पश्चिमी उत्तर प्रदेश को प्रयागराज से जोड़ने वाले देश के सबसे लंबे गंगा एक्सप्रेस वे का काम इसी साल नवंबर तक पूरा कर लिया जाएगा। इसी साल के अंत तक गंगा एक्सप्रेस वे को सार्वजनिक यातायात के लिए खोल दिया जाएगा।एक्सप्रेस वे के किनारे कई औद्योगिक क्लस्टर विकसित किए जा रहे हैं। गंगा एक्सप्रेस वे को प्रदेश के कई अन्य प्रमुख एक्सप्रेस वे से भी जोड़ा जा रहा है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक्सप्रेस-वे परियोजना के कार्यां को निर्धारित समय में गुणवत्ता के साथ पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने यूपीडा के अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी कार्यां को निर्धारित समय-सीमा में उच्च गुणवत्ता के साथ पूर्ण किया जाए। शाहजहांपुर जिले में गंगा एक्सप्रेस-वे के कार्यों का स्थलीय निरीक्षण करने के दौरान मुख्यमंत्री ने साढ़े तीन किलोमीटर लम्बी नवनिर्मित हवाई पट्टी का भी निरीक्षण किया, जहां भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमानों की लैण्डिंग का पहला पूर्वाभ्यास शुक्रवार को होने जा रहा है। इस हवाई पट्टी पर वायुसेना के विमान की नाइट लैंडिंग भी हो सकेगी।
गंगा एक्सप्रेस वे के निर्माण की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2021 में प्रधानमंत्री जी ने स्वयं शाहजहांपुर में इसका शिलान्यास किया था। गंगा एक्सप्रेस-वे को फर्रुखाबाद, आगरा एक्सप्रेस-वे और बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे से जोड़ा जाएगा। एक्सप्रेस-वे के किनारे औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए कई औद्योगिक क्लस्टर विकसित किए जा रहे हैं, जिससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश को प्रयागराज से जोड़ने के लिए गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण का फैसला वर्ष 2019 के प्रयागराज कुम्भ में लिया गया था। वर्ष 2020 में मंत्रिपरिषद से स्वीकृति मिलने के बाद तेजी से इस सम्बन्ध में कार्यवाही को आगे बढ़ाया गया। प्रदेश में 594 किलोमीटर लम्बा तथा सिक्स लेन का यह एक्सप्रेस-वे पश्चिमी उत्तर प्रदेश को प्रयागराज से जोड़ने का महत्वपूर्ण माध्यम बनेगा। अब तक 85 फीसदी काम पूरा हो चुका है। इस एक्सप्रेस वे को भविष्य में आठ लेन का किया जा सकेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि परियोजना के लिए 18,000 एकड़ भूमि किसानों से खरीदी गयी। देश के सबसे बड़े एक्सप्रेस-वे के रूप में उभरे गंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण चार पैकेजों में किया जा रहा है। इसका निर्माण नवम्बर, 2025 तक पूरा कर लिया जाएगा। गंगा एक्सप्रेस-वे पर जनपद शाहजहांपुर में अन्तरराष्ट्रीय स्तर की हवाई पट्टी तैयार की गई है, जिसका उपयोग आपातकालीन स्थितियों में एरोप्लेन की लैण्डिंग और टेक-ऑफ के लिए किया जा सकेगा। इसके अतिरिक्त इस पट्टी का उपयोग एम्बुलेन्स सहित इमरजेन्सी सेवाओं के लिए भी किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकुम्भ जैसे आयोजनों के मद्देनजर मेरठ से हरिद्वार, काशी, पूर्वांचल, गाजीपुर, शक्तिनगर एवं सोनभद्र तक भी कनेक्टिविटी परियोजनाएं विकसित की जाएंगी। उन्होंने कहा कि शुक्रवार को गंगा एक्सप्रेस-वे की हवाई पट्टी पर भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों का ऐतिहासिक लैण्डिंग शो आयोजित किया जाएगा।
गंगा एक्सप्रेस-वे जनपद मेरठ सेहापुड़, बुलन्दशहर, अमरोहा, सम्भल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ होते हुए प्रयागराज तक बनाया जा रहा जो 2 नवम्बर, 2025 को पूरा होने पर जनता के लिए लोकार्पित किया जाएगा। इसकी लागत 36,230 करोड़ रुपये है और निर्माण कार्यां की कार्यदायी संस्था द्वारा 30 वर्ष की गारण्टी होगी।
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