केंद्र सरकार ने ‘अमृत काल’ के बीच 18 से 22 सितंबर तक ‘संसद का विशेष सत्र’ बुलाया है जिसमें पांच बैठकें होंगी। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने गुरुवार को सोशल मीडिया साइट ‘एक्स’ पर यह जानकारी दी। इस विशेष सत्र के एजेंडे के बारे में आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है । यह सत्र 9 और 10 सितंबर को राष्ट्रीय राजधानी में जी-20 शिखर बैठक के कुछ दिन बाद आयोजित होने जा रहा है।
जोशी ने कहा कि विशेष सत्र में पांच बैठकें होंगी। उन्होंने कहा, ‘ अमृत काल के समय में होने वाले इस सत्र में संसद में सार्थक चर्चा और बहस होने को लेकर आशान्वित हूं।’ अपनी पोस्ट के साथ जोशी ने एक्स पर संसद के पुराने भवन के साथ ही नए भवन की तस्वीर भी साझा की है।
सूत्रों के अनुसार, विशेष सत्र के दौरान संसदीय कामकाज नए संसद भवन में स्थानांतरित हो सकता है जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 मई को किया था। संसद के नए भवन से जुड़े निर्माण कार्यो को अंतिम रूप दिया जा रहा है ताकि यह सत्र की मेजबानी के लिए तैयार हो सके। आमतौर पर संसद के तीन सत्र होते हैं। इसमें बजट सत्र, मॉनसून सत्र और शीतकालीन सत्र शामिल हैं।
विशेष परिस्थितियों में संसद का विशेष सत्र बुलाए जाने का प्रावधान है। संसद का मॉनसून सत्र 11 अगस्त को समाप्त हुआ था। हाल में चंद्रयान-3 मिशन की सफलता और अमृत काल के दौरान भारत के लक्ष्य भी विशेष सत्र में चर्चा का हिस्सा हो सकते हैं। विशेष सत्र का एजेंडा स्पष्ट नहीं होने के बीच ऐसी अटकलें हैं कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर मोदी सरकार कोई विधेयक पेश कर सकती है।
मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने सरकार द्वारा संसद का विशेष सत्र बुलाने के फैसले के बाद गुरुवार को आरोप लगाया कि कारोबारी अदाणी समूह के खिलाफ नए खुलासे होने और मुंबई में जारी विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की बैठक के चलते समाचारों का प्रबंधन करने की कवायद के तहत विशेष सत्र की घोषणा की गई है।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि इस विशेष सत्र के दौरान भी अदाणी समूह के मामले में संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की जांच की मांग सदन के भीतर और बाहर जारी रहेगी। उन्होंने सवाल किया कि जब मॉनसून सत्र तीन सप्ताह पहले ही समाप्त हुआ है तो ऐसे में संसद का पांच दिवसीय विशेष सत्र क्यों बुलाया गया है?
शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) की प्रियंका चतुर्वेदी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘गणेश चतुर्थी के महत्त्वपूर्ण त्योहार के दौरान संसद का विशेष सत्र बुलाना दुर्भाग्यपूर्ण है और यह हिंदुओं की भावना के खिलाफ है। इसकी तिथियों के चयन को लेकर आश्चर्यचकित हूं ।’ भाषा