facebookmetapixel
BSE 500 IT कंपनी दे रही है अब तक का सबसे बड़ा डिविडेंड- जान लें रिकॉर्ड डेटVice President Election Result: 15वें उपराष्ट्रपति के रूप में चुने गए सीपी राधाकृष्णन, बी. सुदर्शन रेड्डी को 300 वोट मिलेनेपाल में सोशल मीडिया बैन से भड़का युवा आंदोलन, राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने दिया इस्तीफापंजाब-हिमाचल बाढ़ त्रासदी: पीएम मोदी ने किया 3,100 करोड़ रुपये की मदद का ऐलाननेपाल में हिंसक प्रदर्शनों के बीच भारत ने नागरिकों को यात्रा से रोका, काठमांडू की दर्जनों उड़ानें रद्दUjjivan SFB का शेयर 7.4% बढ़ा, वित्त वर्ष 2030 के लिए मजबूत रणनीतिStock Market Update: सेंसेक्स 400 अंक ऊपर, निफ्टी 25,000 के पास; IT इंडेक्स चमका, ऑटो सेक्टर कमजोरGST कटौती से ऑटो सेक्टर को बड़ा फायदा, बाजार पूंजीकरण 3 लाख करोड़ बढ़ाInfosys बायबैक के असर से IT शेयरों में बड़ी तेजी, निफ्टी IT 2.8% उछलाBreakout Stocks: ब्रेकआउट के बाद रॉकेट बनने को तैयार ये 3 स्टॉक्स, ₹2,500 तक पहुंचने के संकेत

दो साल में खत्म हो जाएगी भारत से टीबी

वाराणसी में प्रधानमंत्री का संकल्प, टीबी की रोकथाम के लिए छह महीने के बजाय अब तीन महीने की दवा दी जाएगी

Last Updated- March 24, 2023 | 11:25 PM IST
TB will be eradicated from India in two years
PTI

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई अन्य पहलों के साथ ‘टीबी मुक्त पंचायत अभियान’ की शुरुआत के मौके पर शुक्रवार को कहा भारत 2025 तक टीबी की बीमारी खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर निर्धारित समय से पांच साल पहले ही, भारत इस लक्ष्य को हासिल कर लेगा।

वर्ष 2022 में भारत में टीबी के 24.2 लाख मामले सामने आए थे जो 2021 की तुलना में 13 फीसदी अधिक थे। इस तरह प्रति एक लाख आबादी पर टीबी के 172 मरीज थे। इस साल भी टीबी के 7.30 लाख मामले देखे गए है जो काफी अधिक है।

वहीं 2022 में मल्टी ड्रग रिजिस्टेंट (एमडीआर-टीबी) के करीब 63,801 मरीज थे। इसके अलावा, 2022 में प्रति एक लाख की आबादी पर संभावित टीबी की जांच दर, (पीटीबीईआर) 1,281 है। यह 2021 में प्रति एक लाख की आबादी पर 763 टीबी जांच के मुकाबले 68 फीसदी अधिक है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 2014 के बाद से टीबी से निपटने के लिए भारत ने जो प्रतिबद्धता और संकल्प दिखाया है वह अभूतपूर्व है। उन्होंने कहा कि भारत का यह प्रयास महत्त्वपूर्ण है क्योंकि यह टीबी के खिलाफ वैश्विक युद्ध का नया मॉडल है। उन्होंने पिछले नौ वर्षों में टीबी के विरुद्ध बहुआयामी दृष्टिकोण पर भी विस्तार से चर्चा की।

प्रधानमंत्री ने लोगों की सहभागिता, पोषण में वृद्धि, उपचार के तरीके में नवाचार, तकनीकी एकीकरण और फिट इंडिया, योग और खेलो इंडिया जैसी तंदरुस्ती बढ़ाने वाले एवं बीमारियों की रोकथाम जैसी पहल का जिक्र किया।

प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को शुरू हुए टीबी मुक्त पंचायत अभियान के बारे में बात करते हुए इस बात पर जोर दिया कि अब सरकार 6 महीने के बजाय 3 महीने में इलाज करने की शुरुआत कर रही है। उन्होंने बताया कि पहले मरीजों को छह महीने तक रोजाना दवा लेनी पड़ती थी, लेकिन अब नई व्यवस्था के तरह सप्ताह में एक बार ही दवा लेनी होगी।

केंद्रीय टीबी विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि यह उनलोगों (मरीजों के परिजन) के लिए है जिन्हें बीमारी होने का काफी अधिक खतरा रहता है।

एमडीआर-टीबी के इलाज के लिए, जॉनसन ऐंड जॉनसन (जेऐंडजे) की एक प्रमुख दवा का पेटेंट जुलाई में खत्म होने वाला है। भारतीय पेटेंट कार्यालय ने गुरुवार को टीबी की प्रमुख दवा बेडक्विलाइन पर अपने एकाधिकार बढ़ाने की कोशिश कर रही अमेरिका की दिग्गज दवा कंपनी के आवेदन को खारिज कर दिया। अब कई जेनेरिक दवा निर्माता इसकी सस्ती दवा बना सकते हैं जिसकी छह महीने की खुराक की कीमत 340 डॉलर यानी 27,200 रुपये है।

एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि सरकार जरूरत के हिसाब से ही बेडक्विलाइन खरीदती है। पेटेंट खत्म होने के बाद खरीद की लागत भी कम हो सकती है जिससे देश के टीबी उन्मूलन कार्यक्रम को बल मिलेगा। इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बात पर भी जोर दिया कि टीबी मरीजों के लिए मुख्य चुनौती पोषण मिलना है और नि-क्षय मित्र अभियान ने टीबी रोगियों की मदद की है। केंद्र ने 2018 से प्रत्यक्ष लाभ अंतरण योजना के तहत 2,000 करोड़ रुपये टीबी मरीजों के खाते में भेजे हैं जिससे करीब 75 लाख मरीजों को लाभ मिला है।

प्रधानमंत्री ने इस बात को रेखांकित करते हुए कहा कि पुराने तरीकों से काम करते हुए नए समाधान तक पहुंचना मुश्किल है इसीलिए सरकार ने नई रणनीतियां बनाई हैं ताकि टीबी मरीजों का इलाज न रुक सके। उन्होंने टीबी की जांच और इलाज के लिए ‘आयुष्मान भारत योजना’ शुरू करने, देश में जांच प्रयोगशालाओं की संख्या बढ़ाने और अधिक टीबी मरीजों वाले शहरों पर केंद्रित विशेष नीतियां बनाने की बात का भी जिक्र किया।

वर्ष 2022 में भारत ने टीबी की जांच के लिए 1.39 करोड़ बलगम जांच और 58 लाख न्यूक्लिक एसिड एम्प्लीफिकेशन टेस्ट (नैट) किए। वर्ष 2022 में टीबी रोकथाम उपचार (टीपीटी) के कार्यबल का विस्तार हुआ है। वर्ष 2022 के अंत तक राष्ट्रीय दिशानिर्दशों के तहत टीपीटी का विस्तार देश के 722 जिलों (94 फीसदी) तक हुआ जबकि 246 जिलों (32 फीसदी) में टीबी संक्रमण (टीबीआई) जांच केंद्र की स्थापना की गई।

First Published - March 24, 2023 | 11:25 PM IST

संबंधित पोस्ट