्मेदारियां और बढ़ गईं।

शुक्ला ने कहा, ‘जैसे-जैसे दफ्तर खुल रहे हैं और घर से काम करने का रुझान कम हो रहा है महिलाओं को एक जगह से दूसरी जगह पर स्थानांतरित होने में दिक्कत हो रही है और इसके अलावा घर की देखभाल का बोझ भी उन पर बढ़ गया है जिससे नौकरी छोड़ने की दर बढ़ रही है। घर से काम करने का विकल्प खत्म होने से महिलाओं के लिए दफ्तर के काम और घर में सामंजस्य बिठाने में काफी दिक्कत आ रही है।’

वहीं टीमलीज की सह-संस्थापक और उद्योग विशेषज्ञ रितुपर्णा चक्रवर्ती का कहना है कि मध्यम स्तर के प्रबंधन और मध्यम स्तर के करियर वाली महिलाओं के लिए नौकरी छोड़ने की दर हमेशा सबसे अधिक रही है।

उन्होंने कहा, ‘यह पहले से होता रहा है लेकिन अब इसमें और तेजी देखी गई है। कोविड-19 के दौरान, मध्यम स्तर के करियर वाली महिलाओं के लिए घर से काम करने का विकल्प काफी अनुकूल था। इसलिए जब कंपनियों ने महामारी के बाद दफ्तर से काम करने पर जोर देना शुरू कर दिया तब अधिक महिलाओं ने नौकरी छोड़ना शुरू कर दिया।’

उन्होंने कहा कि चाहे कोई तकनीकी नौकरियों पर विचार करे या जो गैर-तकनीकी उद्योगों से जुड़ी नौकरियों पर दोनों ही क्षेत्रों में महिलाओं के बीच नौकरी छोड़ने की दर लगभग 16 प्रतिशत रही है, वहीं गैर-प्रबंधकीय भूमिकाओं में नौकरी छोड़ने वाली महिलाओं की दर 40 प्रतिशत और कार्यकारी स्तर पर 20 प्रतिशत रही है। सबसे ज्यादा नौकरी छोड़ने वालों की संख्या 30-40 आयु वर्ग में है और इस उम्र वर्ग में नौकरी छोड़ने की दर 15 फीसदी है।

विस्तारा एयरलाइन के एक प्रवक्ता ने कहा कि उसके यहां कॉरपोरेट कार्यालय के कर्मचारियों और चुनिंदा भूमिकाओं के लिए घर और दफ्तर दोनों जगहों से (हाइब्रिड काम करने की नीति) काम करने का विकल्प था जिसके तहत उपस्थिति की उतनी जरूरत नहीं थी। विमानन कंपनी के कुल कर्मचारियों में महिलाओं की हिस्सेदारी 43 प्रतिशत और नेतृत्व टीम में 13 प्रतिशत है। हालांकि विस्तारा ने अपने यहां नौकरी छोड़ने की दर का खुलासा नहीं किया है।

देश की सबसे बड़ी FMCG कंपनियों में से एक नेस्ले ने कहा कि 2022 में महिलाओं के नौकरी छोड़ने की दर 26 प्रतिशत थी, जो पुरुषों (13 प्रतिशत) की तुलना में लगभग दोगुनी है। नेस्ले इंडिया के प्रवक्ता ने कहा, ‘नेस्ले इंडिया में महिला कर्मचारियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। FMCG उद्योग के बिक्री क्षेत्र में महिलाओं का प्रतिनिधित्व सबसे ज्यादा है।’ हालांकि, कंपनी ने अपनी महिला कर्मचारियों के कुल प्रतिशत का खुलासा नहीं किया। प्रवक्ता ने कहा कि नेस्ले के मौजूदा निदेशक मंडल में 50 प्रतिशत महिलाएं हैं।

एक्सेंचर को भेजे गए सवालों का जवाब नहीं मिला। विप्रो के प्रवक्ता ने महिला कर्मचारियों के नौकरी छोडने के स्तर के बारे में कोई जानकारी नहीं दी, लेकिन उन्होंने कहा कि कंपनी के कुल कर्मचारियों में महिलाओं की हिस्सेदारी 36.3 प्रतिशत है।

First Published - June 28, 2023 | 11:40 PM IST

संबंधित पोस्ट