अयोध्या के राम मंदिर में सोमवार को प्राण प्रतिष्ठा के आयोजन के बीच देश भर में भगवान राम के आदमकद कटआउट, जय श्रीराम वाले भगवा झंडे, पोस्टर, बैनर, झांकियां और शोभा यात्राओं के जरिये जश्न का माहौल देखा गया। अयोध्या से करीब 136 किलोमीटर दूर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में राम लला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होते ही आतिशबाजी होने लगी।
पत्रकारपुरम, हजरतगंज, अमीनाबाद, जानकीपुरम के प्रमुख बाजारों में व्यापारियों ने मिठाइयां बांटी। सोमवार शाम को दीये जलाने की तैयारी जोर-शोर से देखी गई। अमीनाबाद के निवासी विनय तिवारी ने बताया, ‘हमारे लिए यह दूसरी दीवाली जैसा है। हम शाम को दीये जला रहे हैं।’
राजधानी के प्रमुख सार्वजनिक स्थलों, बाजार, निजी इमारतों को भगवान राम के बड़े कटआउट, राम से जुड़े झंडे, पोस्टर और बैनर आदि से सजाया गया था। उत्तर प्रदेश के कारोबारी संगठन, आदर्श व्यापार मंडल के अध्यक्ष संजय गुप्ता ने बताया कि लखनऊ और अन्य शहरों में जश्न के इस माहौल के बीच भंडारा का आयोजन किया गया।
दिल्ली में विशाल लड्डू
नई दिल्ली के कनॉट प्लेस के हनुमान मंदिर में दिन की शुरुआत पूजा और सुंदरकांड के पाठ शुरू हुई। मंदिर परिसर में लगे एक बड़े स्क्रीन पर अयोध्या में हो रहे अनुष्ठान का सीधा प्रसारण दिखाया जा रहा था जिससे काफी भीड़ बढ़ गई।
मंदिर के पुजारियों के मुताबिक दिन के 12 बजे तक मंदिर आने वालों की संख्या एक लाख से अधिक थी और यह आंकड़ा रोजाना आने वाले 5,000 श्रद्धालुओं से काफी अधिक है।
देश की राजधानी दिल्ली का पॉश बाजार कनॉट प्लेस जय श्री राम के झंडे से सजा हुआ था और इनर सर्कल में एक बड़ी स्क्रीन लगाई गई थी जहां से अयोध्या के कार्यक्रम का सीधा प्रसारण हो रहा था। नई दिल्ली के व्यापारी संगठन ने लाइट ऐंड साउंड शो आयोजित करने की योजना बनाई थी लेकिन यह शो रद्द कर दिया गया। हालांकि इस संगठन ने एक लाख से अधिक दीये जलाने का फैसला किया।
इसके अलावा बाजार की मूर्ति पर 11 किलोग्राम के लड्डू चढ़ाए गए। पड़ोस के खान मार्केट में भी सोमवार की सुबह इस बाजार में मौजूद गोपाल मंदिर में पूजा के साथ हुई। इसके बाद मूर्ति के साथ एक रथ यात्रा निकाली गई।
करीब सात करोड़ कारोबारियों और विभिन्न कारोबारी संगठनों का प्रतिनिधित्व करने वाले कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने भी कई कार्यक्रमों की पहल की। कैट के राष्ट्रीय महासचिव प्रवीन खंडेवाल ने कहा कि दिल्ली के बाजारों में श्रीराम से जुड़े कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। इनमें सुंदरकांड का पाठ कराने के साथ ही हनुमान चालीसा, भंडारा आदि के साथ-साथ अयोध्या से सीधा प्रसारण का आयोजन भी शामिल है।
देश भर में 10,000 एलईडी स्क्रीन लगाई गई हैं और करीब 50,000 जगहों पर सुंदरकांड, हनुमान चालीसा और कीर्तन का आयोजन किया गया। इसके अलावा श्रीराम के गीत और भजन वाले 10,000 संगीत के कार्यक्रम भी आयोजित कराए गए। इसके अलावा व्यापारियों ने 5,000 जुलूस निकाले और करीब 25,000 भंडारा के कार्यक्रमों का आयोजन किया।
मुंबई में बाजार बंद
मुंबई के निवासी भगवा, सफेद और लाल रंग की पोशाक में दादर के शिवाजी पार्क में इकट्ठा हुए। यहां भी भगवा झंडे अपनी बाइक पर लगाए युवक-युवती इस पार्क के आसपास कई जुलूस में शामिल हुए। राम मंदिर के प्रतिरूप को एक ट्रक पर रखा गया था और पूरा जुलूस पीछे चल रहा था।
यहां मौजूद लोगों ने बताया कि वे मंदिर की सुंदर प्रतिरूप को देखने के लिए आए हैं जिसे हरे, नीले और भगवे रंग की लाइटों से सजाया गया था। दादर में चारों ओर सड़कों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भगवान राम के बड़े-बड़े कटआउट और पोस्टर लगे हैं। इन पोस्टरों में नीचे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का नाम भी लिखा है।
