Salary Hike: नए फाइनैंशियल ईयर की शुरुआत के साथ ही अप्रेजल (appraisal) का मौसम भी शुरू हो गया है। टैलेंट कंपनी रैंडस्टैड इंडिया (Randstad India) द्वारा बिजनेस स्टैंडर्ड के साथ शेयर की गई विशेष जानकारी के अनुसार, इस साल भारत में औसत कॉर्पोरेट वेतन वृद्धि (average corporate salary increment) सभी स्तरों पर 8-11 प्रतिशत के बीच होने की संभावना है। जूनियर कर्मचारियों को सीनियर कर्मचारियों के मुकाबले ज्यादा इंक्रीमेंट मिलने की संभावना है।
जानकारी में बताया गया है कि 0 से 5 साल के कार्य अनुभव (work experience) वाले जूनियर पेशेवरों को 10 से 11 प्रतिशत की सीमा में उच्चतम वेतन वृद्धि मिलने की उम्मीद है। भारत के टियर-I और टियर-II शहरों में फ्रेशर्स और जूनियर पेशेवरों को काम पर रखने की मांग और विश्वास समान रूप से ज्यादा है।
रैंडस्टैड इंडिया के सीईओ और प्रबंध निदेशक विश्वनाथ पीएस ने कहा, “यह स्वीकार करना महत्वपूर्ण है कि वेतन धीरे-धीरे ज्यादा से ज्यादा कौशल और परिणाम-आधारित होता जा रहा है, यही कारण है कि अत्यधिक विशिष्ट और विशिष्ट स्किल सेट वाले पेशेवर के साथ सैलरी पर चर्चा के मामले में अधिक लचीलापन दिखाया जाता है।”
सूचना में कहा गया है कि कंपनियां फ्रेशर्स और जूनियर लेवल के उम्मीदवारों को काम पर रखने और उन्हें संगठन की जरूरतों के अनुसार कौशल प्रदान करने की रणनीति तेजी से अपना रही हैं और इसने उद्योगों को फायदा हो रहा है।
15 वर्ष से अधिक के कार्य अनुभव वाले सीनियर पेशेवरों के लिए, औसत वेतन वृद्धि सभी स्तरों पर सबसे कम, 8-9 प्रतिशत की सीमा में होने की संभावना है। मध्यम स्तर के पेशेवरों का वेतन औसतन 9-10 प्रतिशत बढ़ने की संभावना है।
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बात करे सेक्टर की तो, सबसे अधिक वेतन वृद्धि इंटरनेट/ई-कॉमर्स, विनिर्माण और बैंकिंग, वित्तीय सेवाओं और बीमा (BFSI) कंपनियों में होने की संभावना है। इस साल इनमें औसतन 10-12 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।
रैंडस्टैड इंडिया ने कहा कि ई-कॉमर्स उद्योग अधिक वैल्यू जोड़ने वाला मॉडल बन गया है, जिससे मध्यम और सीनियर लेवल के प्रबंधकों की मांग बढ़ रही है जो विकास को गति दे सकते हैं। विनिर्माण क्षेत्र में, वेतन वृद्धि का श्रेय प्रौद्योगिकी में प्रगति, कुशल व्यक्तियों की बढ़ती मांग और इनोवेशन, रिसर्च के साथ-साथ ऑटोमेशन पर जोर को दिया जा सकता है। BFSI सेक्टर में भी कुशल कार्यबल की मांग अधिक है।
हालांकि, सूचना प्रौद्योगिकी और सूचना प्रौद्योगिकी-सक्षम सेवाओं (IT/ITeS) में कमजोर ग्लोबल रुझानों के कारण 7 से 9 प्रतिशत की सबसे कम वेतन वृद्धि देखी जा सकती है।