Pollution-Delhi industry: दिल्ली सरकार सर्दियों में बढ़ रहे प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए औद्योगिक प्रदूषण पर सख्त नजर रखने जा रही है। सरकार ने औद्योगिक इकाइयों के लगातार निरीक्षण के लिए टीमें गठित की हैं। औद्योगिक अपशिष्ट के उचित निपटान की निगरानी के लिए पेट्रोलिंग टीमों के माध्यम से नजर रखी जाएगी। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने शहर में औद्योगिक प्रदूषण को लेकर दिल्ली सचिवालय में समीक्षा बैठक की। इस बैठक में दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी), पर्यावरण विभाग, दिल्ली राज्य औद्योगिक व अवसंरचना विकास निगम (डीएसआईआईडीसी) और दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के अधिकारी मौजूद रहे।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया सर्दियों के मौसम में होने वाले प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए 25 सितंबर को सरकार द्वारा 21 फोकस बिंदुओं पर आधारित विंटर एक्शन प्लान की घोषणा की गई थी। दिल्ली में वायु प्रदूषण में और सुधार लाने के लिए विंटर एक्शन प्लान के तहत औद्योगिक प्रदूषण पर निगरानी और उसके अपशिष्ट प्रबंधन का कार्य शुरू हो गया है।
औद्योगिक प्रदूषण के खिलाफ अभियान के तहत पूरी दिल्ली में 3 विभागों की 191 पेट्रोलिंग टीम को औद्योगिक अपशिष्ट की डंपिंग के उचित निपटान की निगरानी के लिए तैनात करने का निर्णय लिया गया है। साथ ही डीपीसीसी और डीएसआईआईडीसी की 58 टीमें औद्योगिक इकाइयों के लगातार निरीक्षण के कार्य में तैनात की गई है।
यह सभी टीमें दिल्ली में सभी औद्योगिक इकाइयों पर निगरानी रखने और उनके द्वारा प्रदूषण को रोकने के लिए त्वरित कदम उठाने का कार्य करेगी। इन टीमों को समय समय पर रिपोर्ट पर्यावरण विभाग को देनी होगी। डीपीसीसी की टीम को औद्योगिक इकाइयों द्वारा पर्यावरण नियमों के उल्लंघन करने पर , सख़्त कार्रवाई करने का भी आदेश जारी किया गया हैं।
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पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि दिल्ली की 1901 पंजीकृत औद्योगिक इकाईयों को पीएनजी में परिवर्तित कर दिया गया है और उद्योगों को केवल अनुमोदित ईंधन पर संचालित करना अनिवार्य है। यदि कोई भी औद्योगिक इकाई पर्यावरण के नियमों का उल्लंघन करते पाई जाएगी तो उस पर संबंधित विभाग द्वारा उचित और सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
गोपाल राय ने डीपीसीसी और अन्य संबंधित विभागों को निर्देश दिए कि वो औद्योगिक क्षेत्रों से औद्योगिक कचरे का नियमित उठान और उचित वैज्ञानिक निपटान सुनिश्चित करे। साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि औद्योगिक इकाई केवल अनुमोदित ईंधन से ही संचालित हो।