केंद्र ने शुक्रवार को दिल्ली से मेरठ के बीच 30 हजार करोड़ रुपये की लागत से बनाई जा रही रैपिड रीजनल ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) सेवा के एक खंड की शुरुआत की। ‘नमो भारत’ ट्रेन सेवा उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के साहिबाबाद और दुहाई डिपो के बीच चलेगी। 17 किलोमीटर की दूरी तय करने वाली इस ट्रेन को पहले रैपिडएक्स कहा जाता था।
आरआरटीएस सेवा के उद्घाटन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आने वाले वर्षों में भारत में ऐसे कई कॉरिडोर शुरू किए जाएंगे। दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस की मार्च 2019 में आधारशिला रखी गई थी।
इस सेवा के शुरू हो जाने से लोग घंटे भर से भी कम वक्त में दिल्ली से मेरठ पहुंच जाएंगे। यह सेवा गाजियाबाद, मुरादनगर और मोदीनगर के शहरी इलाकों से होकर गुजर रही है। ट्रेन में पांच साधारण कोच हैं।
इसमें एक महिलाओं के लिए आरक्षित और एक प्रीमियम कोच भी है। साधारण कोच का किराया 20 से 50 रुपये के बीच रहेगा जबकि प्रीमियम कोच में सफर करने वाले यात्रियों को दूरी के अनुसार 40 से 100 रुपये खर्च करने पड़ेंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने आगामी लोकसभा चुनाव पर बात करते हुए कहा कि पूरे गलियारे के अगले डेढ़ वर्षों में यानी साल 2024 से 2025 के बीच चालू होने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा, ‘दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस का मेरठ हिस्सा अगले एक से डेढ़ साल में तैयार हो जाएगा और मैं तब भी आपकी सेवा करूंगा।’ राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में कुल आठ आरआरटीएस कॉरिडोर की पहचान की गई है, जिनमें से तीन कॉरिडोर को पहले चरण में लागू करने के लिए प्राथमिकता दी गई है। इसमें दिल्ली- गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर शामिल है।
इसके अलावा दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी (शाहजहांपुर)-अलवर कॉरिडोर और दिल्ली-पानीपत कॉरिडोर को भी विकसित किया जाएगा। 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली सेमी हाईस्पीड ट्रेनें गुजरात के सावली में फ्रांसीसी रोलिंग स्टॉक कंपनी एल्सटॉम द्वारा तैयार की गई हैं।