Trump Tariffs: कारोबारियों के प्रमुख संगठनों में से एक भारतीय उद्योग व्यापार () मंडल 3 अगस्त को दिल्ली में अपने 44 वें स्थापना दिवस पर व्यापारी दिवस मनाने जा रहा है। इस दिन देश भर से जुटने वाले कारोबारी जीएसटी सरलीकरण, ई-कॉमर्स, ट्रंप टैरिफ जैसे विभिन्न कारोबारी मुद्दों पर करेंगे। इस कार्यक्रम में दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, केंद्रीय कानून व न्याय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुन राम मेघवाल, केंद्रीय सड़क परिवहन और कॉरपोरेट मंत्रालय के राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा शामिल हो सकते हैं।
मंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष बाबूलाल गुप्ता ने कहा कि इस कार्यक्रम में कारोबारी जीएसटी, ई-कॉमर्स, ट्रंप टैरिफ समेत विभिन्न कारोबारी मुद्दों पर चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार को अब जीएसटी का सरलीकरण कर तीन ही श्रेणियां रखनी चाहिए। शून्य श्रेणी में सभी खाद्य पदार्थों को रखा जाए चाहे उनका वजन या पैकिंग कुछ भी हो। बाकी दो श्रेणियां 5 और 18 फीसदी की होनी चाहिए।
गुप्ता ने कहा कि अमेरिका द्वारा 25 फीसदी टैरिफ लगाने से भी कारोबारी चिंतित है। इस पर भी इस कार्यक्रम में चर्चा की जाएगी कि कैसे इसका सामना किया जाए और कैसे अमेरिका के अलावा दूसरे देशों में कारोबार के अवसर तलाशे जाएं? मंडल के वरिष्ठ महासचिव हेमंत गुप्ता ने कहा कि ई-कॉमर्स से छोटे कारोबारियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि ये एमआरपी से कम कीमत पर उत्पाद बेच रहे हैं। इसलिए ई-कॉमर्स के गलत कार्यों पर अंकुश लगाने के लिए बैंक व बीमा क्षेत्र की तर्ज पर एक नियामक नियुक्त किया जाए।
व्यापार मंडल के राष्ट्रीय वरिष्ठ महासचिव मुकुंद मिश्रा ने कहा कि राज्यों में मंडी सेस की दरों में असमानता है, जो 0 से 4 फीसदी के बीच है। इसे एक समान किया जाए और सभी राज्यों में कृषि मंडी सेस को 100 रुपये पर 50 पैसे किया जाए।
मंडल की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष प्रेम अरोड़ा ने कहा कि वर्तमान में एफएसएसएआई नियमों के तहत हर 6 महीने में खाद्य सैंपल परीक्षण जरूरी है। यह छोटे व्यापारियों के लिए वित्तीय बोझ बन गया है। इसलिए यह प्रक्रिया साल में एक बार ही होनी चाहिए।
दिल्ली इकाई के वरिष्ठ महासचिव राकेश यादव ने सरकार द्वारा टर्नओवर के आधार पर एमएसएमई को दी जानी वाली सब्सिडी को व्यावहारिक बनाने की मांग की है। साथ ही उन्होंने कहा कि टीडीएस और टीसीएस जैसे प्रावधानों को हटाया क्योंकि ये प्रावधान व्यापारियों पर अनुपालन का अनावश्यक बोझ डालते हैं।