कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ के कुछ क्षेत्रीय दलों के उस प्रस्ताव को नकार दिया है, जिसमें उन्होंने खरगे को आगामी लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने की बात कही थी।
गठबंधन की मंगलवार को नई दिल्ली में हुई बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और दिल्ली के उनके समकक्ष अरविंद केजरीवाल की ओर से यह सुझाव आया था, जिसे खरगे ने यह कहकर मना कर दिया कि गठबंधन को पहले यह सुनिश्चित करना चाहिए कि चुनाव में उसके ज्यादा से ज्यादा सांसद जीतकर लोकसभा पहुंचें। लगभग साढ़े तीन महीने के अंतराल पर हुई बैठक में इंडिया गठबंधन के 27 घटक दलों के नेता सीट बंटवारे का मसला जल्द से जल्द सुलझाने पर सहमत हुए।
बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में खरगे ने कहा कि गठबंधन जनवरी के दूसरे सप्ताह तक सीटों का मामला हल कर लेगा। हालांकि बैठक में तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने इस बात पर जोर दिया कि सीट बंटवारे का मुद्दा 31 दिसंबर तक निपट जाना चाहिए।
खरगे ने यह भी बताया कि भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए इंडिया गठबंधन देशभर में कम से कम आठ से दस संयुक्त रैलियां आयोजित करेगा। इसके अलावा, कांग्रेस नेता जयराम रामेश ने बताया कि संसद से 141 सांसदों के निलंबन के विरोध में इंडिया गठबंधन के घटक दल देशभर में 22 दिसंबर को विरोध प्रदर्शन करेंगे। पिछले दो दिन से दिल्ली में मौजूद ममता बनर्जी अरविंद केजरीवाल, अखिलेश यादव, एमके स्टालिन और उद्धव ठाकरे समेत गठबंधन के कई क्षेत्रीय नेताओं से मिल चुकी हैं।
एमडीएमके नेता वाइको ने बताया कि मंगलवार की बैठक में ममता ने प्रस्ताव रखा कि खरगे को गठबंधन की ओर से प्रधानमंत्री पद का चेहरा घोषित किया जाना चाहिए।
केजरीवाल ने भी इसका समर्थन किया। खास यह कि एक दिन पहले ही ममता ने पत्रकारों से बातचीत में कहा था कि गठबंधन को आम चुनाव के बाद प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा करनी चाहिए। बैठक में कांग्रेस को सीधा संकेत देते हुए समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव ने उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी से किसी भी तरह के गठजोड़ से इनकार कर दिया। इंडिया गठबंधन के शीर्ष नेताओं की यह चौथी बैठक है। इससे पहले इस तरह की बैठक सितंबर में हुई थी। पिछले तीन महीने से कांग्रेस की ओर से लगातार उपेक्षा के कारण गठबंधन के घटक दल थोड़े बेचैन थे।