भारत के सर्वोच्च न्यायालय (सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया) में आज यानी 11 जुलाई को कई महत्वपूर्ण केसों पर सुनवाई हुई। इस लेख में हम सुप्रीम कोर्ट में आज सुने गए खास केसों के बारे में बताने जा रहे हैं। तो आइए नजर डालते हैं।
* सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के प्रमुख के रूप में संजय कुमार मिश्रा की सेवा विस्तार की दो अधिसूचनाएं अवैध हैं। अधिसूचना में मिश्रा को 2021 और 2022 में उनके कार्यकाल में एक-एक साल का विस्तार दिया गया था।
* सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वे 2 अगस्त, 2023 को जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई शुरू करेंगे। सुनवाई रोजाना होगी।
* सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) से कहा कि वह अडानी समूह के स्टॉक मूल्य हेरफेर के आरोपों की विस्तारित समय सीमा 14 अगस्त तक अपनी जांच पूरी कर ले।
* सुप्रीम कोर्ट ने 2002 के गुजरात दंगों के दौरान बिलकिस बानो के साथ सामूहिक बलात्कार और उसके परिवार के सात सदस्यों की हत्या के दोषी 11 लोगों की शीघ्र रिहाई को चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई 17 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी है।
* सुप्रीम कोर्ट ने एक तथ्य-खोज मिशन के तहत मणिपुर राज्य की यात्रा के लिए पुलिस द्वारा दर्ज की गई एक एफआईआर के संबंध में एक महिला वकील को गिरफ्तारी से बचाया।
* सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को ढेर सारे अनुरोधों पर अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए 31 अक्टूबर तक का समय दिया है, जो 1991 के एक कानून में विशिष्ट नियमों पर सवाल उठाते हैं। यह कानून कहता है कि लोग 15 अगस्त 1947 के बाद पूजा स्थल को पुनः प्राप्त करने के लिए मुकदमा दायर नहीं कर सकते हैं या इसमें बदलाव की मांग नहीं कर सकते हैं।
* सुप्रीम कोर्ट ने अजय कुमार मिश्रा के बेटे आशीष को कुछ और समय के लिए अंतरिम जमानच की इजाजत दे दी है। उन पर 2021 में लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा से जुड़े आरोप हैं। कोर्ट ने उन्हें 26 सितंबर तक अंतरिम जमानत दी है।
* सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के उस फैसले पर रोक लगा दी है, जिसमें दिल्ली के उपराज्यपाल को यमुना नदी की सफाई के लिए एक हाई लेवल कमेटी का नेतृत्व करने को कहा गया था।
* सुप्रीम कोर्ट ने अपने पिछले फैसले को बदलते हुए कहा है कि कानून निर्माताओं से जुड़े मामले देखने वाले जजों के ट्रांसफर के लिए उनकी इजाजत की जरूरत नहीं है। हालांकि, कुछ शर्तें हैं, जैसे उच्च न्यायालय जहां न्यायाधीश काम करते हैं उनका ट्रांसफर करने से पहले मुख्य न्यायाधीश से अप्रूवल प्राप्त करना जरूरी है।
* सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) से पूछा है कि अदाणी समूह पर लगे कथिततौर पर शेयर कीमतों में हेरफेर के आरोपों की जांच में वे कहां तक पहुंचे हैं। कोर्ट ने उन्हें जल्द जांच पूरी कर किसी नतीजे पर पहुंचने के लिए 14 अगस्त तक का और वक्त दिया है।