राजस्थान

BS Samriddhi 2025: ‘राजस्थान की सबसे बड़ी खासियत निवेशकों को मिलने वाला शांतिपूर्ण वातावरण, आपसी सौहार्द और मूल्य आधारित संबंध हैं’

Panelists ने ‘इन्वेस्ट राजस्थान: एक आर्थिक रोडमैप’ विषय पर आयोजित पैनल चर्चा में अपनी बात रखी। पैनल चर्चा ‘बिज़नेस स्टैंडर्ड समृद्धि - राजस्थान 2025’ के तहत आयोजित की गई थी।

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बीएस संवाददाता   
Last Updated- August 20, 2025 | 8:37 PM IST

राजस्थान की सबसे बड़ी खासियत निवेशकों को मिलने वाले प्रोत्साहन या विकसित अधोसंरचना नहीं, बल्कि यहां का शांतिपूर्ण वातावरण, आपसी सौहार्द और मूल्य आधारित संबंध हैं। यह बात राजस्थान वित्त निगम के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक सुबोध अग्रवाल ने ‘इन्वेस्ट राजस्थान: एक आर्थिक रोडमैप’ विषय पर आयोजित पैनल चर्चा में कही। यह पैनल चर्चा ‘बिज़नेस स्टैंडर्ड समृद्धि – राजस्थान 2025’ के तहत आयोजित की गई थी। इसी अवसर पर बिज़नेस स्टैंडर्ड ने जयपुर से अपना 14वां अंग्रेजी और 7वां हिंदी संस्करण भी लॉन्च किया। इस चर्चा का संचालन अखबार के संपादकीय निदेशक अशोक कुमार भट्टाचार्य ने किया। पैनल में अग्रवाल के साथ डेटा ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज के प्रबंध निदेशक अजय डेटा और PHDCCI (राजस्थान चैप्टर) के चेयरमैन दिग्विजय धाबड़िया भी शामिल थे।

“मूल्य प्रणाली ही राजस्थान का सबसे बड़ा निवेश आकर्षण” – सुबोध अग्रवाल

सुबोध अग्रवाल ने कहा, “निवेश प्रोत्साहन योजनाएं जैसे RIPS 2015 आती-जाती रहती हैं और हर बार उनमें कुछ बेहतरी होती है, लेकिन निवेशक असल में राजस्थान इसलिए आते हैं क्योंकि यहां उन्हें स्थायित्व, मूल्य प्रणाली और शांति का वातावरण मिलता है।” उन्होंने यह भी कहा कि राज्य की प्रगति का एक प्रमुख आधार इसके प्राकृतिक संसाधन हैं, जिनका कुशल उपयोग करके विकास को गति दी जा सकती है।

“स्टार्टअप को बढ़ावा देना ज़रूरी” – अजय डेटा

अजय डेटा ने कहा कि अगर राजस्थान को अगले तीन वर्षों में 15 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 30 लाख करोड़ रुपये की अर्थव्यवस्था बनना है, तो राज्य को स्टार्टअप और नवाचार के क्षेत्र में तेजी से काम करना होगा। उन्होंने बताया कि वर्तमान में राजस्थान में लगभग 5000 स्टार्टअप हैं, जो देश की कुल स्टार्टअप संख्या का सिर्फ 5 प्रतिशत हैं। आने वाले तीन वर्षों में इसे बढ़ाकर कम से कम 1 लाख स्टार्टअप किया जाना चाहिए। अजय डेटा ने कहा, “एक स्टार्टअप औसतन 15 लोगों को रोजगार देता है। इसका मतलब है कि 1 लाख स्टार्टअप्स से राज्य में करीब 15 लाख युवाओं को रोजगार मिल सकता है,” 

डेटा ने सुझाव दिया कि राज्य को स्टार्टअप ईकोसिस्टम के साथ-साथ कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EV) जैसे क्षेत्रों में तकनीकी प्रतिभा को आकर्षित करने पर फोकस करना चाहिए। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि शासन में हर स्तर पर मौजूद ‘फ्रिक्शन’ (अवरोध) को दूर किया जाना चाहिए, जो विकास में बाधा बनते हैं।

“कारोबार की सहजता और लागत पर देना होगा ध्यान” – दिग्विजय धाबड़िया

PHDCCI राजस्थान चैप्टर के चेयरमैन दिग्विजय धाबड़िया ने कहा कि राज्य को Ease of Doing Business (EoDB) के साथ-साथ कारोबार की लागत को कम करने पर भी ध्यान देना होगा। उन्होंने भूमि अधिग्रहण को निवेश के लिए महत्वपूर्ण मुद्दा बताते हुए कहा कि मौजूदा व्यवस्था जिसमें सरकार तय कीमत पर भूमि उपलब्ध करवा रही है, पहले की नीलामी प्रणाली से अलग है और दोनों के अपने फायदे और नुकसान हैं।

धाबड़िया ने कहा, “मेरे अनुसार सबसे प्रभावी मॉडल चीन का मॉडल है, जिसमें उद्योगों को ज़मीन खरीदने और अपनी जरूरत के अनुसार उसका उपयोग बदलने की आज़ादी मिलती है,” – उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान भूमि अधिग्रहण प्रणाली कितनी सफल है, इसका आकलन तभी होगा जब सरकार से एमओयू साइन करने वाली कंपनियों को ज़मीन अलॉट की जाएगी। धाबड़िया ने सुझाव दिया कि राज्य को गुरुग्राम की तर्ज पर सैटेलाइट टाउनशिप्स विकसित करनी चाहिए ताकि निवेश और शहरी विकास को बढ़ावा मिल सके।

पैनल विशेषज्ञों ने स्पष्ट किया कि राजस्थान को निवेशकों के लिए और अधिक आकर्षक बनाने हेतु केवल नीति या योजनाएं नहीं, बल्कि मानव संसाधन, नवाचार, तकनीकी निवेश, भूमि सुधार और कारोबारी वातावरण को भी समान रूप से मजबूत करना होगा। राज्य के पास अपार संभावनाएं हैं, लेकिन साथ ही कई चुनौतियां भी हैं जिनका समाधान करना ज़रूरी है।

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First Published : August 20, 2025 | 6:20 PM IST