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गरीब राज्य 2023 की पहली छमाही में औपचारिक रोजगार पैदा करने में आगे रहे

जनवरी से जून के दौरान के पेरोल के आंकड़ों से पता चलता है कि राष्ट्रीय स्तर पर कुल शुद्ध पेरोल में 9.5 प्रतिशत वृद्धि हुई है और यह 83.1 लाख हो गई है

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शिवा राजौरा   
Last Updated- August 31, 2023 | 11:37 PM IST

औपचारिक नौकरियों के सृजन में 2023 की पहली छमाही के दौरान गरीब राज्यों असम (33 प्रतिशत), उत्तराखंड (28.6 प्रतिशत), बिहार (21.1 प्रतिशत) और झारखंड (20.5 प्रतिशत) ने अहम भूमिका निभाई है। रोजगार के आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि अनौपचारिक रोजगार बहुत तेजी से औपचारिक रोजगार में बदला है।

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के पेरोल डेटा के विश्लेषण से पता चलता है कि प्रमुख 24 राज्यों में से 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में शुद्ध पेरोल कर्मचारियों की संख्या बढ़ी है। इस तरह से 2023 के पहले 6 महीनों में कार्यबल औपचारिक हुआ है और पिछले साल की समान अवधि की तुलना में ज्यादा नौकरियों का सृजन हुआ है।

शुद्ध पेरोल में वृद्धि की गणना नए सबस्क्राइबरों की संख्या, बाहर निकलने वालों की संख्या और पुराने सबसक्राइबरों के वापस आने के हिसाब से किया जाता है। ईपीएफओ किसी खास राज्य के नए सबस्क्राइबरों के अलग से आंकड़े जारी नहीं करता है।

जनवरी से जून के दौरान के पेरोल के आंकड़ों से पता चलता है कि राष्ट्रीय स्तर पर कुल शुद्ध पेरोल में 9.5 प्रतिशत वृद्धि हुई है और यह 83.1 लाख हो गई है, जो पिछले साल की समान अवधि में 76 लाख थी। केंद्र शासित प्रदेशों में शुद्ध पेरोल में वृद्धि सबसे ज्यादा 23 प्रतिशत चंडीगढ़ में और उसके बाद दिल्ली में 21.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

टीमलीज सर्विसेज की सह संस्थापक ऋतुपर्ण चक्रवर्ती का कहना है कि शुद्ध पेरोल में वृद्धि से अर्थव्यवस्था में न सिर्फ नई नौकरियों के सृजन का पता चलता है, बल्कि मौजूदा अनौपचारिक नौकरियों के औपचारिक होने का भी पता चलता है।

उन्होंने कहा, ‘आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना जैसी पहल के साथ सरकार ने अनौपचारिक कामगारों को सामाजिक सुरक्षा संगठन के दायरे में लाने पर भी ध्यान बढ़ाया है। परिणामस्वरूप मध्य व पूर्वी भारत के परंपरागत रूप से कम औद्योगिक राज्यों में ज्यादा वृद्धि दर्ज हुई है।’

इंपैक्ट ऐंड पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट के विजिटिंग प्रोफेसर केआर श्यामसुंदर का कहना है कि शुद्ध पेरोल संख्या में वृद्धि नौकरियों के सृजन का सही आंकड़ा नहीं है बल्कि नौकरियों के औपचारिक होने का अधिक संकेतक है।

इसके अलावा असम में शुद्ध पेरोल में वृद्धि में सबसे ज्यादा 28 प्रतिशत बढ़ोतरी युवा सबस्क्राइबरों की है, जो 18 से 28 साल उम्र के होते हैं। यह सामान्यतया पहली बार रोजगार के बाजार में आए लोग होते हैं। इसके बाद बिहार (25.8 प्रतिशत) और उत्तराखंड (22.4 प्रतिशत) का स्थान है।

बहरहाल कर्नाटक (-8.3 प्रतिशत), आंध्र प्रदेश (-0.9 प्रतिशत) और जम्मू कश्मीर (-2.4 प्रतिशत) में शुद्ध पेरोल संख्या में कमी आई है। बहरहाल कुल मिलाकर महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 1,30,439 लोग पेरोल में जुड़े हैं। उसके बाद दिल्ली (1,18,076), गुजरात (86,402) और तमिलनाडु (71,779) का स्थान है।

First Published : August 31, 2023 | 11:37 PM IST