प्रधानमंत्री नरेंद मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान महत्त्वपूर्ण खनिजों पर तैयार गठबंधन में भारत को भी शामिल करने पर चर्चा हो सकती है। अधिकारियों ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को यह जानकारी देते हुए बताया कि जरूरी खनिजों पर इस गठबंधन की अगुआई अमेरिका कर रहा है।
जून 2022 में अमेरिका, यूरोपीय संघ और जी-7 देशों ने खनिज सुरक्षा साझेदारी शुरू की, जिसका मकसद दुनिया में महत्त्वपूर्ण खनिजों की आपूर्ति पर चीन का दबदबा बढ़ने से रोकना है।
अधिकारियों ने कहा कि वित्त मंत्रालय सहित विभिन्न मंत्रालयों ने विदेश मंत्रालय से इस साझेदारी में भारत के शामिल होने की संभावनाएं टटोलने का आग्रह किया है। ये खनिज स्वच्छ ऊर्जा, सेमीकंडक्टर और दूरसंचार तकनीक के लिए अहम माने जाते हैं। इन खनिजों की मांग आने वाले दशकों में और बढ़ने का अनुमान है।
एक अधिकारी ने कहा, ‘प्रधानमंत्री की अमेरिका यात्रा के दौरान इस विषय पर चर्चा होगी। अधिकारी इस पर प्रारंभिक बातचीत की गुंजाइश टटोलेंगे। भारत में विनिर्माण के नए केंद्र आ रहे हैं, जिस कारण इन आवश्यक खनिजों की भारी मात्रा में जरूरत होगी। ऐसे में इनके लिए किसी एक देश पर निर्भर रहना चुनौती बन जाएगी।’
भारत एक अन्य कारण से भी इस गठबंधन में शामिल होना चाहता है। इससे भारत को अहम अवसरों के लिए विकसित देशों से आने वाला सरकारी और निजी निवेश भी हासिल हो सकता है। अमेरिका ने कहा है कि खनिजों पर साझेदारी में शामिल देश खनन, प्रसंस्करण और दोबारा इस्तेमाल की प्रक्रिया में निवेश करेंगे।
वर्ष 2022-23 की आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि दुर्लभ मृदा तत्वों के असमान वितरण के कारण उत्पन्न होने वाली चुनौती से निपटने के लिए भारत को सावधानी के साथ तैयार की गई बहुआयामी खनिज नीति की जरूरत पड़ेगी। आर्थिक समीक्षा के अनुसार स्वच्छ ईंधन की तरफ कदम बढ़ाने के लिए भारत को लीथियम की सबसे अधिक जरूरत होगी।
इलेक्ट्रॉनिक वाहनों में इस्तेमाल होने वाली बैटरियों में लीथियम प्रमुख तत्व होता है। नीति आयोग के अनुसार 2030 तक 30 प्रतिशत कारों, 70 प्रतिशत वाणिज्यिक वाहनों और 80 प्रतिशत दोपहिया एवं तिपहिया वाहनों को इलेक्ट्रिक बनाने का बहुआयामी राष्ट्रीय लक्ष्य पूरा करने के लिए लीथियम बहुत जरूरी होगा।
भारत इस समय लीथियम का आयात करता है। वर्ष 2022-23 में 2.8 अरब डॉलर की लीथियम आयन बैटरियों का आयात किया गया था। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार 95 प्रतिशत से अधिक बैटरी हॉन्गकॉन्ग और चीन से आ रही थीं। पिछले साल आयात बढ़कर दोगुना हो गया था।
भारतीय भू-विज्ञान सर्वेक्षण (जीएसआई) महत्त्वपूर्ण खनिजों की खोज का प्रयास तेज कर रहा है। केंद्र सरकार इस साल फरवरी में जम्मू कश्मीर के रियासी जिले में पाए गए 59 लाख टन लीथियम भंडार की नीलामी पूरी करने की तैयारी में जुट गई है। जीएसआई ने कहा कि भारत में निकल, कोबाल्ट, मॉलिब्डेनम और भारी दुर्लभ मृदा तत्व मौजूद हैं मगर इनकी मात्रा का सटीक अनुमान लगाने के लिए और खोज करनी होगी।