Pahalgam Terror Attack latest Updates: सुरक्षा संबंधी कैबिनेट समिति (CCS) की ओर से सिंधु जल समझौता निरस्त करने और राजनयिक संबंधों में बड़े पैमाने पर कटौती समते कई बड़े फैसले के बाद केंद्र सरकर ने गुरुवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। इस बैठक में सरकार अलग-अलग राजनीतिक दलों के नेताओं को पहलगाम आतंकी हमले के बारे में जानकारी देगी और उनके विचार जानेगी। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि संभवत: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृह मंत्री अमित शाह नेताओं को जानकारी देंगे। सिंह बैठक की अध्यक्षता करेंगे।
सरकार ने पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान को निशाना बनाकर कई कदम उठाने की घोषणा की है। पहलगाम में मंगलवार को आतंकवादियों के हमले में कम से कम 26 लोगों की मौत हो गई। इनमें अधिकतर पर्यटक थे। सूत्रों ने बताया कि विदेश मंत्री एस जयशंकर भी बैठक को संबोधित कर सकते हैं।
सर्वदलीय बैठक बुलाने का निर्णय बुधवार को लिया गया और राजनाथ सिंह एवं अमित शाह ने विभिन्न दलों से संपर्क किया। राष्ट्रीय सुरक्षा पर गंभीर असर डालने वाली किसी भी घटना के बाद सर्वदलीय बैठक बुलाने की परंपरा रही है, जैसा कि 2019 में पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद या 2020 में भारत-चीन गतिरोध के दौरान देखा गया था। इससे संकट के समय में राष्ट्रीय एकता की तस्वीर पेश होती है और विपक्षी नेताओं को सरकार तक अपने विचार पहुंचाने एवं आधिकारिक स्थिति के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करने का अवसर मिलता है।
भारत ने पहलगाम आतंकवादी हमले के मद्देनजर बुधवार को पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए उसके साथ राजनयिक संबंधों में व्यापक कटौती करने, 1960 की सिंधु जल संधि स्थगित करने और अटारी चौकी को बंद किए जाने समेत कई फैसले किए। पहलगाम में नृशंस हमले में 26 लोगों की मौत के एक दिन बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा संबंधी कैबिनेट समिति (सीसीएस) की बैठक हुई, जिसमें इस कायरतापूर्ण हमले के प्रति भारत के जवाबी कदमों को अंतिम रूप दिया गया तथा सुरक्षा बलों को ‘‘उच्च सतर्कता’’ बनाए रखने का निर्देश दिया गया।
सीसीएस की बैठक में भारत ने दिल्ली स्थित पाकिस्तान हाई कमीशन में तैनात सैन्य, नौसेना और वायुसेना सलाहकारों को “पर्सोना नॉन ग्राटा” (अवांछित व्यक्ति) घोषित कर दिया है। अब उन्हें एक हफ्ते के भीतर भारत छोड़ना होगा। इसी के साथ भारत ने इस्लामाबाद स्थित भारतीय हाई कमीशन से भी अपने रक्षा से जुड़े अधिकारियों को वापस बुलाने का फैसला किया है। दोनों देशों के बीच इन पदों को अब खत्म माना जाएगा। साथ ही भारत सरकार ने SAARC वीज़ा छूट योजना के तहत पाकिस्तानियों को जारी सभी वीज़ा को रद्द कर दिया है।