facebookmetapixel
Editorial: इंडिगो संकट के सबक, पायलटों की कमी से मानव संसाधन प्रबंधन पर उठे सवालप्री-इंस्टॉल नहीं रहेगा संचार साथी, अब स्पैम से निपटने के समाधान पर फोकस होना चाहिएआराम से रहें, एआई युग की सुबह का आनंद लें और डराने वाली सुर्खियों को नजरअंदाज करेंStock Market: सेंसेक्स- निफ्टी में बढ़त, लेकिन बाजार सतर्क क्यों?IPO का पैसा आखिर जाता कहां है?सिर्फ 12 महीने में 40%+ रिटर्न? ये हैं Axis Securities के हाई-कन्विक्शन पिक्स!2025 में मैटरनिटी इंश्योरेंस में 180% की जबरदस्त छलांग, कंजंप्शन-बेस्ड हेल्थ बीमा का बढ़ रहा रुझानPutin India visit 2025: 4 साल बाद भारत पहुंचे पुतिन, प्रधानमंत्री मोदी ने हवाईअड्डे पर किया स्वागतNFO Alert: Groww MF ने उतारा नया ETF, सिर्फ ₹500 से मेटल और माइनिंग सेक्टर में निवेश का मौका₹1,098 टच कर सकता है ये Hotel Stock, लीजिंग बिजनेज में तेजी; ब्रोकरेज की सलाह- खरीदें

US tariffs: कपड़ा निर्यात बढ़ाने के लिए भारत लॉन्च करेगा आउटरीच कार्यक्रम, इन 40 देशों पर होगा फोकस

US tariffs: भारत पहले ही 220 से ज्यादा देशों में निर्यात करता है। लेकिन इन 40 आयातक देशों में डायवर्सिफिकेशन की असली संभावनाएं छिपी हैं।

Last Updated- August 27, 2025 | 6:41 PM IST
textile industry

US tariffs: अमेरिका भेजे जाने वाले भारतीय सामान पर 50% के भारी-भरकम टैरिफ से झींगा, कपड़ा, चमड़ा और जैम एंड ज्वेलरी समेत कई घरेलू इंडस्ट्री को भारी नुकसान झेलना पड़ेगा। ऐसे में भारत अपने कपड़ा निर्यात (textiles exports) को बढ़ावा देने के लिए ब्रिटेन, जापान और दक्षिण कोरिया समेत 40 देशों में डेडिकेटेड आउटरीच कार्यक्रम चलाने की योजना बना रहा है। समाचार एजेंसी पीटीआई ने बुधवार को यह जानकारी दी।

ब्रिटेन और जापान पर रहेगा खास फोकस

रिपोर्ट के मुताबिक, भारत का मुख्य रूप से फोकस ब्रिटेन, जापान और दक्षिण कोरिया पर रहेगा। इसके अलावा जर्मनी, फ्रांस, इटली, स्पेन, नीदरलैंड, पोलैंड, कनाडा, मैक्सिको, रूस, बेल्जियम, तुर्की, संयुक्त अरब अमीरात और ऑस्ट्रेलिया जैसे अन्य देशों में भी अभियान चलाया जाएगा।

अधिकारी ने कहा, “इन 40 बाजारों में भारत एक लक्षित रणनीति अपनाएगा। इसका उद्देश्य भारत को उच्च गुणवत्ता, टिकाऊ और नवाचारी वस्त्र उत्पादों का भरोसेमंद आपूर्तिकर्ता के रूप में स्थापित करना है। इसमें भारतीय उद्योग, ईपीसी और इन देशों में स्थित भारतीय मिशन मुख्य भूमिका निभाएंगे।”

भारत पहले ही 220 से ज्यादा देशों में निर्यात करता है। लेकिन इन 40 आयातक देशों में डायवर्सिफिकेशन की असली संभावनाएं छिपी हैं।

Also Read: ट्रंप के 50% टैरिफ से भारतीय कॉर्पोरेट बॉन्ड को खतरा नहीं, बने रहेंगे मजबूत: Barclays

भारत के पास बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने का अवसर

अधिकारी ने कहा कि ये 40 देश मिलकर वस्त्र और परिधान आयात में 590 अरब डॉलर से अधिक का प्रतिनिधित्व करते हैं। इससे भारत के लिए अपने बाजार हिस्सेदारी को बढ़ाने का बड़ा अवसर है, जो वर्तमान में केवल लगभग 5-6% है।

अधिकारी ने आगे कहा, “इसे ध्यान में रखते हुए, सरकार इन 40 देशों में प्रत्येक में डेडिकेटेड आउटरीच कार्यक्रम चलाने की योजना बना रही है, जिसमें पारंपरिक बाजारों और उभरते बाजारों दोनों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।”

टैरिफ से टेक्सटाइल इंडस्ट्री सबसे ज्यादा प्रभावित

कपड़ा निर्यात संवर्धन परिषद (एईपीसी) के महासचिव मिथिलेश्वर ठाकुर ने कहा कि 10.3 अरब डॉलर के निर्यात के साथ कपड़ा क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में से एक है। उन्होंने कहा, ‘‘उद्योग अमेरिका द्वारा घोषित 25 प्रतिशत जवाबी शुल्क को लेकर तैयार था। लेकिन, 25 प्रतिशत अतिरिक्त बोझ ने…भारतीय कपड़ा उद्योग को अमेरिकी बाजार से प्रभावी रूप से बाहर कर दिया है। इसका कारण बांग्लादेश, वियतनाम, श्रीलंका, कंबोडिया और इंडोनेशिया जैसे प्रमुख प्रतिस्पर्धी देशों की तुलना में 30-31 प्रतिशत शुल्क के नुकसान के अंतर को पाटना असंभव है।’’

Also Read: अमेरिका में ‘स्कैम’ बना H-1B वीजा? फ्लोरिडा गवर्नर ने बोला हमला, भारतीयों को ठहराया जिम्मेदार!

अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार

बीते वित्त वर्ष भारत के 437.42 अरब डॉलर मूल्य के वस्तु निर्यात में अमेरिका का लगभग 20 प्रतिशत हिस्सा था। अमेरिका 2021-22 से भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। 2024-25 में, वस्तुओं का द्विपक्षीय व्यापार 131.8 अरब अमेरिकी डॉलर रहा। इनमें 86.5 अरब डॉलर निर्यात और 45.3 अरब डॉलर आयात था।

(PTI इनपुट के साथ)

First Published - August 27, 2025 | 6:25 PM IST

संबंधित पोस्ट