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उत्तर प्रदेश के किसानों को प्रमाणित (certified) बीज उपलब्ध कराने व अन्य राज्यों से होने वाली आपूर्ति पर निर्भरता कम करने के लिए योगी सरकार Seed Park की स्थापना करेगी। प्रदेश के तराई, बुंदेलखंड, मध्य, पश्चिम व पूर्वी क्षेत्रों में पांच सीड पार्क स्थापित किए जाएंगे। प्रदेश सरकार ने डेयरी उद्यमों की स्थापना करने वालों के लिए भी बड़े पैमाने पर सहूलियतों का ऐलान किया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में गुरुवार को हुयी मंत्रिपरिषद की बैठक में डेयरी क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहन देने के लिए उत्तरप्रदेश दुग्धशाला विकास एवं दुग्ध उत्पाद प्रोत्साहन नीति 2022 में संशोधन को मंजूरी दी गई।
मंत्रिपरिषद के फैसलों की जानकारी देते हुए प्रदेश के वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि उत्तर प्रदेश औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति 2022 के तहत प्रयागराज में 450.92 करोड़ रूपये की लागत से स्थापित होने वाले जेके सीमेंट, हापुड़ में 469.61 करोड़ रूपये की लागत वाली मून ब्रेवरेज लिमिटेड, मुजफ्फरनगर में 403.88 करोड़ की सिल्वर पल्प एंड पेपर मिल और लखीमपुर में 399.74 करोड़ की लागत वाली ग्लोबल स्प्रिट्स लिमिटेड और 273.9 करोड़ रूपये की चांदपुर एंटरप्राइजेज को लेटर ऑफ कंफर्ट जारी करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इन उद्यमों में ग्लोबल स्प्रिट्स लिमिटेड को कैपिटल सब्सिडी जबकि बाकी सभी को नेट राज्य मूल्य एवं वस्तु कर (एसजीएसटी) की प्रतिपूर्ति की जाएगी।
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खन्ना ने बताया कि उत्तरप्रदेश में पांच सीड पार्क स्थापित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। पहला सीड पार्क राजधानी लखनऊ के अटारी में राजकीय कृषि फार्म के 130.63 एकड़ भूमि पर 251.70 करोड़ रूपये की लागत से भारत रत्न पूर्व पीएम चौ.चरण सिंह के नाम पर स्थापित होगा। प्रस्ताव के मुताबिक सीड पार्क की स्थापित राज्य के कृषि विश्वविद्यालयों व कृषि फार्मों की भूमि पर किया जाएगा। इसके लिए 150-200 एकड़ जमीन उपयोग में ली जाएगी।
प्रस्ताव में कहा गया है कि वर्तमान में प्रदेश में किसानों की जरूरत का 50 फीसदी स्वंय के संरक्षित बीजों द्वारा, 43 फीसदी निजी क्षेत्र व 7 फीसदी सरकार व अर्ध सरकारी तंत्र द्वारा पूरा किया जा ता है। प्रदेश में कुल 70 लाख कुंतल प्रमाणित बीज की जरूरत है जबकि उत्पादन 40 लाख कुंतल का हो रहा है। बाकी बीजों की आपूर्ति अन्य राज्यों से की जाती है। सीड पार्क की स्थापना के बाद किसानों को न केवल प्रमाणित बीज मिल सकेंगे बल्कि अन्य राज्यों पर निर्भरता भी कम होगी। सीड पार्क में बीज व्यवसाइयों व उत्पादों को 30 वर्ष की लीज पर जमीन दी जाएगी।
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एक अन्य प्रस्ताव में प्रदेश सरकार ने डेयरी क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहन देने के लिए दुग्धशाला विकास एवं दुग्ध उत्पाद प्रोत्साहन नीति 2022 में संशोधन को मंजूरी दी है। संशोधित नीति में नई दुग्ध प्रसंस्करण यूनिट स्थापना में पूंजीगत अनुदान 35 फीसदी या अधिकतम पांच करोड़ दिया जाएगा।
मंत्रिपरिषद ने प्रदेश के विधानसभा क्षेत्रों में सरकारी खर्च पर बरातघर के निर्माण के प्रस्ताव को सहमति दे दी है। प्रस्ताव के मुताबिक वित्त वर्ष 2025-26 में 71 ग्रामीण विधानसभा क्षेत्रों में बारात घरों का निर्माण होगा। इसके लिए 100 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। प्रत्येक बारात घर के निर्माण पर 1.41 करोड़ रूपये खर्च किए जाएंगे।