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क्रिसमस और नए साल के लिए हवाई किराये में तेजी नहीं, मांग और विमान ईंधन कीमतों में नरमी का असर

दिल्ली-कोलकाता मार्ग भारत के सबसे व्यस्त मार्गों में शामिल है जहां हर सप्ताह 160 से अधिक उड़ानों का संचालन होता है।

Last Updated- December 03, 2024 | 10:57 PM IST
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इस साल क्रिसमस और नए साल के दौरान यात्रा के लिए हवाई किराये में खास बढ़ोतरी नहीं हुई है। विमान ईंधन की कीमतों में नरमी, वि​भिन्न उड़ानों के दमदार लोड फैक्टर और मांग में तेजी की उम्मीद के कारण फिलहाल किराये नियंत्रण में दिख रहे हैं।

यात्रा वेबसाइट इ​ग्जिगो के आंकड़ों के अनुसार, 24 दिसंबर से 1 जनवरी के बीच यात्रा के लिए दिल्ली-गोवा मार्ग पर औसत हवाई किराया 9,301 रुपये रहा है, जो पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले महज 2 फीसदी अधिक है। यह किराया 30 दिन पहले बुक किए गए टिकटों के हैं। क्रिसमस और नए साल के जश्न के लिए गोवा भारत का एक सबसे लोकप्रिय गंतव्य है।

दिल्ली-कोलकाता मार्ग भारत के सबसे व्यस्त मार्गों में शामिल है जहां हर सप्ताह 160 से अधिक उड़ानों का संचालन होता है। इ​ग्जिगो के अनुसार, 24 दिसंबर से 1 जनवरी के बीच इस मार्ग पर औसत हवाई किराये में एक साल पहले की समान अव​धि के मुकाबले 29.7 फीसदी की कमी दर्ज की गई है। ये किराये प्रस्थान से 30 दिन पहले बुक किए गए टिकटों के हैं।

विमानन कंपनियों के अधिकारियों ने कहा कि हालिया सप्ताहों के दौरान लोड फैक्टर में लगातार मजबूती बनी हुई। उन्होंने कहा कि आगामी सप्ताहों में भी लोड फैक्टर में मजबूती बरकरार रहने के आसार हैं। एक अधिकारी ने कहा, ‘विमानों के जमीन पर खड़े होने एवं अन्य कारणों से कुछ क्षमता प्रभावित हुई है, लेकिन हवाई किराये में काफी हद तक स्थिरता बनी हुई है। आने वाले दिनों में क्रिसमस सप्ताह के लिए मांग बढ़ने की उम्मीद है।’

विमानन विश्लेषण फर्म सिरियम के अनुसार, भारतीय विमानन कंपनियां दिसंबर में हर सप्ताह 22,645 उड़ानों का संचालन करने वाली हैं जो पिछले साल की समान अव​धि के मुकाबले करीब 8 फीसदी अ​धिक है। फिलहाल देश में 730 वाणिज्यिक विमानों में से करीब 130 विमान आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान, वित्तीय चुनौतियों और इंजन संबंधी समस्या के कारण जमीन पर खड़े हैं।

इस साल दिसंबर में विमान ईंधन की कीमतों में पिछले साल की समान अव​धि के मुकाबले कमी आई है। दिल्ली में 1 दिसंबर को विमान ईंधन (एटीएफ) की कीमत 91,856 रुपये प्रति किलोलीटर थी जो दिसंबर 2023 के मुकाबले करीब 14 फीसदी कम है। विमानन कंपनी के कुल परिचालन खर्च में विमान ईंधन लागत की हिस्सेदारी करीब 40 फीसदी है।

दिल्ली-कोलकाता मार्ग की ही तरह बेंगलूरु-हैदराबाद मार्ग को भी भारत का एक सबसे व्यस्त हवाई मार्ग माना जाता है। इ​ग्जिगो के अनुसार, 24 दिसंबर से 1 जनवरी के बीच इस मार्ग पर औसत हवाई किराये में पिछले साल के मुकाबले 6.9 फीसदी की कमी देखी गई है। इस मार्ग पर प्रस्थान से 30 दिन पहले बुक किए गए टिकटों का औसत किराया 3,526 रुपये है।

बहरहाल भारत में हवाई किराये को केंद्र सरकार नियंत्रित नहीं करती है। इसके लिए नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) की एक टैरिफ मॉनिटरिंग यूनिट (टीएमयू) है। टीएमयू 60 मार्गों पर चार श्रेणियों में हवाई किराये पर नजर रखती है। इन श्रे​णियों में प्रस्थान से 31 दिन पहले खरीदे गए टिकट, 14 दिन पहले खरीदे गए टिक, 7 दिन पहले खरीदे गए टिकट और तत्काल खरीदे गए टिकट शामिल हैं।

तत्कालीन विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दिसंबर 2023 में कहा था, ‘अगर हम किराये में कोई बड़ी बढ़ोतरी देखते हैं तो टीएमयू विमानन कंपनी को सूचित करता है। इस प्रकार विमानन कंपनी खुद उसे नियंत्रित करती है। फिलहाल मौसमी उतार-चढ़ाव के मद्देनजर हवाई किराये नियंत्रण में हैं।’

First Published - December 3, 2024 | 10:36 PM IST

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