जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने संयुक्त राष्ट्र में भारत के जल क्षेत्र में 240 अरब डॉलर से अधिक का निवेश करने और दुनिया में सबसे बड़े बांध पुनर्वास कार्यक्रम को लागू करने के साथ ही भूजल स्तर को बढ़ाने के प्रयास करने को लेकर प्रतिबद्धता जतायी। शेखावत ने गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र जल सम्मेलन 2023 को संबोधित करते हुए जल सुरक्षा सुनिश्चित करने, सभी के लिए स्वच्छ जल मुहैया कराने तथा स्वच्छता के सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी)-6 को प्राप्त करने की दिशा में भारत में किए जा रहे महत्वाकांक्षी कार्यक्रमों तथा प्रयासों को रेखांकित किया।
संयुक्त राष्ट्र महासभा में शेखावत ने कहा, ‘‘ हम निजी नवप्रवर्तक, स्टार्ट-अप्स और जल-उपयोगकर्ता संघों के साथ साझेदारी में सरकारी संसाधनों के माध्यम से जल क्षेत्र में 240 अरब डॉलर से अधिक का निवेश करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। भारत स्वच्छता और पेयजल तक सार्वभौमिक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए दो प्रमुख मिशन लागू कर रहा है।’’
उन्होंने कहा कि भारत जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों को रोकने संबंधी उपायों को और अधिक लचीला बनाने के लिए जल भंडारण बुनियादी ढांचे के निर्माण के वास्ते दुनिया के सबसे बड़े बांध पुनर्वास कार्यक्रम पर काम कर रहा है।
इसके अलावा देश के अनूठे भूगोल के कारण, भारत दुनिया में भूजल के सबसे बड़े उपयोगकर्ताओं में से एक है। उन्होंने कहा कि हालांकि आज भारत भूजल स्तर को बढ़ाने और ग्रामीण जल सुरक्षा योजनाओं के माध्यम से मांग और आपूर्ति पक्ष को साथ लाने की दिशा में काम कर रहा है।
इस बीच, संयुक्त राष्ट्र के जल सम्मेलन में नीदरलैंड के अंतरराष्ट्रीय जल मामलों के विशेष दूत एवं संयुक्त राष्ट्र 2023 जल सम्मेलन के शेरपा हेंक ओविंक ने कहा कि भारत की अपने जल क्षेत्र में सुधार की बड़ी महत्वाकांक्षाएं हैं और देश की सबसे लंबी नदी के कायाकल्प के लिए ‘नमामि गंगे’ मिशन ‘‘उम्मीद की किरण’’ है।
उन्होंने कहा, ‘‘ गंगा नदी समाज में प्रतिष्ठित और महत्वपूर्ण धाराओं में से एक है जो महत्वपूर्ण संसाधनों के महत्व को समझने में हमारी मदद करती है।’’
ओविंक ने ‘नमामि गंगे – गंगा नदी तथा उसके पारिस्थितिकी तंत्र के संरक्षण व कायाकल्प की दिशा में एक एकीकृत व समग्र दृष्टिकोण’ विषय पर आयोजित एक सत्र में यह बयान दिया। जल सम्मेलन में औपचारिक रूप से जल व स्वच्छता पर कार्रवाई के लिए संयुक्त राष्ट्र के एक दशक (2018-2028) में किए जाने वाले कार्यों की मध्यावधि समीक्षा की गई। यह सम्मेलन संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में हो रहा है। ताजिकिस्तान और नीदरलैंड इसकी मेजबानी कर रहे हैं।
22 से 24 मार्च तक जारी सम्मेलन में जो भी निष्कर्ष निकलकर आएगा, उसे सतत विकास पर संयुक्त राष्ट्र के उच्च-स्तरीय राजनीतिक मंच के 2023 सत्र में शामिल किया जाएगा।