प्रधानमंत्री Narendra Modi ने रविवार को कहा कि Pahalgam में हुआ आतंकी हमला उन लोगों की हताशा को दिखाता है जो आतंकवाद को संरक्षण देते हैं।
‘मन की बात’ कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के दुश्मनों को जम्मू-कश्मीर में लौटती शांति पसंद नहीं आ रही है। उन्होंने कहा, “आतंकियों और उनके सरपरस्तों ने फिर से कश्मीर को तबाह करने के लिए बड़ी साजिश रची है।”
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा, “पहलगाम का आतंकी हमला आतंकवाद के समर्थकों की हताशा और उनकी कायरता को दर्शाता है। जब कश्मीर में शांति लौट रही थी, स्कूल-कॉलेजों में रौनक बढ़ रही थी, लोकतंत्र मजबूत हो रहा था, पर्यटन में उछाल आ रहा था और युवाओं के लिए नए अवसर बन रहे थे, तभी देश और जम्मू-कश्मीर के दुश्मनों को यह सब अच्छा नहीं लगा। आतंकवादी फिर से कश्मीर को तबाह करना चाहते हैं।”
प्रधानमंत्री ने पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों को भरोसा दिलाया है कि उन्हें न्याय जरूर मिलेगा। उन्होंने कहा, “आतंकवाद के खिलाफ इस लड़ाई में देश की एकता और 140 करोड़ भारतीयों की एकजुटता हमारी सबसे बड़ी ताकत है। यही एकजुटता आतंकवाद के खिलाफ हमारी निर्णायक लड़ाई का आधार है। हमें इस चुनौती का सामना करने के लिए अपने संकल्प को और मजबूत करना होगा। पूरे देश को अपनी मजबूत इच्छाशक्ति का प्रदर्शन करना चाहिए। दुनिया देख रही है कि कैसे इस आतंकी हमले के बाद पूरा देश एक आवाज में बोल रहा है।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस घटना को लेकर कड़ा संदेश देते हुए कहा है कि “हत्यारों का पीछा पृथ्वी के अंतिम छोर तक किया जाएगा।”
गौरतलब है कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे। पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) से जुड़ी प्रॉक्सी समूह ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने पहले इस हमले की जिम्मेदारी ली थी, लेकिन बाद में अपने दावे से पीछे हट गया।
भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया घटनाक्रम ने दोनों देशों के रिश्तों में बड़ी कूटनीतिक तल्खी पैदा कर दी है। दोनों देशों ने एक-दूसरे की वीजा सेवाएं निलंबित कर दी हैं और अपने-अपने दूतावासों में राजनयिक उपस्थिति को घटा दिया है।
भारत ने 1960 में हुए सिंधु जल संधि को भी निलंबित कर दिया है, जो दोनों देशों के बीच नदी जल के बंटवारे को लेकर बनी थी। इसके जवाब में पाकिस्तान ने भारत के साथ सभी द्विपक्षीय संधियों को रद्द करने का ऐलान कर दिया है, जिसमें 1972 की शिमला समझौता भी शामिल है। यह समझौता कश्मीर में संघर्षविराम रेखा (LoC) को लेकर दिशानिर्देश तय करता है।
इधर, भारत ने यह भी बताया कि पाकिस्तान की सेना ने लगातार तीसरी रात नियंत्रण रेखा (LoC) पर भारतीय चौकियों पर छोटे हथियारों से गोलीबारी की। भारतीय सेना ने भी इसका मुंहतोड़ जवाब दिया। हालांकि, अब तक किसी प्रकार की जनहानि की सूचना नहीं मिली है।