मुंबई में आज 70 फीसदी से भी अधिक बाजार खुले रहे, लेकिन इनमें भी दुकानदार राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा की खुशी मनाते दिखे। कैट के महाराष्ट्र चैप्टर के महासचिव शंकर ठक्कर ने कहा, ‘मुंबई में कई बाजारों में अयोध्या में चल रहे प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का सीधा प्रसारण करने के लिए स्क्रीन लगाई गई थीं। कई जगह दीये जलाए गए। हर तरफ उत्सव सा माहौल रहा।’ उन्होंने यह भी कहा कि नवी मुंबई के एपीएमसी बाजार में भी प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का सीधा प्रसारण किया गया।
कोलकाता में निकाली गई रैली
कोलकाता के सेंटर एवेन्यू में 1941 में स्थापित राम मंदिर सोमवार को सबके आकर्षण का केंद्र रहा। इस मंदिर का संचालन करने वाले सेठ सूरजमल जालान ट्रस्ट के ट्रस्टी हेमंत जालान ने कहा कि यहां सुबह के समय भजन कार्यक्रम आयोजित किए गए और बाद में प्राण प्रतिष्ठा का सीधा प्रसारण किया गया।
उन्होंने कहा, ‘इसके बाद आरती का आयोजन किया गया और फिर श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया गया।’ इस मौके पर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस भी मौजूद थे, जिन्होंने रामायण यात्रा को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
राम मंदिर के अलावा भी शहरभर में भारतीय जनता पार्टी के नेताओं और अन्य राम भक्तों ने जय श्रीराम का उद्घोष करते हुए झांकियां निकालीं। पूरे शहर में भक्तों का जोश देखते ही बन रहा था। भाजपा विधायक और पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने सनातनी शोभा यात्रा का नेतृत्व किया जो बैकुंठ नाथ मंदिर से शुरू होकर राम मंदिर तक चली।
सुबह के समय जहां राम मंदिर के आसपास उत्सव-अनुष्ठान होते रहे, दोपहर बाद तीन बजे तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सामाजिक सौहार्द के लिए रैली में हिस्सा लिया। बनर्जी ने दक्षिणी कोलकाता के कालीघाट मंदिर में पूजा अर्चना की और हाजरा पार्क से रैली को हरी झंडी दिखाई।
वह चर्च और मस्जिद में भी गईं और स्कूटी पर सवार होकर गुरुद्वारा जाकर भी मत्था टेका। शहर में सोमवार को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रही और इसके लिए लगभग 4000 पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे। हालांकि जाधवपुर विश्वविद्यालय परिसर में एबीवीपी कार्यकर्ताओं द्वारा भगवान राम की पूजा के कार्यक्रम को लेकर थोड़ी देर के लिए तनाव की स्थिति बन गई थी।
दक्षिणी राज्य भी पीछे नहीं
तेलंगाना और आंध्र प्रदेश जैसे दक्षिण के राज्यों में भी माहौल राममय था। हैदराबाद के आभूषण व्यापारी ने अयोध्या के लिए हीरों की माला भेजी गई तो तिरुमाला तिरुपति देवास्तानम (टीटीडी) ट्रस्ट बोर्ड द्वारा एक लाख लड्डू और मंदिर के लिए लकड़ी के 118 दरवाजे भेजे गए। प्रदेश भर के मंदिरों में सोमवार को पूजा अर्चना की गई।
तमिलनाडु सरकार ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का सीधा प्रदर्शन करने के लिए एलईडी स्क्रीन लगाने की इजाजत नहीं दी। प्राण प्रतिष्ठा का सीधा प्रसारण देखने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को भी आना था। इसके बाद उनका कार्यक्रम बदला गया और निर्मला ने कांचीपुरम में स्क्रीन पर प्राण प्रतिष्ठा समारोह देखा।
कर्नाटक सरकार ने इस दिन छुट्टी घोषित नहीं की थी, हालांकि सरकार ने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की खुशी में मंदिरों में विशेष पूजा करने के निर्देश दिए थे। निजी स्कूलों को भी छुट्टी घोषित करने के बजाय अपने यहां सीधा प्रसारण करने के लिए कहा गया था। केरल में हिंदू संगठनों ने मंदिरों में प्राण प्रतिष्ठा के सीधे प्रसारण की व्यवस्था की थी। प्रदेश के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और भाजपा नेताओं ने कई मंदिरों में ऐसे कार्यक्रम में हिस्सा लिया।