Zee Entertainment layoff: भारत में छंटनी का दौर खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। आज यानी शुक्रवार को ज़ी एंटरटेनमेंट (Zee Entertainment ) ने वित्त वर्ष 25 (FY25) के पहले महीने में ही 15 फीसदी कर्मचारियों की छंटनी करने का ऐलान कर दिया है। मीडिया एंटरटेनमेंट कंपनी ने कहा कि वह लागत में कमी करने के लिए यह कदम उठा रही है।
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, ज़ी एंटरटेनमेंट में करीब 4,577 कर्मचारी काम करते हैं, जिनमें से करीब 700 कर्मचारी बाहर निकाल दिए जाएंगे।
कंपनी ने बताया कि वह लागत में कटौती करके मुनाफे को बढ़ाना चाहती है। साथ ही साथ कंपनी का लक्ष्य अपने अंग्रेजी टीवी चैनलों सहित अपने बिजनेस में घाटे को कम करना है।
गौरतलब है कि चालू वित्त वर्ष की मार्च तिमाही के लिए जल्द ही कंपनियों के रिजल्ट्स आने शुरू हो जाएंगे। ज़ी की भी तिमाही और सालाना परफॉर्मेंस देखने को मिलेगी। अगर पिछली तिमाही की बात की जाए तो इसे इसका मुनाफा सालाना आधार पर (YoY) 140 फीसदी बढ़कर 58.5 करोड़ रुपये हो गया था, मगर इसके रेवेन्यू में 2.99 फीसदी की गिरावट आई थी।
बता दें कि इस साल की जनवरी में ज़ी एंटरटेनमेंट के दौ सौदे असफल हो गए थे। पहला सौदा ऐसा था, जो अगर सफल हो गया होता तो कंपनी 10 बिलियन डॉलर के मूल्यांकन के साथ भारत की सबसे बड़ी मीडिया एंटरटेनमेंट कंपनी होती। वह सौदा था- ज़ी एंटरटेनमेंट और सोनी इंडिया के साथ विलय (Zee-Sony merger) का।
इसके आलावा, कंपनी वॉल्ट डिज़्नी (Walt Disney) के साथ 1.4 बिलियन डॉलर की क्रिकेट ब्रॉडकास्टिंग की डील करने वाली थी, लेकिन यह भी विफल रही।
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक इस सप्ताह की शुरुआत में, Zee के मुख्य कार्यकारी (CEO) पुनीत गोयनका ने 20 फीसदी वेतन कटौती की। गोयनका ने आज ब्रॉडकास्टिंग, डिजिटल, फिल्मों और म्यूजिक पर अपने बिजनेस को फोकस करने के लिए कंपनी के रिस्ट्रक्चर का भी प्रस्ताव रखा।
साल 2024 में ही मार्च के अंत में Zee Entertainment Enterprises ने अपने रिसोर्सेज को ऑप्टिमाइज करने के लिए अपने बेंगलूरु के टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन सेंटर (TIC) में 50 फीसदी कर्मचारियों की छंटनी की थी। हालांकि उस समय कंपनी ने बाहर निकाले गए कर्मचारियों की संख्या के बारे में जानकारी नहीं दी थी। ज्यादा जानकारी के लिए लिंक पर क्लिक करें।
BSE पर Zee का शेयर आज 152 रुपये पर बंद हुआ और उसका कुल मूल्यांकन (mcap) 14,628 करोड़ रुपये था। इस साल जनवरी में जापान की कंपनी सोनी कॉरपोरेशन की भारतीय इकाई और ज़ी के बीच विलय का समझौता टूटने के बाद से Zee का शेयर दबाव में है। इस साल 1 जनवरी से अभी तक कंपनी का शेयर 44.55 फीसदी लुढ़क चुका है।